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किराये के बाल विकास परियोजना कार्यालय में भवन मालिक ने जड़ा ताला

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इटावा आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों को शैक्षिक रूप से मज़बूत बनाया जाए और वहां से सीधे प्राइमरी स्कूलों में पहुंचें। इसी उद्देश्य के तहत हमारा आंगन हमारे बच्चे कार्यक्रम का आयोजन ब्लॉक संसाधन केंद्र पर किया जा रहा है सरकार बच्चों की शिक्षा का स्तर प्री प्राइमरी में ही मजबूत करना चाहती है। आंगनबाड़ी व शिक्षा विभाग के संयुक्त कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे है सरकार का उद्देश्य है कि जब बच्चे आंगनबाड़ी से निकलकर बेसिक विद्यालयों में पहुंचे तो उनके पास पर्याप्त जानकारियां हो ताकि आगे की पढ़ाई करने में उन्हें असुविधा न महसूस हो। कार्यक्रम में खंड शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को आंगनबाड़ी की शिक्षा का स्तर मजबूत करने व आंगनबाड़ी के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है।

किराये के बाल विकास परियोजना कार्यालय में भवन मालिक ने जड़ा ताला

बाराबंकी आंगनवाडी केन्द्रों को किराये के भवन में संचालित करने और विभाग द्वारा एक वर्ष या उससे ज्यादा अवधि तक किराया न मिलने तक आंगनवाडी वर्कर अपनी जेब से पैसे देकर भवन किराया देती है लेकिन जब किराये के बाल विकास परियोजना कार्यालय पर भवन मालिक ताला लगा दे तो इस विभाग का कौन जिम्मेदार होगा जनपद में एक दशक से किराया न मिलने से कारण कस्बा स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय भवन में मकान मालिक ने बुधवार की सुबह ताला बन्द कर दिया।

हैदरगढ़ कस्बा स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय भवन बीते एक दशक से ही किराए पर संचालित किया जा रहा है इस भवन की मालकिन पोखरा निवासिनी श्यामा देवी ने बताया कि बाल विकास परियोजना ने यह भवन दस वर्ष पहले सात हजार रुपये महीने की दर से किराए पर लिया। तब से आज तक एक रूपये भी किराया का नहीं मिला है। श्यामा देवी ने बताया कि अब तक लगभग नौ लाख रुपए किराया बना है। किराया न मिलने की शिकायत अक्टूबर माह में भी सीडीपीओ से एवं माह नवंबर में डीएम से की। लेकिन किसी ने अभी तक संज्ञान में नहीं लिया। इससे विवश होकर भवन में ताला जड़ना पड़ा। सीडीपीओ हसन जहीर जैदी ने बताया कि मकान मालिक की शिकायत विभाग में आईजीआरएस से कर दी है।

बस्ती जनपद में ई-कवच एप्लीकेशन पर कुपोषित (सैम) बच्चों की फीडिंग की रफ्तार सुस्त है। पोषण समिति की बैठक में समीक्षा के दौरान पाया गया है कि एप्लीकेशन पर किसी ब्लॉक में शून्य तो कहीं नाम मात्र की ही फीडिंग की गई है। ई-कवच एप्लीकेशन के माध्यम से प्रबंधन की स्थिति बेहद खराब है। यह शासकीय कार्य के प्रति उदासीनता का प्रतीक है। सभी एमओआईसी से शत-प्रतिशत फीडिंग कराने के साथ ही अब तक की खराब स्थिति के लिए स्पष्टीकरण भी देने को कहा गया है। सीडीओ बस्ती डॉ. राजेश कुमार प्रजापति ने सभी एमओआईसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर शत-प्रतिशत फीडिंग कराया जाना सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया गया है।सीडीओ की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण के संबंध में प्रत्येक स्तर पर वृद्धि, निगरानी व अनुश्रवण किया जा रहा है।

ई-कवच एप्लीकेशन क्या होती है

ई-कवच एप्लीकेशन के माध्यम से इलाज व उसके फॉलोअप में सुविधा होती है। आंगनबाड़ी द्वारा अपने क्षेत्र के सैम बच्चों को चिन्ह्ति कर उनकी सूची एएनएम को दी जाती है। एएनएम की जिम्मेदारी है कि वह ई-कवच एप्लीकेशन पर फीडिंग करना सुनिश्चित करे। सैम बच्चों का इलाज एनआरसी में भर्ती कर कराया जाता है। आंगनबाड़ी वर्कर द्वारा सैम बच्चों को चिन्ह्ति करने के साथ ही समुदाय स्तर पर उसका प्रबंधन ई-कवच एप्लीकेशन की सहायता से किया जा रहा है। एप्लीकेशन का प्रयोग एएनएम द्वारा किया जा रहा है।

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आंगनवाड़ी केंद्रों पर पहुचाये जा रहे रिफाइन्ड के गत्तों में पैकेट कम निकले

कानपुर देहात के डेरापुर ब्लाक में बाल पुष्टाहार केंद्र पर वितरित करने के लिए आए रिफाइंड के गत्तों में निर्धारित पैकेटों के सापेक्ष कम निकल रहे हैं। वहीं पुष्टाहार केंद्र के बाबू की तरफ से समूह को कम खाद्यान्न ले जाने का दबाव बनाया जाता रहा। इससे नाराज होकर चिलौली गांव के बालाजी समूह के अध्यक्ष ने केंद्र पर शोर शराबा किया। हंगामा काटने के बाद पुष्टाहार केंद्र के बाबू ने समूह की अध्यक्ष को पूरे पैकेट रिफाइंड के दिए। बाल पुष्टाहार केंद्र पर किशोरियों व गर्भधात्री महिलाओं के साथ कुपोषित बच्चों को वितरित करने के लिए खाद्यान्न रिफाइंड आदि सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। शासन स्तर से नियुक्त कंपनी के भेजे रिफाइंड के गत्ते में कम पैकेट निकल रहे हैं। एक गत्ते में रिफाइंड के 30 पैकेट निकलने चाहिए, लेकिन किसी पैकेट में 29 किसी में 28 पैकेट निकल रहें हैं। चिलौली गांव के बालाजी स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सरोज देवी खाद्यान्न उठाने केंद्र पर पहुंचीं तो रिफाइंड के दो गत्ते में पैकेट की संख्या कम निकली। इस पर उन्होंने बाबू से पैकेटों की संख्या पूरी करने का निवेदन किया। आरोप है कि पुष्टाहार के बाबू ने कम पैकेट ले जाने का दबाव बनाया गया जिस पर उन्होंने नाराजगी जताकर हो हल्ला किया। हंगामा कटने के बाद पुष्टाहार केंद्र के बाबू ने समूह की अध्यक्ष को पूरे पैकेट रिफाइंड उपलब्ध कराए। सीडीपीओ समर बहादुर ने बताया कि रिफाइंड के गत्ते में कम पैकेट निकलने की जानकारी मिली है। आपूर्ति करने वाली कंपनी को पत्र लिख कर जांच कराई जायेगी

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