बाल विकास विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग मे भ्रष्टाचार,अवैध वसूली,समायोजन और पदोन्नति मे धांधली और आंगनवाड़ी वर्करो का उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोपों वाले जिला कार्यक्रम अधिकारियों की कोई कमी नहीं है। इन अधिकारियों के खिलाफ वर्षों से जांच लंबित हैं। निदेशालय के आदेश के बाद भी इन अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
12 वर्ष से अधिक समय से जांच मे फंसे होने के बाद भी इन डीपीओ को प्रोन्नति भी दी जा रही है। कुछ डीपीओ को निदेशालय द्वारा दोषी पाये जाने पर इनकी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी भी जा चुकी है। लेकिन शासन ने इन अधिकारियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
इसका सबसे बड़ा कारण है कि इन अधिकारियों की पकड़ आईसीडीएस निदेशालय से लेकर शासन तक बड़ी मजबूत थी। जिसकी वजह से इन अधिकारियों के भ्रष्ट्राचार और गोलमाल की खबर बाल विकास विभाग के बड़े अधिकारियों को नहीं लगती थी ।
इन डीपीओ के कारनामे देखा जाये तो अपने विभाग के छोटे कर्मचारी और आंगनवाड़ी वर्करो से अवेध वसूली,महिला कर्मियों से छेड़छाड़,आंगनवाड़ी सहायिकाओं से प्रमोशन के नाम पर अवेध वसूली जैसे गंभीर आरोप होने के बाबजूद इनके खिलाफ जांच होती है लेकिन कार्यवाही नहीं होती।
भ्रस्ट डीपीओ की बात करे तो लखनऊ के डीपीओ के खिलाफ पिछले सप्ताह भी जांच के आदेश हुए है जबकि पूर्व मे कानपुर में तैनात रहे डीपीओ के खिलाफ मंडलायुक्त से जांच कराई गई थी लेकिन इनकी जांच रिपोर्ट भी फाइल मे बंद होकर रह गयी।
अलग अलग जिले मे नियुक्त रहे कई डीपीओ के खिलाफ जांच दो वर्ष पहले ही पूरी हो चुकी है, लेकिन आज तक इन अधिकारियों की रिपोर्ट कहां गई और इन जांच पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी ये खुद विभाग को नहीं मालूम। कई डीपीओ की जांच मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश पर हुई थी लेकिन इन अधिकारियों की पकड़ मजबूत होने के कारण इन मामलों को भी दबा दिया गया।
इनमे जिला मुरादाबाद की डीपीओ के खिलाफ भी वर्ष 2011 में वित्तीय अनियमितता की शिकायत की जांच शुरू हुई थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। डीपीओ मनोज राव के खिलाफ 2016 मे भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता और कदाचार के मामले में सिर्फ जांच ही चल रही है खानापूर्ति के नाम पर उनका तबादला करके इस मामले को दबा दिया गया।
प्रदेश के मुख्य आरोपित जिला कार्यक्रम अधिकारी
- भरत प्रसाद
- मनोज राव
- शैलेंद्र राय
- आदर्श मिश्र
- अखिलेंद्र दूबे
- अनुपमा शांडिल्य
- सुभांगी कुलकर्ण
- विजय श्री
- आरुति यादव