आंगनवाड़ी के मानदेय का वो कड़वा सच जो किसी ने नहीं बताया ?
आंगनवाड़ी मानदेय खबर
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही समेकित बाल विकास योजना के अंर्तगत कार्य कर रही आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय मे बढ़ोत्तरी को लेकर आंगनवाड़ी वर्करों मे संशय बना रहता है कि किस राजनैतिक पार्टी ने अब तक आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय मे बढ़ोत्तरी की है।
अगर बात करे तो पुरे देश के सभी राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक समान मानदेय दिया जाता है। लेकिन जब बात किसी विशेष पार्टी की होती है कि किस राजनैतिक पार्टी ने 1975 से चल रही इस योजना में अब तक सबसे ज्यादा आंगनवाड़ी वर्करों का मानदेय बढ़ाया है तो कही न कही विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है।
इसकी तुलना करने के लिए कई पहलू पर गौर करना होगा किस पार्टी की केंद्र में सत्ता रही है या किसने अभी तक शासन किया है या उस समय देश की क्या परिस्थिति थी या उस समय में की गई रुपए की बढ़ोत्तरी क्या मायने रखती थी।
यह योजना 2 अक्टूबर 1975 में शुरू की गई थी, 1978 में मोरारजी देसाई की सरकार द्वारा बंद कर दी गई , और फिर दसवीं पंचवर्षीय योजना द्वारा फिर से शुरू की गई। भारत की दसवीं पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल, 2002 से प्रारम्भ हुई है । 2002-07 की अवधि वाली इस योजना के प्रारूप को योजना आयोग की 5 अक्टूबर, 2002 की बैठक में मंजूरी प्रदान की गई थी।
देखा जाए तो 1978 से 2002 तक इस योजना का कोई अस्तित्व ही नहीं रहा। और न ही इस योजना के लिए कोई विशेष बजट जारी किया जाता था। ये बात अलग है कि इस योजना के अंतर्गत कार्य कर रही आंगनवाड़ी वर्करों को समय के अनुसार मानदेय दिया जाता रहा और बीच बीच में इनके मानदेय में बढ़ोत्तरी होती रही।
आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय में बढ़ोत्तरी के लिए सबसे ज्यादा 1979 से 1986 के बीच का अंतराल रहा। इस अवधि मे इन वर्करों के मानदेय में कोई बढ़ोत्तरी नही की गई जिसमे पांच साल का पूर्ण कार्यकाल और इस योजना की शुरुवात करने वाली तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी जिन्होंने इनके मानदेय में कोई बढ़ोत्तरी नही की।
1975 से 2024 तक की बात की जाए तो केंद्र मे अब तक तीन प्रमुख राजनैतिक दलो की सरकार रही है जिसमे कॉंग्रेस ,जनता दल और बीजेपी पार्टी है।
1. भारतीय जनता पार्टी
बीजेपी की 1975 से अब तक लगभग 16 वर्ष केंद्र मे सरकार रही है जिसमे 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहे है। वर्ष 2002 मे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आंगनवाड़ी वर्करो के मानदेय मे 500 रुपये की बढ़ोत्तरी की थी। उसके बाद 2018 मे पूर्ण बहुमत वाली नरेंद्र मोदी सरकार ने 1500 रुपये की बढ़ोत्तरी की थी।
2. जनता दल
जनता दल पार्टी की देश मे सरकार तो कई बार आई लेकिन ये कभी स्थिर सरकार न दे सकी। इस दल का अलग अलग पार्टियो से गठबंधन करके प्रधानमंत्री देना हमेशा विवादो मे रहा।
जनता दल द्वारा देश की केंद्र में एक एक वर्ष के अंतराल में तक सरकार रही जिसमे वी पी सिंह (1989 से 1990),एच डी देवगौड़ा(1996 से 1997) , इंद्र कुमार गुजराल,(1997 से 1998) जैसे प्रधामंत्री बने।
जबकि 1990 से 1991 के बीच समाजवादी जनता पार्टी के चंद्र शेखर प्रधानमंत्री बने। ये सरकार भी मात्र एक वर्ष भी नही चली। जबकि 1977 से 1979 के मध्य जनता पार्टी के मोरार जी देसाई दो वर्ष के लिए प्रधान मंत्री बने।
इसके बाद जनता पार्टी के ही चौधरी चरण सिंह मात्र (जुलाई 1979 से जनवरी 1980) 6 माह के लिए प्रधान मंत्री बने।
3. कांग्रेस
2 अक्टूबर 1975 को बाल विकास योजना की शुरुआत इस कांग्रेस पार्टी की ही देन है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा चलाई गई इस योजना के बाद 1978 में जनता दल द्वारा इस योजना को बंद कर दिया गया।
जनता दल की सरकार गिरने के बाद 1980 मे इंदिरा गांधी की दुबारा केंद्र में सत्ता की वापसी हुई। और लगातार पांच वर्ष तक प्रधानमंत्री रही।
देखा जाए तो 1975 से शुरू हुई इस योजना के बाद कांग्रेस पार्टी की इंदिरा गांधी,राजीव गांधी,नरसिम्हा राव, और दो बार मनमोहन सिंह की कुल 25 वर्ष तक केंद्र मे बहुमत की सरकार रही जिसमे इंदिरा गांधी ने एक बार,राजीव गांधी ने एक बार, नरसिम्हा राव ने एक बार और मनमोहन सिंह ने दो बार कुल 2375 रुपए मानदेय दिया है।
कुल मिलकर केंद्र मे बहुमत की सरकार न बनना और सरकार की अस्थिरता भी आंगनवाड़ी के मानदेय मे बढ़ोत्तरी न होना भी एक बड़ी वजह बना है।
केंद्र सरकार द्वारा आंगनवाड़ी वर्करो के मानदेय मे की गयी बढ़ोत्तरी
मानदेय बढ़ोत्तरी का वर्ष | तत्कालीन प्रधानमंत्री | तत्कालीन पार्टी | मानदेय बढ़ोत्तरी रुपये मे | कुल बढ़ोत्तरी |
1975 | इन्दिरा गांधी | कॉंग्रेस | 150 | शुरुवात |
01/04/1978 | मोरारजी देसाई | जनता पार्टी | 175 | 25.00 |
01/07/1986 | राजीव गांधी | कॉंग्रेस | 275 | 100.00 |
02/10/1992 | पीवी नरसिम्हा राव | कॉंग्रेस | 400 | 125.00 |
16/05/1997 | इन्द्र कुमार गुजराल | जनता दल | 500 | 100.00 |
01/04/2002 | अटल बिहारी वाजपेयी | भाजपा | 1000 | 500.00 |
01/04/2008 | मनमोहन सिंह | कॉंग्रेस | 1500 | 500.00 |
01/04/2011 | मनमोहन सिंह | कॉंग्रेस | 3000 | 1500 |
01/10/2018 | नरेंद्र मोदी | भाजपा | 4500 | 1500 |