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आंगनवाडी केन्द्रों पर मिलने वाले चावल में हुआ बदलाव ,मुरादाबाद में प्री प्राईमरी के लिए 14 गाँवों में आंगनवाडी भवनों को मिली मंजूरी

आंगनवाडी न्यूज़

अमेठी जनपद के नंदघर परियोजना में भादर ब्लाक के नन्दघर घोरहा और गुडरी नन्दघर पर 29 नंदघर कार्यकत्रियों को प्री-स्कूल किट्स एवं पाठ्यक्रम के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई। नंदघर परियोजना की सभी गतिविधियों के संचालन और देख-रेख का कार्यभार हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया को सौंपा गया है। जिसके द्वारा समी वर्कशाप इंडिया के द्वारा खेल-खेल में बच्चों को पठन- पाठन कराने पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्री को प्री व पोस्ट टेस्ट के माध्यम से गुणवत्ता के साथ प्रशिक्षण दिया जा रहा है

बाराबंकी गुरुवार को डीएम व सीडीओ द्वारा आंगनवाडी केंद्रों का निरीक्षण करने के आदेश दिए गये थे। निरीक्षण में 29 केंद्र बंद पाए गए। डीपीओ ने कार्रवाई करते हुए चार कार्यकत्रियों को चेतावनी नोटिस और एक सीडीपीओ का मानदेय रोक दिया है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि डीएम के निर्देश पर गुरुवार को जिले के 433 आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया। जिसमें से 29 आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाए गए। जिसके कारण 37 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को स्पष्टीकरण तथा 4 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कठोर चेतावनी जारी की गई। इसके अतिरिक्त अत्याधिक लापरवाही बरतने के कारण चार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय भी काटा गया है। बाल विकास परियोजना पूरेडलई की मुख्य सेविकाओं के द्वारा रिपोर्ट न दिए जाने के कारण उनका अग्रिम आदेशों तक वेतन बाधित किया गया है। डीपीओ ने बताया कि निरीक्षण के दौरान सिरौलीगौसपुर ब्लॉक में 37 केंद्रों का निरीक्षण किया गया। जिसमें घुसेड़िया व रामपुर छ की कार्यकत्री वेदिका सोनकर व रेहाना खातून के सेंटर बंद मिले। दोनों से स्पष्टीकरण मांगते हुए मानदेय रोका गया है। वहीं बंकी ब्लॉक के 45 केंद्रों में से चार केंद्र पहलीपार, बदनपुरवा, केवाड़ी व सरायबुधेड़ी बंद पाए गए सभी कार्यकत्रियों से स्पष्टकरण मांगा गया है। सिद्धौर में 36 केंद्रों के निरीक्षण में सभी खुले मिले। निंदूरा में न्यामतपुर, जजियामऊ, बंदगीनगर प्रथम व द्वितीय, मौलाबाद बंद मिला। इनसे चेतावनी नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

हमीरपुर सरीला। सरीला के सीडीपीओ ने शुक्रवार को आधा दर्जन आंगनबाड़ी केंदों का निरक्षण किया। इस दौरान चार गांव के आंगनबाड़ी केंन्द्र बंद पाए गए। धंगवा गांव की अनुपस्थिति आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का अक्टूबर माह का मानदेय रोक दिया गया है।

सरीला ब्लाक के धंगवा गांव के केन्द्र न खुलने के चलते गुरुवार के दिन सीडीपीओ योगेंद्र कुमार दुवे ने जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देश पर क्षेत्र के आगनबाड़ी केंद्रों का निरक्षण किया। इस दौरान करियारी गांव के तीनों केंद्र खेड़ाशिलाजीत के दो केंद्र अतरौली के दो केंद्र साथ ही धंगवा गांव के तीनो केंद बंद पाए गए। धंगवा गांव के इससे पहले भी तीन बार निरक्षण के दौरन केंद्र बंद पाये गए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ती द्वारा विभागीय दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया गया। पोषण ट्रैकर लाभार्थियों की फीडिंग सहित अन्य रिपोर्टिंग के संबंध में भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा रुचि नहीं ली गई। साथ ही निरक्षण के दौरान तीन मर्तबा केन्द्र बंद पाए गए।

प्रयागराज  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने से पहले राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एससीएफ) तैयार की जा रही है। यह जिम्मेदारी राज्य शिक्षा संस्थान एलनगंज को मिली है और विशेषज्ञों की टीम भी गठित कर दी गई है। नई नीति के परिप्रेक्ष्य में यूपी में स्कूली शिक्षा (कक्षा एक से 12 तक) का क्या स्वरूप होगा और उसे किस प्रकार बच्चों तक प्रभावी तरीके से पहुंचाया जाए, इसकी रणनीति बनाई जाएगी। शिक्षा नीति को लागू करने में पाठ्यचर्या की रूपरेखा बहुत मायने रखती है।

इसके तहत शिक्षा की प्रक्रिया कैसी होगी, पाठ्यक्रम क्या होगा, किताबें कैसी होगी, पठन-पाठन कैसे होगा, समुदाय की क्या भूमिका होगी, मूल्यांकन की प्रक्रिया क्या होगी, मानवीय नैतिक मूल्यों को किस प्रकार समाहित किया जाए जैसे बिन्दुओं को तय किया जाएगा।

नई नीति में शिक्षण माध्यम के रूप में पहली से पांचवीं तक मातृभाषा का इस्तेमाल करेंगे। इसमें रट्टा विद्या को खत्म करने की कोशिश है जिसे मौजूदा व्यवस्था की बड़ी खामी माना जाता है। स्कूलों में 10+2 फार्मेट के स्थान पर 5+3+3+4 फार्मेट को शामिल किया जाएगा। इसके तहत पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी के तीन साल और कक्षा एक और कक्षा दो साल शामिल होंगे। कक्षा 3-5 और कक्षा 6 से 8 तक के तीन-तीन साल होंगे।

मुरादाबाद में मनरेगा की मदद से जिले के 15 गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने मंजूरी दे दी है। इन पर एक करोड़ 26 लाख रुपये खर्च होंगे। जल्द ही इन आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण पर काम शुरू हो जाएगा। पंद्रह गांवों में नए आंगनबाड़ी केंद्र बनने से बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी होगी। माताओं को समय से टीका लगाना आसान होगा। पुष्टाहार योजना का लाभ दिलाने के साथ प्ले स्कूलों की तरह बच्चों को इन केंद्रों पर पढ़ना-लिखना सिखाया जा सकेगा।
परियोजना अधिकारी, डीआरडीए सतीश कुमार मिश्र ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण में खर्च होने वाली धनराशि में 75 लाख रुपये मनरेगा से दिए जा रहे हैं। 30 लाख रुपये की धनराशि आइसीडीएस विभाग ने दी है। प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर एक लाख चार हजार रुपये ग्राम पंचायतों को खर्च करने हैं। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बनवाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई है। इसी महीने आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण शुरू हो जाएगा।

डीएम ने इन गांवों में आंगनबाड़ी केंद्र बनाने की दी मंजूरी

विकासखंडआंगनबाड़ी केंद्र
कुंदरकीरामपुर मेंगन
बिलारीरायपुर धनियाखेडी
बिलारीअहलादपुर करार (प्रथम)
बिलारीअहलादपुर करार ( द्वितीय)
बिलारीमलक अहलादपुर
बिलारीकासमपुर
बिलारीमिठनपुर नगला
बिलारीरुस्तमपुरखास
ठाकुरद्वाराकरनावाला जब्ती की मढैया
मूंढापांडेमिलक सैंजना
मूंढापांडे दौलारी
छजलैटसलावा
छजलैटखूटाखेड़ा
छजलैटडेहरा
छजलैटमुण्डला



मथुरा डीपीओ अभिनव कुमार ने सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से अभियान को सफल बनाने के लिए अपील की। उन्होंने बताया कि संचारी रोग से बचाव के लिए विशेष रूप से लोगों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पानी के भराव से बचना होगा। जलभराव से मच्छर पैदा होते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा बहू, एएनएम भी क्षेत्रग्रामीणों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक करेंगे।

आशाएं घर-घर जाकर लोगों से पूछेंगी कि घर में किसी को खांसी, जुकाम या बुखार तो नहीं है। साथ ही जरूरत पड़ने पर बलगम के सैंपल लिए जाएंगे। 18 अक्टूबर से शुरु होने वाले इस अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला परियोजना अधिकारी ने आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण के दौरान डेंगू, मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों को दूर रखने के उपायों के बारे में भी बताया गया। मच्छरों को दूर करने के लिए आशाएं घरों के अंदर जाकर मच्छरों के प्रजनन अनुकूल स्थितियों की जांच करेंगी। लोगों को मच्छरों के प्रजनन पर रोक और मच्छरों के काटने से बचाव के उपयों के विषय में जानकारी देंगी।

फिरोजाबाद नैपई में दो आंगनबाड़ी केंद्र हैं, लेकिन दोनों प्राथमिक स्कूल के ही भवन में संचालित हैं। शनिवार को दोनो केंद्र के बच्चों को सहायिका लाड़ो देवी ही संभाले हुए थी। आंगनबाड़ी रेनू देवी एवं विमलेश के संबंध में पूछने पर बताया कि तबियत खराब होने के कारण वह अवकाश पर हैं। वहीं दूसरी सहायिका अश्रुलेखा बच्चों को बुलाने के लिए गांव गई है। आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे उस कक्ष में बैठ रहे हैं, जिसे प्राथमिक के शिक्षक सिर्फ इसलिए प्रयोग नहीं करते हैं, क्योंकि जर्जर हाल में है।

प्राथमिक स्कूल सांती में रसोई के बगल में स्थित पुराना कक्ष काफी जर्जर हाल में है। छत का प्लास्टर उखड़ा हुआ है। इस कक्ष को स्कूल प्रशासन द्वारा काफी वक्त से सिर्फ इसलिए प्रयोग में नहीं लिया जा रहा है, क्योंकि इस कक्ष में कभी भी हादसा हो सकता है, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकत्री कक्ष में केंद्र का संचालन कर रही हैं। शनिवार को भी जर्जर कक्ष में बच्चे पढ़ते हुए दिखाई दिए। स्कूल प्रधानाध्यापक का कहना है कि इस भवन को जर्जर घोषित कर विभाग को लिखा है।

बागपत में आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब नौनिहालों को साधारण चावल के बजाय फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जाएगा। शासन के निर्देश पर पीडीएस के माध्यम से इसकी आपूर्ति होगी। अब तक मिड डे मिल में ही इस चावल की आपूर्ति होती थी। फोर्टिफाइड चावल साधारण चावल के मुकाबले काफी विटामिन युक्त होता हैं। कुपोषण के खिलाफ सबसे अधिक इसे ही कारगार माना जाता है। महिला समूह इस चावल को आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचाएंगी।

जिले में कुल 403 राशन की दुकानें हैं। इनके माध्यम से करीब दो लाख से अधिक कार्डधारकों को राशन वितरित होता है। इसके साथ ही बेसिक व माध्यम स्कूलों के मिड-डे-मिल व आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भी राशन की आपूर्ति यहीं से होती है। अब तक सभी के लिए साधारण चावल दिया जाता है, लेकिन पिछले दिनों शासन स्तर से सरकारी स्कूलों के मिड-डे-मिल में साधारण चावल की बजाय फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू कर दिया गया है।

Aanganwadi Uttarpradesh

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