सीडीपीओ,सुपरवाइजर को नोटिस जारी,मिशन इंद्रधनुष की टॉप टेन रैंकिंग जारी
सीडीपीओ को कारण बताओ नोटिस जारी
जनपद गाजीपुर के रेवतीपुर में बीमा फ्री की सूची न देने पर बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग की सीडीपीओ ,सुपरवाइजर व आंगनवाड़ी कार्यकत्री को जिला कार्यक्रम अधिकारी ने नोटिस जारी किया है इससे विभागीय कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है
गौरतलब है कि शासन की तरफ से बीमा फ्री योजना में 25 जनवरी तक सूची को जमा करने का आदेश था परंतु जनपद गाजीपुर विकास खंड रेवतीपुर में सीडीपीओ सुपरवाइजर की उदासीनता व लापरवाही के चलते सूची जमा नही की गई मामले को संज्ञान में लेते हुए डीपीओ दिलीप पांडेय ने सभी संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया और चेतावनी दी अगर तीन दिन के अंदर जवाब नही मिला तो नियमानुसार विभागीय कार्यवाही की जाएगी
मिशन इंद्रधनुष 2.0 अभियान की टॉप टेन रैंकिंग जारी
उत्तरप्रदेश में जिलेवार मिशन इंद्रधनुष 2.0 टीकाकरण अभियान की टॉप 10 लिस्ट जारी की गई है स्वास्थ्य विभाग की और से चलाए गए मिशन इंद्रधनुष 2.0 अभियान को पूरे उत्तरप्रदेश में 2 दिसंबर से 16 दिसंबर के बीच दो चरणों मे चलाया गया इस अभियान में नवजात शिशु से लेकर 11 साल तक के बच्चों को 11 बीमारियों से बचाव करने का टीका लगाया गया व इसमें गर्भवती महिलाओं का भी टीकाकरण किया गया
शासन की और से जारी की गई प्रदेश की टॉप टेन लिस्ट में बरेली को आठवां स्थान प्राप्त हुआ है जनपद कार्यक्रम नोडल अधिकारी ए सी एम ओ डॉ आर एन सिंह ने कहा है कि मिशन इंद्रधनुष 2.0 के पहले चरण में 6086 बच्चो का टीकाकरण किया गया और इसके साथ 1044 महिलाओ का भी टीकाकरण किया गया जबकि दूसरे चरण में 4741और 630 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया
डॉक्टर आर एन सिंह ने बताया कि इस अभियान की रैंकिंग में जनपद को आठवां स्थान मिलने की सफलता में टीकाकरण में लगी टीम व सभी स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा
हमीरपुर चौथे को चौथा स्थान ,अमेठी पांचवें स्थान पर ,बदायूं छठे ,एटा सातवें नम्बर पर ,बरेली आंठवे शाहजहांपुर नवे नम्बर पर और जालौन को दसवां स्थान मिला
चुनाव आयोग के अगस्त 2019 में वोटरकार्ड से आधार कार्ड को जोड़ने का प्रस्ताव पर केंद्र सरकार विचार कर रही है केंद्र सरकार को भेजे गए इस प्रस्ताव में कानूनी मंत्रालय जनप्रतिनिधितव कानून 1951 में संशोधन कर सकता है इसके लिए मंत्रालय का केबिनेट नोट इस पर गहन अध्ययन कर रहा है
चुनाव आयोग के इस प्रस्ताव में मतदाताओं के भिन्न भिन्न राज्य व जनपदों में मतदाता सूची में नाम दर्ज को रोकना है इस प्रस्ताव को कैबिनेट मीटिंग में 31 जनवरी में शुरू होने जा रहे बजट सत्र में या इसके पहले रखा जा सकता है
गौरतलब है कि 2015 में चुनाव आयोग ने मतदाताओं से सूची को त्रुटि समाप्त करने व प्रविष्टि की जांच के लिए राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण व प्रमाणीकरण योजना की शुरुवात की थी और इसके लिए निर्वाचन आयोग ने देश के सभी केंद्र शासित प्रदेश व राज्यो के निर्वाचन अधिकारियों से 3 मार्च 2015 को पत्र द्वारा सूचित किया गया और नए मतदाताओं से आधार संख्या एकत्रित करने के लिए कहा गया लेकिन 11 अगस्त 2015 को सुप्रीमकोर्ट ने आधार कार्ड की जानकारी देने पर रोक लगा दी लेकिन तब तक आयोग 38 करोड़ मतदाताओं की जानकारी प्राप्त कर चुका था लेकिन देश मे 75 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत मतदाता है
चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं से आधार नम्बर की जानकारी देने पर सुप्रीमकोर्ट ने एक रिट की याचिका पर सुनवाई करते हुए रोक लगा दी क्योंकि सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि मतदाता को चुनाव आयोग को अपनी निजी जानकारी देने का कोई कानून नही है इसके लिए पहले कानून की जरूरत पड़ेगी तभी मतदाता से आधार नम्बर द्वारा निजी जानकारी मांगी जा सकती है