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प्रोत्साहन राशि नहीं तो मानदेय भी रुकेगा, पैसे लेकर अधिकारियो ने आंगनवाडी को फंसाया

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आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने लगाया पैसे मांगने का आरोप

पीलीभीत जनपद के रूपपुर कमालू नन्द घर में आंगनवाड़ी केंद्र पर नियुक्त आंगनवाडी कार्यकत्री सोनिका ने सेवा समाप्त होने के बाद विभागीय अधिकारियों पर पैसे मांगने का आरोप लगाया है। सोनिका का आरोप है कि वह द्वितीय आंगनवाडी केंद्र पर तैनात हैं, जबकि प्रथम केंद्र के आंगनवाडी केंद्र पर तैनात आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमन लता के कार्यों में गड़बड़ी मिली। लेकिन अधिकारियो ने सुमनलता की गड़बड़ी का ठीकरा उस पर थोप दिया और सुमनलता की सेवाएं समाप्त करने के बजाए मेरी सेवाएं समाप्त कर दी गई।
डीएम ने 23 अप्रैल को ललौरीखेड़ा के आंगनवाड़ी केंद्र रूपपुर कमालू का निरीक्षण किया था। निरिक्षण में जिलाधिकारी द्वारा आंगनवाडी केंद्र प्रथम के विषय में जानकारी मांगी गयी लेकिन विभागीय अधिकारियो ने प्रथम केंद्र पर तेनात आंगनवाडी सुमनलता को सामने न लाकर द्वितीय केंद्र पर नियुक्त सोनिका को बलि का बकरा बना दिया अब सोनिका का आरोप है कि
बच्चों का जो ग्रोथ चार्ट दिखाया गया है, वो सुमनलता आंगनवाडी केंद्र प्रथम केंद्र का है। चूँकि केंद्र सुमनलता का था लेकिन फिर भी डीपीओ और सीडीपीओ ने सोनिका को खड़ा कर दिया। सोनिका का आरोप है कि पैसे लेकर सुमनलता आंगनवाड़ी को बचा दिया गया और सारा आरोप उनपर लगा दिया।

आंगनवाडी कार्यकत्री सोनिका द्वारा जिलाधिकारी को प्रेषित प्रार्थना पत्र

प्रोत्साहन राशि नहीं तो मानदेय भी रुकेगा

लखीमपुर-खीरी पिछले वर्ष योगी सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों की मानीटरिंग के लिए आंगनवाडी कार्यकत्रियों को स्मार्ट फोन दिए गये थे सरकार की मंशा के अनुसार आंगनवाडी वर्करो को अभिलेख भरने के बजाय स्मार्ट फोन ज्यादा कारगार साबित होगा और साथ ही सरकार ने लाभार्थियों की फीडिंग में बेहतर प्रदर्शन करने पर प्रोत्साहन राशि देने का भी निर्णय लिया था । यह अब ये स्मार्ट फोन आंगनवाडी कार्यकत्रियों केलिए गले की हड्डी बन गये हैं।

स्मार्ट फोन में पोषण ट्रेकर एप पर आंगनवाडी केन्द्र की सभी गतिविधियां, दैनिक उपस्थिति, टीकाकरण, गृहभ्रमण, पोषाहार वितरण, ग्रोथ मानीटरिंग सभी नियमित रूप से भरनी हैं। सभी गतिविधियां नियमित रूप से न भरी होने पर प्रोत्साहन राशि तो नहीं ही मिलेगी मिलने वाला मानदेय भी रुक जाएगा।

अवगत हो कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को जो स्मार्ट फोन दिए गए थे इनमें पोषण ट्रैकर एप भी दिया गया है। साथ ही इन मोबाइलों में लोकेशन भी ऑन रहती है। केन्द्र खुलने के समय से लेकर गृह भ्रमण, बच्चों की उपस्थिति, टीकाकरण, वजन, लम्बाई, ग्रोथ मानीटरिंग, गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं का पूरा डाटा रोज अपडेट करना है। अधिकतर आंगनवाडी कार्यकत्रियां ऐसी हैं जो एंड्राइड मोबाइल चलाना नहीं जानती हैं। लेकिन जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यकत्रियों को पोषण ट्रैकर एप पर सभी गतिविधियां भरने के लिए लगातार प्रशिक्षण दिए जाते हैं। सभी ब्लॉकों पर कैम्प आयोजित कर वह खुद ही ट्रेनिंग दे चुके हैं।

जनपद के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को केन्द्र व राज्य सरकार का मिलाकर 6000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। साथ ही मानदेय के साथ शासन के निर्देश पर 500 रुपए पोषण ट्रेकर एप पर लाभार्थियों की फीडिंग के भी मिलेंगे। और एक हजार रुपए सरकार प्रोत्साहन राशि भी देगी। लेकिन यह प्रोत्साहन राशि तभी मिलेगी जब पोषण ट्रैकर एप पर सभी सूचनाएं, गतिविधियां नियमित रूप से भरी होंगी। अगर सभी सूचनाएं नियमित न भरी हुईं तो प्रोत्साहन राशि तो नहीं ही मिलेगी मानदेय भी रुक जाएगा। सरकार द्वारा दिए गये स्मार्ट फोन में पोषण ट्रेकर एप ऑनलाइन होने के कारण इसका डाटा जिला स्तर व निदेशालय स्तर से भी निगरानी की जा रही है।

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