राजनीति

बजट 2020 में महिला एवं बाल विकास विभाग को दिए गए बजट पर विश्लेषण

2020 में  केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं के बजट में बढ़ोत्तरी की गई है महिला सशक्तिकरण ,टीकाकरण,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पोषण मिशन अभियान ,मातृत्व की उम्र तय करने ,  6 लाख आंगनवाड़ी वर्करों को स्मार्टफोन देने पर जोर दिया है

नारी सशक्तिकरण

वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा जारी बजट में नारी सशक्तिकरण पर जोर देते हुए महिलाओं से जुड़े कार्यक्रम पर 28,600 करोड़ रुपए खर्च करने का बजट जारी किया है वित्तमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओ के प्रति प्रतिबद्ध है इसलिए सरकार ने महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है

टीकाकरण

वित्तमंत्री ने अपने बजट में बच्चो व गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए  मिशन इंद्रधनुष के बजट में बढ़ोतरी की है देश के 680 जनपदों में 3.39 करोड़ से ज्यादा बच्चो को टीकाकरण किया जाएगा जबकि 87.18 लाख गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष के जरिये टीकाकरण की सेवाएं दी जाएंगी टीकाकरण से वंचित बच्चो व महिलाओं के लिए 3 फरवरी से मिशन इंद्रधनुष 3.0 अभियान शुरू किया जा रहा है इसमें सभी जनपदों की ए एन एम,आशा व अन्य स्टाफ की ड्यूटी लगाई जा रही है  और इसकी मोनिटरिंग के लिए सी एच सी प्रभारी तैनात रहेंगे

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

बेटी बचाओ अभियान
केंद्र सरकार को भेजे गए आंकड़ों के अनुसार मोदी सरकार की पिछली योजनाओं में बेटी बचाओ अभियान में लिंगानुपात में काफी सुधार हुआ था जिसमे लड़कियों की जन्म दर पिछले सालों की अपेक्षा 918 के अपेक्षा 932 हो गई थी पिछली मोदी सरकार आने के बाद  22 जनवरी 2015 में मोदी सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का शुभारंभ किया था सरकार ने समाज मे बेटी को गर्भ में ही मारने की प्रवृत्ति को बदलने में गंभीरता पूर्वक सोच बदलने का काम किया इस योजना के शुरू होने से लोगो के मन मे जागृति होने लगी और इस योजना का दायरा बढ़ता गया आज ये योजना 640 जिलो में लागू है इस योजना के लागू होने से जंहा हमारा समाज पहले की अपेक्षा परिपक्व हुआ है वंही सरकार के इस अभियान के सकारात्मक नतीजों की वजह से इस अभियान को स्वीकार भी कर रहा है

बेटी पढ़ाओ
वित्तमंत्री सीतारमण द्वारा केंद्र सरकार के दूसरे बजट को पेश करते हुए समाज मे आये बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से आश्चर्यजनक आंकड़े पेश करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों के आंकड़े लड़को से कंही आगे है जो महिलाओं के उत्थान व प्रगति का इशारा करते है और उन्हें सुखद अहसास हुआ है कि उन्हें लड़कियों का नामांकन  अनुपात लड़को से कंही ज्यादा मिला है लड़को के 89.28 फीसदी के मुकाबले लड़कियों का अनुपात 94.32 फीसदी है

पोषण अभियान

बजट 2020 के लिए वित्तमंत्री ने पोषण अभियान के लिए 53,876 करोड़ रुपए का बजट रखा है  और इसमें देश के करीब दस करोड़ लोगों को पोषण से सम्बंधित जानकारी दी जायेगी मोदी सरकार ने कुपोषण मुक्त भारत अभियान के लिए 2017-2018 को पोषण अभियान योजना लागू की थी वित्तमंत्री ने कहा कि पोषण स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण अंग है और इस कुपोषण से मुक्ति के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के जरिये ही दूर किया जा सकता है पोषण अभियान के लिए पिछले बजट में 50,850 करोड़ रुपए रखे गए थे  जिसको बढ़ाकर 53,876 करोड़ कर दिया गया


मातृत्व की उम्र तय होगी

सरकार मार्तत्व दर में कमी और महिलाओ में पोषण स्तर पर कार्य करने जा रही है इसके लिए सरकार मातृत्व आयु की समीक्षा करने जा रही है इसके लिए टास्क फोर्स गठित करके छः माह में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है गौरतलब है  1929 में शारदा एक्ट के तहत लड़कियों की विवाह की न्यूनतम उम्र 15 वर्ष तय थी लेकिन 1978 में कानून संशोधन द्वारा 18 वर्ष तय हो गई थी अभी लड़कियों की विवाह  की नयूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित है जो सरकार रिपोर्ट के आधार पर बढ़ा सकती है
विवाह होने की स्थिति में  जल्द माँ और ज्यादा बच्चे होने की स्थिति होने के कारण इसका सीधा असर माँ और बच्चे दोनो पर होता है और इससे दोनों के कुपोषित होने की संभावना बढ़ जाती है विवाह उम्र के बढ़ने से इस पर रोकथाम हो सकती है व माँ और बच्चो से जुड़ी बहुत सी बीमारियों का अंत हो सकता है

6 लाख आंगनवाड़ी वर्करों को मिलेगा स्मार्ट फोन

वित्तमंत्री सीतारमण ने बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग में कार्यरत 6 लाख  आंगनवाड़ी वर्करों  को स्मार्टफोन देने का प्रस्ताव रखा है इससे पहले उत्तरप्रदेश में मात्र 600 आंगनवाड़ी वर्करों को स्मार्टफोन दिया गया था इन फोन में एप्प की मदद से 10 लाख परिवारों को  पोषण अभियान की स्थिति को रोजाना अपलोड किया जाता है फोन की मदद से आये आंकड़े के अनुसार वित्त मंत्री ने स्मार्टफोन की संख्या बढ़ाने के लिए बजट में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा है
हालांकि इसकी धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है इन फोन को चलाने के लिए आंगनवाड़ी को निजी पैसे द्वारा रिचार्ज कराना पड़ता है राज्य सरकार द्वारा इसका नियमित भुगतान नही किया जाता है सबसे महत्वपूर्ण इन स्मार्टफोन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए है विभाग इन फोन को देने से पहले शर्तो के आधार पर आंगनवाड़ी से फॉर्म पर रिसीव लेते है ये फोन मात्र कुछ ही दिनों में खराब हो जाते है अक्सर बहुत आंगनवाड़ी द्वारा इन फोन की बैटरी फटने संबंधी शिकायत आयी है लेकिन  ये शिकायत विभाग द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई अब कोई आंगनवाड़ी इन फोन को लेना पसंद नही करती है

सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में आंगनवाड़ी वर्करों का ध्यान नही रखा गया है मात्र 4500 रुपए मानदेय पर 8 घंटे से ज्यादा कार्य करने वाली इन आंगनवाड़ी वर्करों को कोई सुविधा नही दी जाती है 1975 में शुरू हुई बाल विकास योजना में  आंगनवाड़ी द्वारा किये गए कार्यो की सराहना सभी सरकारों ने की है वर्तमान यूपी सरकार ने आंगनवाड़ी को यशोदा मैय्या की संज्ञा तक दे डाली लेकिन आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय बढ़ाने व इनकी कार्य नियमावली पर कोई सरकार ने ध्यान नही दिया केंद्र सरकार व राज्य सरकार मानती है कि आंगनवाड़ी अल्पकर्मी है ,सामाजिक कार्यकर्ता है लेकिन आंगनवाड़ी वर्करों को राज्य व केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए सभी अभियानों व योजनाओं में महत्वपूर्ण निभानी पड़ती है और इसके लिए आंगनवाड़ी हमेशा अपने उत्कृष्ट,कार्य के  योगदान व ईमानदारी पर खरी उतरी है
लेकिन आंगनवाड़ी को किसी सरकार ने उसके कार्य के लिए उचित मानदेय नही दिया है जिसके लिए पूरे भारत की आंगनवाड़ी समय समय पर आंदोलन द्वारा अपनी मांग उठाती रही है लेकिन राज्य सरकार द्वारा इनको लाठीचार्ज, सेवा समाप्ति ही दिया गया है यूपी सरकार ने फरवरी 2019 में मानदेय बढ़ोतरी का प्रलोभन देकर प्रोत्साहन राशि का लालच दे दिया लेकिन उसका भी 2020 तक कोई भुगतान नही हुआ है केंद्र व राज्य सरकारों को ये बात समझनी होगी कि जब तक आंगनवाड़ी पूंजी समस्या से कुपोषित रहेगी तब तक सरकार योजनाओं पर कितना ही पैसा बहा ले उसकी सारी योजनाएं कामयाब नही होंगी क्योकि इन योजनाओं की पूर्ण जिम्मेदारी आंगनवाड़ी वर्करों की होती है और आंगनवाड़ी बहुत ही निम्म श्रेणी की वर्कर ही जिनका सभी  नीचे के अधिकारियों से लेकर प्रशासन तक शोषण करता रहा है 

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आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश एक गैर सरकारी न्यूज वेबसाइट हैं जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा संचालित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की गतिविधियों ,सेवाओ एवं निदेशालय द्वारा जारी आदेश की सूचना प्रदान करना है यह एक गैर सरकारी वेबसाइट है और आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश द्वारा डाली गई सूचना एवं न्यूज़ विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों पर निर्भर होती है वेबसाइट पर डाली गई सूचना के लिए कई लोगो द्वारा गठित टीम कार्य करती है
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