आंगनवाड़ी,आशा समेत सभी संविदाकर्मियों की नौकरी महज एक गुलामी बन कर रह गई : वरुण गांधी
आंगनवाड़ी न्यूज़
पीलीभीत मे एक दिवसीय जनपद दौरे पर कुर्रेया में ग्रामीणों से जनसंवाद के दौरान सांसद वरुण गांधी ने कहा कि संविदाकर्मी की नौकरी कोई नौकरी नहीं होती है। यह महज एक गुलामी बन गई है। सांसद ने कोरोना समय का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय संविदा कर्मियों को सम्मान देने की बड़ी बड़ी बातें की गई थीं। लेकिन अब आशा बहुओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, शिक्षा मित्रों आदि संविदा कर्मियों से मानदेय और स्थायीकरण के वादे भुला दिए गए है । स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर और नर्स से ज्यादा इन काम करने वाली आंगनवाड़ी औरआशा बहनों को भुला दिया गया है । इन वर्करो के साहस और मेहनत के कारण ही हम इस महामारी से आज सुरक्षित है इसीलिए इन संविदा कर्मियों के हक और न्याय दिलाने के लिए मे हर मंच पर आवाज उठाता रहूंगा।
जनपद के पूरनपुर क्षेत्र में जनसंवाद कार्यक्रमों में सांसद वरुण गांधी ने कहा कि वह निजीकरण का विरोध इसलिए कर रहे हैं। कि जब सब कुछ बिक जाएगा तो गरीब के बच्चे कैसे भविष्य बनाएंगे। पीलीभीत से उनका राजनीतिक नहीं परिवार का रिश्ता है। जिसे वह हमेशा अपना फर्ज समझ कर निभाते रहेंगे। राजनीति इस बात पर ध्यान केंद्रित होनी चाहिए कि हम उन लोगों की आवाज उठाएं जो अपनी आवाज नहीं उठा पाते उनके लिए राजनीति में ऐसे लोगों की आवाज बनने के लिए आए हैं। उन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक वह राजनीति में हैं, समाज के कमजोर लोगों कीआवाज बनते रहेंगे। इससे पूर्व सांसद वरुण गांधी शनिवार को खमरिया में राजेश गंगवार तथा सैजना में राधे गंगवार के कार्यक्रम में शरीक हुए। उन्होंने कहा कि बिठौरा के लोगों ने हमेशा हमारा समर्थन किया है।
सांसद ने कहा कि राजनीति में स्वच्छताऔर ईमानदारी बहुत जरूरी है। राजनीति गुलामी बन गई वादे भुला दिए गए : वरुण शनिवार को पूरनपुर तहसील के थाना सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र के गांव गढ़ाकलां में संबोधित करते सांसद वरुण गांधी इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि हम उन लोगों की आवाज उठाएं सांसद ने कहा कि जीवन आज है,कल नहीं रहेगा। बड़ा आदमी वही होता है जिसके साथ रहकर कोई अपने आपको छोटा न समझे।