अन्य विभाग में न लिए जाने के सम्बन्ध मेंआंगनवाड़ी न्यूज़आदेश निदेशालय PDFमेरी कलम से

अन्य विभाग में कार्य न लेने के सिर्फ आदेश जारी ,आंगनवाडी का हो रहा शोषण

आंगनवाडी खबर

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में मानदेय पर कार्यरत आंगनवाडी वर्करो पर केन्द्रों के बच्चे का कुपोषण को दूर करने ,स्वास्थ्य की देखभाल ,बच्चो की पढाई, टीकाकरण ,गर्भवती व धात्री महिलाओ की जांच समय समय पर टीकाकरण की जिम्मेदारी होती है केंद्र सरकार द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों की शुरुवात इसी आशय से की गयी थी कि इन आंगनवाडी केन्द्रों पर सामाजिक जागरूकता को देखते हुए बच्चो और महिलाओ के स्वास्थ्य की देखभाल समय पर होती रहे साथ ही इन आंगनवाडी केन्द्रों पर 6 माह से तीन वर्ष तक के बच्चो को शिक्षा दी जा सके इसी कड़ी में केंद्र सरकार द्वारा नयी शिक्षा नीति के तहत आंगनवाडी केन्द्रों को प्री प्राईमरी का दर्जा भी दिया गया जिसकी कार्यवाही लगातार चल रही है

लेकिन राज्यों में कर्मचारी की कमी की वजह से अधिकतर सर्वे जेसे कार्य चाहे जनगणना का कार्य हो या जातिगत सर्वे के कार्य हो या निर्वाचन में बी एल ओ का कार्यभार हो और भी ऐसे अन्य विभागीय कार्य है जो आंगनवाडी वर्करो से कराये जा रहे है जिसकी वजह से इन आंगनवाडी केन्द्रों का समय से न खुलने की वजह से शिक्षण कार्य में कमी आ रही है इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो में नाराजगी भी है अधिकतर लोगो का मानना है कि ये आंगनवाडी केंद्र मात्र दिखावा बन कर रह गये है इससे आंगनवाडी वर्करो की छवि धूमिल हो गयी है अब आंगनवाडी केंद्र मात्र एक राशन की दूकान बन कर रह गये है चूँकि अभी प्रदेश के आंगनवाडी केन्द्रों पर प्री प्राईमरी के अंतर्गत शिक्षण कार्य शुरू नही किया जा सका है जिसकी वजह से बच्चो की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है

पहली बार 2013 में तत्कालीन सचिव ने जारी किया आदेश

आंगनवाडी वर्करो से अन्य विभागीय कार्य न लेने के सम्बन्ध में वर्ष 2013 में तत्कालीन उत्तरप्रदेश शासन की सचिव कामिनी चौहान द्वारा आदेश जारी किया गया था जिसमे उन्होंने समस्त जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किया कि आंगनवाडी वर्करो से अपने विभाग के अतिरिक्त अन्य विभाग के कार्य न लिया जाए आंगनवाडी वर्करो को अन्य विभागीय कार्य में लगाने से उनके मूल विभागीय कार्य प्रभावित होते है सचिव ने मुम्बई हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका जिसमे महाराष्ट्र राज्य आंगनवाडी कर्मचारी संघ बनाम सिदिपियो आई सी डी एस के आदेश का हवाला दिया था और आंगनवाडी वर्करो से अन्य विभागीय कार्य न लिए जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी किया था लेकिन वो आदेश मात्र एक कागज़ का टुकड़ा समझ किसी विभाग के अधिकारी या जिलो के जिलाधिकारी ने नही माना और आंगनवाडी वर्करो का सभी विभागों द्वारा शोषण जारी रहा

कामिनी कौशल द्वारा जारी आदेश देखने के लिए क्लिक करे

अन्य-विभागीय-कार्य-मे-न-लिए-जाने-के-संबंध-में-2013

2017 में तत्कालीन मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश

2017 के तत्कालीन मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने आंगनवाडी केन्द्रों की गतिविधियों का हवाला देते हुए सभी जिलाधिकारियो को पत्र जारी किया था जिसमे उन्होंने स्पस्ट लिखा था कि आंगनवाडी केन्द्रों पर कार्यरत आंगनवाडी वर्करो पर सामाजिक द्रष्टि से एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है इन आंगनवाडी केन्द्रों पर नौनिहालों गर्भवती व धात्री महिलाओ के कुपोषण को दूर किया जाता है साथ ही इन आंगनवाडी वर्करो द्वारा लाभार्थियों को भोजन देने का कार्य भी किया जाता है साथ ही क्षेत्र के लाभार्थियों का सत्यापन भी कराया जाता है लेकिन जब इन आंगनवाडी वर्करो से अन्य विभागीय कार्य कराये जाते है तो इन आंगनवाडी केन्द्रों पर इसका प्रभाव पड़ता है साथ ही उन्होंने कामिनी कौशल द्वारा जारी 2013 के आदेश का हवाला भी दिया था लेकिन मुख्य सचिव राहुल भटनागर का आदेश भी कोई जिला अधिकारी अपने जनपद में लागू नही कर सका और सभी जिलो में आंगनवाडी वर्कर अपने केंद्र से ज्यादा अन्य विभागीय कार्यो में कार्य करती रही

राहुल भटनागर द्वारा जारी आदेश देखने के लिए क्लिक करे

अन्य-विभाग-में-कार्य-न-लेने-के-संबंध-में-2017

2019 में केंद्र सरकार ने किया पत्र जारी

2013 से आदेश जारी होते रहे लेकिन आंगनवाडी वर्करो पर अन्य विभागों का कार्य लिया जाता रहा और इसके बदले मानदेय के नाम पर शोषण जारी रहा अधिकारी बदलते रहे लेकिन अगर कुछ नही बदला तो आंगनवाडी वर्करो का शोषण कभी नही बदला

2019 में केंद्र सरकार के महिला बाल विकास मंत्रालय के सचिव रविन्द्र पंवार द्वारा सभी राज्यों को पत्र जारी किया गया जिसमे उन्होंने भी इसी बात से सभी राज्यों को अवगत कराया कि आंगनवाडी वर्करो द्वारा अन्य विभागीय कार्य लेने से केन्द्रों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है इसीलिए आंगनवाडी वर्करो से अन्य विभागीय कार्य न कराये जाए

केंद्र सरकार द्वारा जारी पत्र देखे -:

केंद्र सरकार का पत्र जारी होते ही उत्तरप्रदेश सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव ने इसे संज्ञान में लेते हुए सभी जिला अधिकारियो को सख्ती से निर्देश दिए और 19 नवम्बर को एक आदेश जारी किया जिसमे उन्होंने भी आंगनवाडी केन्द्रों की गतिविधियों व आंगनवाडी कार्यकत्रियो के कार्य का हवाला देते हुए लिखा कि आंगनवाडी वर्करो से अन्य विभागीय कार्य न कराये जाए लेकिन जिले स्तर के अधिकारियो की मज़बूरी कहे या आंगनवाडी वर्करो को बदकिस्मती आज वर्तमान समय 2022 तक आंगनवाडी वर्करो से अन्य विभागीय कार्य लगातार लिए जा रहे है और इसके बदले इन वर्करो को मात्र एक छोटी सी रकम दे दी जाती है चूँकि आंगनवाडी एक अल्प मानदेय वर्कर है जिसे केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकार हो किसी भी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं मानती जबकि इन वर्करो से सभी सरकारी कार्य में सहयोग लिया जाता रहा है

स्वास्थ्य विभाग से लेकर निर्वाचन आयोग ,पंचायती विभाग ,शिक्षा विभाग और समय समय पर होने वाले सभी सर्वे जेसे कार्यो में आंगनवाडी वर्करो का योगदान होता है लेकिन इन आंगनवाडी वर्करो को जीवन यापन व भरण पोषण के लिए पूर्ण मानदेय भी नही दिया जाता है

2019 में मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश देखने के लिए क्लिक करे

अन्य-विभाग-में-कार्य-न-लेने-के-सम्बंध-में-2019

Aanganwadi Uttarpradesh

आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश एक गैर सरकारी न्यूज वेबसाइट हैं जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा संचालित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों की गतिविधियों ,सेवाओ एवं निदेशालय द्वारा जारी आदेश की सूचना प्रदान करना है यह एक गैर सरकारी वेबसाइट है और आंगनवाड़ी उत्तरप्रदेश द्वारा डाली गई सूचना एवं न्यूज़ विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों पर निर्भर होती है वेबसाइट पर डाली गई सूचना के लिए कई लोगो द्वारा गठित टीम कार्य करती है

Related Articles

error: Content is protected !!