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योगी सरकार 5 साल तक झूठ बोली ,अखिलेश ने किया समस्या हल करने का वादा

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मैनपुरी  शुक्रवार को आंगनबाड़ी कार्यकत्री एसोसिएशन की प्रदेश उपाध्यक्ष सरिता शाक्य ने बेवर स्थित आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुष्पा शाक्य के आवास पर कार्यकत्रियों के साथ बैठक की। 8 मार्च को महिला दिवस पर होने वाले कार्यकत्रियों के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए रूपरेखा तैयार की गई। सरिता शाक्य योगी सरकार में श्रम संविदा बोर्ड की सदस्य रहीं हैं।

प्रदेश उपाध्यक्ष सरिता शाक्य ने कहा कि योगी सरकार ने कार्यकत्रियों के हित में कार्य करने का आश्वासन दिया मगर पूरे पांच साल निकल गए आश्वासन पूरा नहीं हुआ। उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर कार्यकत्रियों को परमानेंट करने की मांग रखी। जिस पर अखिलेश ने सरकार बनने पर कार्यकत्रियों को परमानेंट करने और हर समस्या का हल करने का आश्वासन दिया है।

सरिता शाक्य ने कहा कि 2021 के नोटिफिकेशन के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती पूर्ण नही हुई ।आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल तो दे दिया लेकिन अभी तक सिम और डाटा का कोई भुगतान नहीं किया गया है। और पोषण ट्रेकर पर काम करने का दबाब बनाते हुए कार्यकत्रियों को नोटिस दिया जा रहा है। लेकिन वह आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के हक के लिए आवाज बुलंद करती रहेंगी।

समान काम पर दो जिलों में वेतन में अंतर क्यों ।

प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आउट सोर्सिंग से श्रमिक सेवा मुहैया कराने के सभी शासनादेशों सहित पूरी योजना व नीति दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने दो सप्ताह में सरकारी अधिकारियों का व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और पूछा है कि एक जैसे काम करने वाले श्रमिकों के विभिन्न जिलों में अलग-अलग पारिश्रमिक क्यों है।

कोर्ट ने कहा कि मॉडल सेवा नियोजक होने के नाते सरकार एक तरह के श्रमिकों की आउटसोर्सिंग सेवा लेने में पारिश्रमिक देने में विभेद नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा कि जवाबी हलफनामे में स्पष्ट किया जाए कि आउटसोर्स से सेवा के लिए सेवा प्रदाता द्वारा दिया जाने वाला न्यूनतम वेतन, नियोजन की मॉडर्न सेवा शर्तें अवकाश व छुट्टी की क्या नीति है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग, संविदा कर्मचारी संघ की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने इससे पहले व्यक्तिगत हलफनामा मांगकर पूछा था कि समान काम पर दो जिलों में वेतन में अंतर क्यों है। आउटसोर्सिंग पर रखे वार्ड ब्वाय व आया को साढ़े सात हजार रुपये प्रतिमाह वेतन, सप्ताह में सात दिन ड्यूटी और कोई छुट्टी नहीं होती

जीबीएम पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन पर आउटसोर्सिंग से नियुक्ति में शोषण क्यों किया जा रहा है? कोर्ट ने कहा कि आदेश पर सेवा प्रदाता कंपनी की तरफ से दाखिल जवाब में मांगी गई जानकारी नहीं दी गई है और राज्य सरकार ने जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया।

कुपोषित बच्चो की बढती संख्या पर लापरवाह विभाग

झांसी जनपद के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से हर महीने आंगनबाड़ी केंद्रों में नवजात से लेकर पांच साल तक के बच्चों का वजन नापने के साथ लंबाई और स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। जनवरी 2022 में जिले के 1379 आंगनबाड़ी केंद्रों में 1,06,941 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसमें 15016 बच्चे कुपोषित और अतिकुपोषित पाए गए और 2021 के बाद जनवरी 2022 में जिन बच्चो का परीक्षण किया उसमे 486 बच्चो की स्थिति में सुधार पाया गया

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ियों और एनआरसी द्वारा कुपोषित बच्चो को पोषण और दवाएं उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन फिर भी जिले में कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों का आंकड़ा बेहद निराशाजनक है। नवजात से लेकर पांच साल तक के 15016 बच्चे इस समय कुपोषण की चपेट में हैं।

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