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बदायूं में आंगनवाड़ी भर्ती के लिए 50 हजार का चल रहा खेल,बाराबंकी की मेरिट हो रही तैयार

बदायूं में आंगनवाडी भर्ती में चल रहा घूस का खेल

शुक्रवार को विकास भवन की तीसरी मंजिल पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री पद के लिये आवेदन फार्म लिये जा रहे थे इसके लिये जिले भर की सैकड़ों की संख्या में महिला आवेदक व उनके साथ आये पुरुष थे जिसकी वजह से भीड़ ने पूरी गली बंद कर रखी थी। भयंकर भीड़ और धक्का-मुक्की के बीच जिला कार्यक्रम अधिकारी खुद आवेदन फार्म ले रहे थे। आंगनबाड़ी के लिये आवेदन करने वाली महिलाओं को अपना फार्म जमा करना मुश्किल हो गया है। आवेदन जमा करने की इस व्यवस्था को लेकर अब रिश्वतखोरी की बू आने लगी है। व्यवस्था को देखकर सुनीता, पिंकी, सावित्री सहित कई महिलाओं ने हंगामा कर दिया और जिला कार्यक्रम विभाग पर गंभीर आरोप लगाये हैं। इन्होने बताया कि यहां आवेदन जमा नहीं हो पा रहे। अधिकारियों ने दलालों को सक्रिय कर दिया है। दलालों द्वारा पचास-पचास हजार रुपये लिये जा रहे हैं। मामले को दबाने में लगे डीपीओः महिलाओं के साथ जब अभद्रता की गयी तो एक महिला ने तो एक बाबू का कालर पकड़कर खींच लिया। जिस पर विवाद ज्यादा बढ़ गया और महिला ने तमाम उल्टे-सीधे आरोप लगाने की धमकी दी। डीपीओ मामले को दबाने में लग गये। भीड़ और हुये हंगामा की जानकारी विकास भवन में ही बैठीं सीडीओ तक को नहीं दी।जिला कार्यक्रम विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के आवेदन लेने के लिये कोई व्यवस्था नहीं बनायी है जिसकी वजह से महिला आवेदक की दुदर्शा होने लगी महिला और पुरुषों को एक साथ लाइन में लगे होने से जमकर धक्का मुक्की की गयी।शोर शराबा होने पर अफसरों ने भी महिलाओं से अभद्रता की है।इसी दौरान धक्का-मुक्की हुयी तो जिला कार्यक्रम अधिकारी भड़क गये और अभद्रता करने लगे। कहीं भी कोई आवेदन की व्यवस्था हो तो हर जगह लाइन लगवाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी संबधित विभाग की होती है। महिला और पुरुषों की अलग-अलग लाइन होती है लेकिन जिला कार्यक्रम विभाग ने महिला पुरुषों को एक ही लाइन में खड़ा कर दिया। यहां इतनी भीड़ जुटी कि कोरोना के नियम पूरी तरह से तार-तार किये गये हैं। इस हंगामे की सुचना पर जिला अधिकारी ने कहा कि ये सब डीपीओ की लापरवाही है एकदम से इतनी ज्यादा भीड़ जुटा ली। अगर महिलाओं की ज्यादा भीड़ जुट रही थी डीपीओ को बताना चाहिये था पुलिस फोर्स की व्यवस्था करते तथा किसी एकांत कार्यालय में इसी व्यवस्था करते। भीड़ जुटाना और अभद्रता करना ठीक नहीं है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा ने बताया कि महिला आवेदकों की संख्या अधिक थी और शोरशराबा कर रहे थे इसलिये महिलाओं व पुरुषों को समझाया कि किसी से झगड़े नहीं इतनी ज्यादा संख्या में महिलायें थीं, इसलिये स्वयं उनके आवेदनों को लिया था, किसी से अभद्रता नहीं की है।आंगनबाडी कार्यकत्री /मिनी/सहायिकाओं के पद पर नियुक्ति को जो ऑनलाइन आवेदन किए गये थे। उनके सत्यापन को ऑफलाइन आवेदन साक्ष्यों सहित स्वतः प्रमाणित प्रतियों के साथ जमा करने की तिथि 28 अगस्त से बढ़ाकर 4 नबंवर कर दी गई है। ऑफलाइन आवदेन कार्य दिवस में सुबह दस से शाम तीन बजे तक जमा करें।

बाराबंकी में मेरिट सूची हो रही तैयार


बाराबंकी में आंगनबाड़ी कार्यकर्जी और सहायिकाओं के खाली 707 पदों पर आए आवेदनों की जांच शुरू हो गई है। शुक्रवार को विकास भवन में ऑफलाइन आए आवेदनों का मिलान ऑनलाइन डाटा से की गई। जिसके बाद मेरिट सूची ब्लॉक वार तैयार की जा रही है। सभी आवेदकों की जांच के बाद सूची तैयार होते ही साक्षात्कार कराया जाएगा।

जनपद में आंगनबाड़ी भर्ती के लिए रिक्त 707 पदों के सापेक्ष 11 हजार 885 आवेदन आए थे। मेरिट बढ़ाने के लिए लगभग 20 फीसद से अधिक आवेदकों ने आनलाइन आवेदन में फर्जी तरीके से अंक बढ़ा दिए हैं। अब इनकी जांच शुरू कर दी गई है। दो दिनों के अंदर 681 आवेदन की हार्डकापी जमा की गई है। जिले में 3052 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसमें से 403 केंद्रों पर सहायिका के पद खाली हैं तो 304 पदों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नहीं हैं। इन रिक्तियों पर भर्ती के लिए आवेदन लिए गए थे। बाल विकास पुष्टाहार विभाग के साफ्टवेयर में आनलाइन आवेदन करते ही आटो मेरिट जनरेट हो गई थी। बहुत से लोगों ने फर्जी तरीके अंक बढ़ाकर मेरिट में आ गए। जब यह सच्चाई पता चली तो सीडीओ एकता सिंह के निर्देश पर जांच शुरू हुई। इसमें आवेदकों के ऐसे दस्तावेजचेक किए जाने लगे हैं जो आनलाइन फार्म भरने के दौरान लगाए गए थे। डीपीओ प्रकाश कुमार ने बताया कि 26 और 27 अगस्त को लगभग 681 आवेदनों की हार्डकापी मिली है।

covid वेक्सिन लगाने आई एएनएम् का हाथ मरोड़ा ,रजिस्टर फाड़े

जनपद चंदोली के धानापुर गांव में हो रहे कोविड वैक्सिनेशन पर इन दिनों अनियंत्रित भीड़ भारी पड़ रही है। आलम यह रहा कि कहीं कोई महिला कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहा था, तो कहीं कोई रजिस्टर छीन ले जा रहा है। इस दुर्व्यवस्था को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में आक्रोश है। आवाजापुर गांव में 300 डोज वैक्सीन भेजी गई। अभी वहां पांच को ही लग पाई थी, तभी उपद्रवियों ने एएनएम की बांह मरोड़ दिया, और रजिस्टर छीन ले गए। गांव के कुछ प्रबुद्ध लोगों की पहल पर रजिस्टर वापस मिलने पर कर्मी जान बचाकर भाग निकले। और गांव में वैक्सिनेशन नहीं हो पाया।
कर्मचारियों की माने तो अनियंत्रित भीड़ और ऊपर से सुरक्षा व्यवस्था की बदइंतजामी के बीच ठीक तरह से वैक्सिनेशन नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाएगी, वे इन गांवों में वैक्सीन लगाने नहीं जायेंगे। गांव गांव में महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ हो रहे अभद्र व्यवहार की रोकथाम नहीं होने पर वैक्सीनेशन के ठप होने की आशंका बढ़ गई है। इस संदर्भ में अधीक्षक डॉ जेपी गुप्ता ने बताया कि सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। अनियंत्रित भीड़ उपद्रवियों में तब्दील हो जा रही है। आवाजापुर में एएनएम की बांह मरोड़कर रजिस्टर छीन लिया गया।डबरिया, जीयनपुर और मिर्जापुर में भी भीड़ अनियंत्रित रही। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसी स्थिति पर रोक लगाए। ताकि वैक्सिनेशन बंद न करना पड़ जाए।

बलिया में सुपरवाइजर और cdpo का वेतन कटा

जनपद बलिया के सुखपुरा कस्बा में स्थित बाल विकास एवं पुष्टाहार कार्यालय की बदइंतजामी मीडिया में छपने के बाद विभागीय अधिकारी अलर्ट मोड में आ गए हैं। शिकायत की जांच को पहुंचे जिला कार्यक्रम अधिकारी ने सीडीपीओ पूनम सिंह के साथ ही कार्यालय के बड़े बाबू, सुपरवाइजर व परिचारक का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया है। साथ ही सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है। दोपहर 12 बजे तक कार्यालय में कोई कर्मचारी नहीं आया था। जबकि परिचारक बगल में कमरे में सोता मिला। सीडीपीओ गड़वार अमरनाथ चौरसिया को जांच कर आख्या देने का निर्देश दिया।जांच अधिकारी ने बुधवार को ही देर शाम अपनी आख्या प्रस्तुत की। इसके बाद गुरुवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी कृष्ण मुरारी पांडे ने प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए सीडीपीओ, बाबू, सुपरवाइजर व परिचारक का वेतन रोक दिया है और कहा है कि स्पष्टीकरण मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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