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आंगनवाडी कार्यकत्रियों को वेदांता समूह द्वारा दिया जायेगा अलग से प्रशिक्षण। शासन के निर्देश पर आंगनवाडी केन्द्रों को गोद लेने की प्रक्रिया हुए तेज

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रायबरेली जनपद के सलोन विधानसभा क्षेत्र में बाल विकास द्वारा चल रहे 34 आंगनवाड़ी केन्द्रों को अब नंद घर के नाम से विकसित किया जायेगा । जिला स्तरीय अधिकारियो द्वारा इन चिह्नित आंगनवाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।

अमेठी की सांसद व केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा विधानसभा सलोन क्षेत्र के विकासखंड सलोन, डीह, छतोह,के कुल 34 आंगनवाड़ी केन्द्रों को नंद घर बनाने की सूची में शामिल किया गया हैं। जिसमें सबसे अधिक डीह ब्लॉक में 18 आंगनवाड़ी केंद्र, सलोन में 11 आंगनवाड़ी केंद्र छतोह में पांच आंगनवाड़ी केन्द्रों को मॉडल आंगनवाडी केंद्र बनाने की सूची में शामिल किया गया हैं। इन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत कार्यकत्रियों को वेदांता समूह द्वारा अलग से प्रशिक्षण दिया जायेगा।

मॉडल आंगनवाडी केंद्र बनने पर आने वाले छोटे बच्चो को बैठने के लिए रंग बिरंगी प्लास्टिक की छोटी-छोटी कुर्सी और मेज रखी जाएगी। नन्द घर में कार्यकत्रियो द्वारा नियमित बच्चों को वजन करने के लिए वेट मशीन तथा पंखे और कूलर लगाए जाएंगे। इन केन्द्रों पर बच्चो को खेलने व उनके मनोरंजन के लिए तरह-तरह के खिलौने भी केंद्र पर उपलब्ध होंगे। साथ ही साफ़ पेयजल के लिए नंद घर की छतों पर पानी की टंकी रखी जाएगी।

गोद लिए गये आंगनवाडी केन्द्रों की सीडीओ ने मांगी रिपोर्ट

बाराबंकी  जिले में लोक सभागार में सीडीओ श्रीमती एकता सिंह ने समीक्षा बैठक में गोद लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण कर सभी अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गयी है जिले में 30 अधिकारियों द्वारा 90 गाँव को गोद लिया गया है

सीडीओ द्वारा ली गयी समीक्षा बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि अब तक जिले के अलग अलग विभाग के 30 अधिकारियों ने 90 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है। नए आंगनबाड़ी भवनों को लेकर प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती निधी ने बताया कि एक वर्ष 12 आंगनबाड़ी केन्द्र बनने हैं। जिसमें दरियाबाद में निर्माण कार्य शुरू हो गया है। शेष की टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस पर सी़डीओ ने जल्द से जल्द निर्माण शुरू कराने का निर्देश दिया। जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने के सम्बंध में कार्यवाही शुरू कर दी गई है। जनप्रतिनिधि और जिला स्तरीय अधिकारी आंगनवाडी केन्द्रों का चयन करके नियमानुसार विकसित करेंगे।

सीडीओ एकता सिंह ने सभी अधिकारी से अपने-अपने गोद लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों का एक सप्ताह में निरीक्षण कर पूरी रिपोर्ट मांगी है । समीक्षा बैठक में सीडीओ ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के आठ आंगनबाड़ी केन्द्रों को हैण्डओवर न कराए जाने पर निर्माण करने वाली फर्म को तत्काल सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण पूरा करके बाल विकास विभाग को हैण्डओवर कराने का आदेश दिया है । साथ ही सी़डीओ ने जीओ टैगिंग, पोषाहार वितरण, हॉट कुक योजना की प्राप्ति धनराशि, व्यय धनराशि की समीक्षा, पोषण अभियान आदि योजनाओं की समीक्षा की। विभाग के अधिकारियो ने बताया गया कि 325 अल्प वजन के बच्चों की सूची और सैम मैम बच्चों की सूची संबंधित अधिकारी को उपलब्ध करा दी गई है की जानकारी ली गई।

जिले में 150 आंगनवाडी केंद्र बनेंगे मॉडल

वाराणसी शासन के निर्देश पर आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने की प्रक्रिया तेज हो गयी है बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की अपर निदेशक (प्रशासन) डॉ. विभा चहल ने सभी जिलाधिकारियों, सीडीओ व डीपीओ को पत्र भेजकर इस सम्बंध में कार्यवाही शुरू करने को कहा है। जनप्रतिनिधि और जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा गोद लिए गये आंगनवाडी केन्द्रों पर पेयजल, शौचालय, बिजली समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इन केन्द्रों की दीवारों पर टीचिंग लर्निंग मैटेरियल दर्शाती ‘बाला’ की पेंटिंग की जाएगी जिससे बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह अवधि छह माह की होगी।

इससे पूर्व तीन साल पहले अधिकारी सिर्फ ज्यादा कुपोषित बच्चों वाले आंगनवाडी केंद्रों को गोद लेते थे। 2018 में जिले के तत्कालीन डीएम सुरेंद्र सिंह द्वारा सिकरौल आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लिया गया था जिसके परिणाम स्वरूप इस आंगनवाडी केन्द्रों के बच्चो को कुपोषणमुक्त घोषित कर दिया गया था।

कुपोषण से जूझ रहे गांव के बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए अतिरिक्त पौष्टिक आहार व विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम आदि की गोलियां व सिरप दिए जाएंगे। अवगत हो कि जिले के 3914 आंगनवाडी केन्द्रों पर 3606 आंगनबाड़ीकार्यकत्री और 2909 सहायिकाएं नियुक्त हैं। लेकिन कई वर्षो से आंगनवाडी के पदों पर भर्ती न होने से बहुत से केन्द्रों पर नियमित आंगनवाडी नियुक्त नही है ऐसे केन्द्रों पर राशन वितरण व अन्य कार्यो के लिए नजदीकी आंगनवाडी को अतिरिक्त चार्ज देकर खानापूर्ति की जा रही है

जनपद में तीन सांसद वाराणसी से पीएम मोदी, चंदौली से केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय व मछलीशहर से बीपी सरोज आठ विधायक, पांच विधान परिषद सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर और जिलास्तरीय अधिकारी द्वारा करीब 150 आंगनवाडी केंद्रों का चयन कर गोद लेते हुए मॉडल आंगनवाडी केंद्र बनाया जायेगा

मॉडल आंगनवाडी केंद्र बनने के बाद की प्रक्रिया

  1. गोद लेने वाले जनप्रतिनिधि और अधिकारी तय मानकों के हिसाब से आंगनवाडी केंद्रों को विकसित करेंगे।
  2. डीएम (जिला पोषण समिति के अध्यक्ष) द्वारा हर महीने गोद लिए गये आंगनवाडी केन्द्रों की समीक्षा करेंगे।
  3. जिला कार्यक्रम अधिकारी इनका नियमित पर्यवेक्षण करेंगे और तय प्रारूप पर पोषण समिति की बैठक में रिपोर्ट देंगे।
  4. इन केन्द्रों की रिपोर्ट के आधार पर सुविधाएं देने के लिए सभी विभागों के समन्वित प्रयास से आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र विकसित होंगे।
  5. सुविधाएं मिलने के बाद डीपीओ हर महीने इन सेंटरों की रिपोर्ट शासन, राज्य पोषण मिशन और निदेशालय को भेजेंगे।

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