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डीपीओ के आदेश को प्रभारी डीपीओ ने किया रद्द ,दो दिन नही रोज लगेगी सुपरवाइजर की बायोमीट्रिक हाजिरी

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गोंडा जनपद के धानेपुर क्षेत्र में ग्राम प्रधान द्वारा सीडीपीओ को शिकायत की गयी है कि आंगनबाड़ी केंद्र बैराठपुर के सामने दबंग लोगो ने तीन अवैध शौचालय बना लिए है। इन शौचालय में गोबरयुक्त गड्ढा भी बन गया है। जबकि आंगनवाडी केंद्र का शौचालय की हालत बेहद ख़राब है। शिकायत के आधार पर सीडीपीओ ने केंद्र का निरिक्षण किया और इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है।

धानेपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत बिशंभरपुर के ग्राम प्रधान ने ग्राम पंचायत के ही आंगनबाड़ी केंद्र बैराठपुर के पास अवैध तरीके से शौचालय का निर्माण होने की शिकायत परियोजना अधिकारी से की थी। सीडीपीओ अभिषेक दुबे ने केंद्र का निरीक्षण किया तो शिकायत सही मिली। अभिषेक दुबे ने बताया कि ग्राम प्रधान की जानकारी के अनुसार ये रास्ते की जमीन है जिस पर गांव के कुछ लोगों ने लोगों ने अवैध रुप से शौचालय बना लिए है। इस बाबत उन्होंने गांव के लोगों से बुलाकर पूछताछ की तो उन्होंने स्वीकार किया कि गड्ढे के पास खाली जमीन थी जिस पर शौचालय बनाये गये है।

आंगनवाडी केंद्र के सामने गड्ढा खोदकर उसमें गोबर और कूड़ों का ढेरलग गया है। जिसके लिए संबंधित लोगों को सीडीपीओ ने फटकार भी लगाई गयी है और भविष्य में कूड़ा न डालने व इसे खाली करने का निर्देश दिए गये है। सीडीपीओ ने बताया कि प्रधान से वार्ता के दौरान शीघ्र ही आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल केंद्र के रूप में विकसित करने की सहमति बनी है।

डीपीओ के आदेश को इंचार्ज डीपीओ ने पलटा, दो दिन नही अब रोज लगेगी बायोमीट्रिक हाजिरी

गोण्डा जनपद में बाल विकास और पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार के आदेश को इंचार्ज डीपीओ धर्मेन्द्र गौतम ने रद्द कर दिया है। डीपीओ मनोज कुमार ने आंगनवाडी सुपरवाइजर को परियोजना कार्यालय पर सप्ताह भर में सिर्फ दो दिन की हाजिरी को जरूरी करते हुए अन्य दिनों में फील्ड में कार्य करने का आदेस जारी कर दिया था। लेकिन अब प्रभारी डीपीओ ने इस आदेश को पलटते हुए रोजाना कार्यालय में बायोमीट्रिक हाजिरी करने का आदेश जारी किया है।

जिले के परियोजना कार्यालय व फील्ड में कार्यरत कर्मचारियों व सुपरवाइजर का कहना है उन्हें ब्लॉक कार्यालय से गांवों में जाना पड़ता है। आंगनवाडी केन्द्रों का निरिक्षण भी करना पड़ता है जिससे कर्मचारियों को लगातार फील्ड में रहने से ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है। फील्ड के साथ साथ हर रोज कार्यालय पर हाजिरी लगाने से उनकी परेशानी बढ सकती है। बाल विकास विभाग में कार्यरत अधिकतर सुपरवाइजर संविदा पर कार्यरत हैं। इन मुख्य सेविकाओं का मानदेय कार्यालय पर हाजिरी लगाने से आने जाने के किराये में ही बर्बाद होगा।

इस सम्बन्ध में प्रभारी डीपीओ धर्मेन्द्र गौतम ने अपने 20 अगस्त को जारी आदेश में कहा है किसुपरवाइजर रोज सुबह अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार फील्ड में जाएं। साथ ही परियोजना कार्यालय पर पहुंचकर बायोमीट्रिक हाजिरी लगाकर उपस्थिति दर्ज करे। अगर किसी कार्य दिवस में बायोमीट्रिक हाजिरी नही लगायी जाती है तो उन्हें गैर हाजिर मानते हुए उनका मानदेय रोक दिया जाएगा।

डीपीओ ने जारी किया था सिर्फ दो दिन बायोमीट्रिक हाजिरी का आदेश

डीपीओ मनोज कुमार ने सात जुलाई को जारी अपने आदेश में कहा था कि जिले की सभी सुपरवाइजर सप्ताह में दो दिन अपनी परियोजना कार्यालय पर बायोमीट्रिक हाजिरी जरुर लगाये। इसके लिए परियोजना कार्यालय पर सोमवार व शुक्रवार को उपस्थिति अनिवार्य की गई थी। जबकि ब्लॉक व जिला मुख्यालय के सभी कर्मचारियों को रोजाना बायोमीट्रिक हाजिरी देने का आदेश दिया था। अवगत हो कि बाल विकास पुष्टाहार विभाग निदेशक द्वारा जिले की सभी परयोजना कार्यालय पर कर्मियों को हफ्ते में दो दिन उपस्थिति दर्ज करने के सम्बन्ध में कहा गया था।

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