आंगनवाड़ी न्यूज़रायबरेली

क्या आंगनवाडी केन्द्रों में बच्चो का पंजीकरण राशन के लिए ही किया जाता है ?

आंगनवाडी न्यूज़

उत्तरप्रदेश में सरकार आंगनवाडी केन्द्रों के बच्चो को पोषण के साथ साथ बेहतर शिक्षा भी उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। लेकिन जागरूकता का अभाव की वजह से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नौनिहालों की संख्या पंजीकरण किये गये से बीस प्रतिशत भी नहीं रहती है। आंगनवाडी केन्द्रों पर बच्चो का पंजीकरण से कम उपस्थिति पर विभाग से लेकर आंगनवाडी कार्यकत्रियो का अपना अपना तर्क है लेकिन ये भी बड़ी विडंबना है कि पंजीकृत बच्चो के सापेक्ष वितरण किया जाने वाला पोषाहार के समय बच्चो की उपस्थिति शत प्रतिशत हो जाती है

आंगनवाडी वर्करो का कहना है कि बच्चों के अभिभावक सिर्फ पोषाहार वितरण वाले दिन ही अपने बच्चों को केन्द्रों पर भेजते हैं। या स्वंय लेकर आते है लेकिन अन्य दिनों में कोई अभिभावक केन्द्रों पर बच्चो को लेकर नही आता और न ही भेजने के लिए तैयार होते है

अगर बात रायबरेली की करे तो जनपद में 275 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ ही कुल 2833 सेंटर संचालित किये जा रहे हैं। इन केन्द्रों में जिला कार्यक्रम अधिकारी के अनुसार सभी आयु वर्ग के मिलाकर पूरे जनपद में 256000 बच्चे आंगनवाडी केन्द्रों में पंजीकृत है। और इनमे आंगनवाडी केन्द्रों पर आने वाले तीन वर्ष से पांच वर्ष के बच्चों के बीच की संख्या करीब डेढ लाख से ज्यादा है। अगर आंगनवाडी केन्द्रों पर जिस केंद्र पर पचास बच्चे पंजीकृत है उस केंद्र पर बच्चों की उपस्थिति देखे तो वहां पर मात्र दस से पंद्रह बच्चे ही उपस्थित मिलते हैं। ये सिर्फ एक ही नही अधिकतर केन्द्रों का हाल है और ऐसा कोई केंद्र नही जहां पर पचास प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रहती हो। लेकिन पोषाहार वितरण के समय सभी बच्चे उपस्थित हो जाते है ये सिर्फ एक ही जिले का हाल नही पुरे प्रदेश का हाल है जंहा बच्चो के अभिभावक शिक्षा और स्वास्थ्य से ज्यादा राशन लेने में ज्यादा उत्सुकता दिखाते है जब अभिभावक राशन लेने में शत प्रतिशत मौजूद रहते है तो बच्चो की उपस्थिति पचास प्रतिशत से भी कम क्यों होती है। बाल विकास विभाग का कहना है कि बहुत बच्चे तो ऐसे हैं जो प्राइमरी स्कूल में भी पंजीकृत है और आंगनबाड़ी केंद्र पर भी पंजीकृत होते है । जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद त्रिपाठी का कहना है कि आंगनवाडी केन्द्रों पर बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान समय में बढती ठंड को देखते हुए अभिभावक केन्द्रों पर बच्चो को नहीं भेजते हैं।

एक नजर में जिले के क्षेत्रों की स्थिति

जगतपुर मे मिनी सचिवालय मनोहर गंज में आंगनवाडी केंद्र प्रधान कक्ष में संचालित किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र में रजिस्टर्ड 50 बच्चों में मात्र पंद्रह बच्चे ही केंद्र पर आते हैं। जगतपुर आंगनबाड़ी केंद्र प्रथम में बच्चों की छात्र संख्या 45 पंजीकृत है लेकिन उपस्थिति केवल दस बच्चो की ही रहती है। मनोहरगंज के आंगनबाड़ी केंद्र को चार्ज पर संचालित किया जा रहा है केंद्र की प्रभारी आंगनवाडी राम श्री का कहना है कि बच्चों को बुलाने के लिए घर-घर जाना पड़ रहा है । कोई अभिभावक अपने बच्चो को भेजना नही चाहते न ही रूचि दिखाते है

हरचंदपुर क्षेत्र के लालूपुर खास गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत 40 बच्चे है लेकिन अधिकतर 23 बच्चे ही आ रहे हैं। इस आंगनवाडी केंद्र पर कार्यकत्री कमलेश वर्मा और सहायिका शिव कुमारी की नियुक्ति है। इस केंद्र की स्थिति भी इतनी खराब है कि सुबह केंद्र खोलने के बाद सहायिका शिव कुमारी को बच्चों को घर से लाने और वापस ले जाने में बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। कार्यकत्री कमलेश वर्मा का कहना है कि हमारे केंद्र पर 40 बच्चे पंजीकृत हैं जिनमे तीन से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चे पढ़ने आते हैं। इन बच्चो को सुबह ईसीसी के तहत खेलकूद कराया जाता हैं। जो तीन वर्ष के बच्चे होते है वो कम समय में रोने भी लगते हैं। तब उन्हें मजबूरी में घर छोड़ना पड़ता हैं।

Aanganwadi Uttarpradesh

आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश एक गैर सरकारी न्यूज वेबसाइट हैं जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा संचालित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की गतिविधियों ,सेवाओ एवं निदेशालय द्वारा जारी आदेश की सूचना प्रदान करना है यह एक गैर सरकारी वेबसाइट है और आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश द्वारा डाली गई सूचना एवं न्यूज़ विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों पर निर्भर होती है वेबसाइट पर डाली गई सूचना के लिए कई लोगो द्वारा गठित टीम कार्य करती है

Related Articles

error: Content is protected !!