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पंजीकृत लाभार्थियों के आधार पर नही मिलता पोषाहार : सीडीपीओ

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रायबरेली आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत नौनिहालों और धात्री महिलाओं को दिए जाने वाला पोषाहार वितरण में लापरवाही बरती जा रही है। कंही समूह द्वारा आपूर्ति में कमी की जा रही है तो कंही कोटेदार द्वारा घटतोली की घटनाये सामने आ रही है

जिले के बाल विकास परियोजना अधिकारियो का कहना है कि आंगनवाडी वर्करो द्वारा पंजीकृत लाभार्थियों की संख्या के आधार पर पूर्ण राशन नही आता है जिससे आंगनवाडी केन्द्रों पर पोषाहार की सप्लाई में कमी आ जाती है और केन्द्रों के सभी लाभार्थियों को पोषाहार नही मिल पाता है

जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद त्रिपाठी का कहना है कि पोषाहार का वितरण सभी क्षेत्रों में समय पर किया जा रहा है। अगर वितरण में कहीं पर लापरवाही की सुचना मिलती है तो नियमानुसार सम्बंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जनपद की लालगंज परियोजना में 56 ग्राम पंचायतों में 53 ग्राम समूह संचालित किये जा रहे है। इन समूहों के द्वारा विकासखंड क्षेत्र के 220 आंगनबाड़ी सेंटर में पंजीकृत 17500 बच्चों को पुष्टाहार वितरित किया जाता है। क्षेत्र में सामान्य बच्चे 15650, आंशिक कुपोषित बच्चों की संख्या 1590 तथा अति कुपोषित 290 बच्चे है। क्षेत्र में मैम 110 सैम मैम 62 संख्या है।

लालगंज परियोजना में 220 आंगनबाड़ी केन्द्रों में दलिया, तेल का वितरण समूह द्वारा किया जाता है। प्रभारी सीडीपीओ सुशीला देवी का कहना है कि फरवरी माह में दलिया बड़ी 164 बोरी 42 पैकेट, दलिया छोटी 135 बोरी 10 पैकेट, दाल 244 बोरी 25 पैकेट, छोटी दाल 96 बोरी 15 पैकेट जहां वितरण के लिए मिला है। वही रिफाइंड 292 गत्ता द्वारा वितरण के लिए प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि फरवरी माह का वितरण वह भी कर लिया गया है।

बाल विकास परियोजना अधिकारी नागेन्द्र कुमार भारती द्वारा डीह परियोजना की पूरे कनपुरिया मजरे डेला गांव में आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में बच्चों की उपस्थिति पंजिका देखे गये

बाल विकास परियोजना अधिकारी नागेन्द्र कुमार भारती ने बताया कि इस माह का अभी पोषाहार का उठान आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नहीं हुआ है । आपूर्ति आने पर पोषाहार का वितरण किया जाएगा

समग्र शिक्षा अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने के लिए आंगनबाड़ियों को किया जा रहा प्रशिक्षित

जनपद में नि:शक्त एवं दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से समग्र शिक्षा अभियान की समेकित शिक्षा इकाई के द्वारा एक नई पहल की गई है। विशेष बच्चों को प्री स्कूल स्तर पर ही पहचान एवं उनकी तत्कालीन समस्या के निदान के लिए ब्लॉक संसाधन केंद्र अमावां में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। जिसमें 70 आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों को समेकित शिक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक अभय प्रकाश श्रीवास्तव, मीना वर्मा एवं जे पी रावत द्वारा निशक्त एवं दिव्यांग बच्चों के शीघ्र पहचान एवं तत्कालीन समस्या निदान हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता जेपी सिंह ने नारी शक्ति का सम्मान करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी रत्ना मणि मिश्र के कार्यों की खुलकर सराहना की। साथ ही उन्होंने विकास खंड में कार्यरत विशेष शिक्षकों अभय प्रकाश श्रीवास्तव व मीना वर्मा के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ये विशेष शिक्षक दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए बड़ी कर्मठता के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कार्यकर्त्रियों को पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों के निर्वहन करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही खंड शिक्षा अधिकारी अमावां रत्नामणि मिश्र ने आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों का मार्गदर्शन करते हुए नि:शक्त व दिव्यांग बच्चों की पहचान करने की प्रेरणा दी।

जिलो में मानदेय की स्थिति से आंगनवाड़ी में असमंजस

उत्तरप्रदेश के सभी जिलों में आंगनवाड़ी वर्करो का समान मानदेय होने के बाबजूद अलग अलग मद में मानदेय आने से आंगनवाड़ी वर्करो में असमंजस की स्थिति पैदा हो गयी है कई जिलों में आंगनवाड़ी वर्करो को दिए जाने वाले केंद्र सरकार द्वारा देय अंश का जनवरी 2022 तक का भुगतान कर दिया गया है वन्ही दूसरी और अभी भी बहुत से जिलो में नवंबर माह से मानदेय लंबित है लगभग पांच माह बीतने के बाद भी आंगनवाड़ी वर्करो के खातों में मानदेय नही आ रहा है

उत्तरप्रदेश राज्य सरकार द्वारा घोषणा के बाबजूद अभी तक कोरोना सर्वे का भुगतान नही किया गया है इस सर्वे के लिए राज्य सरकार द्वारा 500 रुपये प्रति माह का आदेश जारी किया गया था लेकिन अभी भी आंगनवाड़ी वर्करो को इस मद में कई जिलो में कोई भुगतान नही किया गया है प्रदेश में आंगनवाड़ी वर्करो के भुगतान संबंधित बैंक ट्रांसफर पर प्रक्रिया में बदलाव भी किये जाने के आदेश जारी किए गए है इस प्रक्रिया से आंगनवाड़ी वर्करो के मानदेय में भुगतान के लिए समस्या खड़ी हो गयी है

दो दिन बाद होली का त्योहार है ओर आंगनवाड़ी वर्करो को चार माह के मानदेय की आस में परेशान है अब बिना मानदेय मिले ये आंगनवाड़ी वर्कर होली कैसे मनाएगी इसके विपरीत कई जिलों में आंगनवाड़ी वर्करो का जनवरी माह तक का भुगतान कर दिया गया है लेकिन इसमें भी अभी राज्य सरकार द्वारा देय मानदेय का भुगतान नही किया गया है

केंद्र सरकार द्वारा जारी पोषण ट्रेकर के सम्बंध में भी अभी तक कोई भुगतान नही किया गया है चूंकि कई जिलों में अलग अलग मदो में आंगनवाड़ी वर्करो को भुगतान किया गया है लेकिन ये स्पस्ट नही हो रहा कि ये भुगतान किस मद में किस माह का भुगतान किया गया है जिससे आंगनवाड़ी ज्यादा भ्रमित है और विभागीय अधिकारी भी इस विषय पर कोई जानकारी नही दे रहे है

अल्प मानदेय में कार्यरत आंगनवाड़ी वर्करो का भुगतान प्रति माह नही किया जाता है इसके संबंध में शासन द्वारा कई बार समय से भुगतान करने के सम्बंध में आदेश जारी किए गए थे लेकिन ये एक औपचारिक प्रक्रिया बन कर रह जाती है और आंगनवाड़ी वर्करो को कई माह तक मानदेय का इन्तजार करना पड़ता है

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