तुम यंहा खाना खाने आती हो या ट्रेनिंग करने : खंड शिक्षा अधिकारी
आप यंहा खाना खाने आती हो या ट्रेनिंग करने : खण्ड शिक्षा अधिकारी
लखनऊ : राजधानी के आलमनगर अमीगंज में ई सी सी ई की ट्रेनिंग के दौरान आज आंगनवाड़ी वर्करो को उस समय बड़ी शर्म का सामना करना पड़ा जब खंड शिक्षा अधिकारी ने आंगनवाड़ी वर्करो को खाने के लिए बेइज्जत कर दिया इससे आंगनवाड़ी वर्करो में बहुत ही रोष है
27 जनवरी को लगभग साढ़े तीन बजे आलम नगर में आंगनवाड़ी वर्करो की ट्रेनिंग के दौरान लंच के लिए कहा गया लेकिन वंहा पर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के लिए खाने की व्यवस्था बिल्कुल भिखारियों जैसी थी अधिकांश कार्यकत्रियों को खाना भी नही मिला जब खाना न मिलने पर कार्यकत्रियों द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश सिंह से इस बाबत पूछा गया तो उनका जवाब सुनकर कार्यकत्रियों को बहुत ही शर्मसार होना पड़ा कमलेश सिंह ने कहा कि आप लोग औरत हो क्या आप अपने घर मे अपने पतियों को नाश्ता बनाकर नही आई हो क्या आप अपने घर मे नाश्ता नही बनाती हो ! आप यंहा टेनिंग करने आई हो या खाना खाने तुम अपने घर मे भी खाने में संतुष्ट नही होती होंगी
ये आंगनवाड़ी वर्कर बहुत ही तुच्छ और घटिया घर से आती है इसीलिए इनकी कोई इज्जत नही होती और यंहा आकर हमसे खाना मांग रही है
इससे खिन्न होकर पर्यवेक्षक और कार्यकत्रियों ने लंच नही किया और अगले तीन तीन का भी लंच करने से मना कर दिया
अवगत हो कि नई शिक्षा नीति में आंगनवाड़ी वर्करो को प्री प्राइमरी की ट्रेनिंग देनी है जिसमे ब्लॉक स्तर पर बीएल टी के लिए मास्टर ट्रेनर नियुक्त किये जा रहे है इसमे आंगनवाड़ी वर्करो को भी ट्रेनिंग के लिए चयनित किया गया है इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा अतिरिक्त बजट भी जारी किया गया है जिसमे आंगनवाड़ी वर्करो व पर्यवेक्षक व अन्य समेत चार सदस्यों को मास्टर ट्रेनर बनाया जाना है चार दिवसीय ट्रेनिग में सदस्यों को खाना व अन्य सामग्री के बजट का प्रावधान किया गया है लेकिन इस ट्रेनिंग में अधिकारियों द्वारा ढुलमुल रवैया अपनाया जा रहा है बजट की कमी का रोना रोकर पूरा बजट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है आंगनवाड़ी वर्करो को न खाना दिया जा रहा है और न ही ट्रेनिग पूर्ण होने पर सर्टिफिकेट दिया जा रहा है कई जिलों में बजट की कमी बताकर अधिकारी अपना पल्ला झाड़ रहे है
ये कोई नही बात नही है सरकार अपनी योजनाओं के लिए बजट जारी करती है लेकिन इस बजट का लाभ लाभार्थियों को न मिलकर उन लोगो को मिलता है जिन लोगो को इस योजना का चलाने का जिम्मा होता है लेकिन इस भ्रस्टाचार का खुलासा होने पर भी मामले को रफा दफा कर दिया जाता है क्योंकि इन अधिकारियों के खिलाफ सबूत नही मिलते और अगर सबूत मिलते है तो कोई कार्यवाही नही होती