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आंगनवाडी केन्द्रों पर वितरण किये जाने वाले पुष्टाहार की बाहरी जिलो से आपूर्ति होगी बंद

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चंदौली जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित किये जाने वाले पोषाहार का अन्य जिलो से आयात नही होगा जिले में बहुत जल्द शुरू होने जा रहे पोषाहार प्लांट द्वारा निर्मित पोषाहार को केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जिले के चार ब्लाकों में पोषाहार प्लांट लगभग बनकर तैयार है। इससे उत्पदान भी अगले सप्ताह तक शुरू हो जाएगा। इन पोषाहार के प्लांट को स्वयं सहायता समूह की महिलाएं संचालित करेंगी। प्रत्येक प्लांट पर 20-20 समूह की महिलाओं को शामिल किया गया है।इससे न सिर्फ उन्हें रोजगार मिलेगा बल्कि वह आर्थिक रूप से मजबूत भी होंगी।

अवगत हो कि उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा समूह की महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाडी केन्द्रों पर वितरण किये जाने वाले ड्राई राशन में बिचोलिये की भूमिका दी गयी थी बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग और राष्ट्रीय आजीविका मिशन के बीच आपसी सामंजस्य बनाते हुए समूह की महिलाओ को ब्लोक से आंगनवाडी केन्द्रों तक ड्राई राशन की पहुचाने की जिम्मेदारी दी गयी है

इससे पूर्व आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार भेजने का काम बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग करता था। लेकिन अब स्वय सहायता समूह की महिलाएं को यह जिम्मेदारी दी गयी है । जिले में चंदौली ब्लाक के मैढ़ी, चकिया, सकलडीही के नरैना और धानापुर ब्लाक में पोषाहार तैयार करने के लिए प्लांट लगाये गये है। इसमें चंदौली में कारखाने के निर्माण का काम अंतिम चरण में है जबकि बाकी तीन ब्लाकों में प्लांट बनकर तैयार हो चुका है। वहां मशीनें भी आ चुकी है। वहां अगले सप्ताह से उत्पादन शुरू होने लगेगा। गेहूं और चने की दाल से तैयार पंजीरी की पैकेजिंग कर उसको सीधे आंगनबाड़ी केंद्रों को भेजा जाएगा।पेकिंग व् आंगनवाडी केन्द्रों थ राशन की आपूर्ति का संचालन समूह की महिलाएं करेंगी। कारखाना लगाने से पहले जिले की समूह की महिलाओं को वहां प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। जिले के चंदौली, चकिया, धानापुर और सकलडीहा ब्लाक में कारखाना लगाया गया है। प्रत्येक प्लांट पर लगभग 75-75 लाख की मशीनों द्वारा पोषाहार तैयार किया जायेगा हैं

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में लगभग 10 हजार महिलाओं का स्वयं सहायता समूह है। इन समूहों में तकरीबन 1.10 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। जो विभिन्न क्षेत्रों में जुड़कर रोजगार कर रही है। इसमें बिजली बिल जमा करने से लेकर दीया बनाने, खेती करने, सिलाई-कढ़ाई सहित कई कार्य कर रही है।

और जिले में तकरीबन 1823 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों पर तीन से पांच साल तक के बच्चों को प्री-प्राइमरी की शिक्षा के साथ ही पोषाहार दिया जाता है। ताकि उनका स्वास्थ्य सही रहे और स्कूल में दाखिले से पहले उन्हें शिक्षा का कुछ ज्ञान हो सके। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आर राम्या ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीरी के लिए जिले में चार प्लांट लगाए गए है। तीन का संचालन जल्द शुरू होने जा रहा है। सकलडीहा में निरीक्षण कर गुणवत्तापूर्ण पुष्टाहार उत्पादन के निर्देश दिए गए है। इससे महिलाएं रोजगार से जुड़ेंगी और आर्थिक रूप से मजबूत होंगी।

गुरूवार को एनआरएलएम आर राम्या ने जिले के सभी ब्लॉक के सीडीपीओ और विभागीय अधिकारी के साथ नरैना में पुष्टाहार प्लांट टेक होम राशन का निरीक्षण किया। इस दौरान एनआरएलएम से जुड़ी महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण पुष्टाहार तैयार करने का निर्देश दिया। पुष्टाहार वितरण करने के लिये जिले के सकलडीहा ब्लॉक में नरैना में प्लॉट लगा है। जो सकलडीहा और चहनिया ब्लॉक के केन्द्रों पर वितरण किया जायेगा। दूसरा धानापुर ब्लॉक में लगे प्लांट से बरहनी और धानापुर में सप्लाई होगी। तीसरा चकिया ब्लॉक से शाहबगंज व नौगढ़ को सप्लाई दी जायेगी। सदर ब्लॉक सें चंदौली नियामताबाद में पुष्टाहर वितरण होगा।

सुपरवाइजर , लिपिक से लेकर सीडीपीओ तक पोषाहार के भ्रस्टाचार में लिप्त

ललितपुर   जिलाधिकारी आलोक सिंह ने बाल विकास परियोजना कार्यालय तालबेहट में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों से वसूली के मामले में तह तक जाने के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी। इस जांच के लिए एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट मांगी गयी है रिपोर्ट के आधार पर दोषी पर कार्यवाही की जाएगी

कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं की सेहत सुधारने की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं पर रहती है। लेकिन इस विभाग में बड़े स्तर पर भ्रस्टाचार बड़े पैमाने पर किया जाता है जनपद में एक वायरल वीडियो में बाल विकास परियोजना कार्यालय सिविल लाइन तालबेहट में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों से मुख्य सेविका द्रोपदी देवी सीडीपीओ के नाम की मासिक अवैध वसूली की वीडियो वायरल हो गयी है जिसमे खुलेआम आंगनवाड़ी वर्करो से पैसे लिए जा रहे है जिससे ऊपर से नीचे तक अधिकारियो में हडकंप मच गया है

जिला कार्यक्रम अधिकारी नीरज कुमार ने इस प्रकरण के संबंध में जिलाधिकारी को जानकारी दी है। इसके बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी। इसमें उप जिलाधिकारी तालबेहट व उप कृषि निदेशक को शामिल किया गया। दोनों अफसरों से एक सप्ताह के भीतर सुस्पष्ट जांच आख्या मांगी गयी।

प्रकरण की जांच टीम गठित करने के बाद जिलाधिकारी द्वारा उठाये गये कदम को देखते हुए इस मामले में फंसे अफसरों व कर्मियों की जान सांसत में है। आरोपों की जद में आए विभागीय अफसर व कर्मी खुद को बचाने के लिए लखनऊ तक जुगाड़ लगाने में जुट गए हैं। विभागीय आला अधिकारियों से संपर्क करके उनको किसी तरह साधा जा रहा है, हर अधिकारी एक दुसरे को बचाने में लगा हुआ है। इससे पूर्व भी विभाग के अन्य प्रकरणों को भी स्थानीय अफसरों ने ऐसे ही निपटाया था।

ये कोई पहला मामला नही है समय समय पर ऊपर अधिकारियो से लेकर करमचारियों तक पुष्टाहार के गबन की घटनाये हो रही है जनपद शामली में लिपिक द्वारा ,प्रयागराज में सीडीपीओ द्वारा बड़ी मात्र में भरे ट्रक समेत ही गायब कर दिया जाता है इससे पूर्व अन्य जिलो के डी पी ओ भी ऐसे भ्रस्टाचार में शामिल रहे है

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