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आंगनवाडी वर्करो के प्रमोशन मे सिर्फ आदेश हुए जारी , आंगनवाडी रिटायर होने के कगार पर

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उत्तरप्रदेश में 2018 से चल रही आंगनवाड़ी प्रमोशन प्रक्रिया 2022 तक भी पूर्ण नही हो सकी आंगनवाड़ी वर्करो को मुख्य सेविका के पद पर प्रमोशन की शुरुआत वर्ष 2018 में तत्कालीन निदेशक शत्रुघ्न सिंह ने की थी 9 जनवरी 2018 के आदेशानुसार सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिए गए जिसमे जिस हाई स्कूल उत्तीर्ण कार्यकत्री का 1 जनवरी 2017 तक सेवा काल 10 वर्ष पूर्ण हो चुका हो और आंगनवाडी कार्यकत्री की उम्र 50 वर्ष से अधिक न हो उनका पूर्ण ब्यौरा लेकर निदेशालय भेजा जाए

9 जनवरी 2018 के तत्कालीन निदेशक शत्रुघ्न सिंह द्वारा जारी आदेश देखे ……

आंगनवाडी कार्यकत्री से सुपरवाइजर बनने की आहर्ता

  1. आंगनवाड़ी कार्यकत्री की उम्र 50 वर्ष से अधिक न हो
  2. कार्यकत्री की शैक्षणिक योग्यता कम से कम दसवीं उत्तीर्ण हो
  3. कार्यकत्री का सेवाकाल 01/07/2017 को 10 वर्ष पूर्ण होना चाहिए

2018 से जारी आदेश को विभागीय अधिकारी लटकाते रहे और आंगनवाडी वर्कर सुपरवाइजर बनने का ख्वाब देखती रही लगभग आठ माह के लंबे समय के बाद तत्कालीन निदेशक द्वारा 25 जुलाई 2019 को पुनः आदेश जारी किया गया जिसमे आंगनवाड़ी कार्यकत्री की जन्मतिथि, शैक्षणिक योग्यता,कार्यकत्री की श्रेणी,का डाटा प्रस्तुत करने के संबंध कारण स्पस्ट किया गया कि जो आंगनवाड़ी का ब्यौरा डीपीओ द्वारा निदेशालय को प्रेषित किया गया उस डाटा का निदेशालय में फीड डाटा से मिलान नही हो रहा है अतः इस आंकड़े संबंधित फॉर्मेट में दिए जाएं लेकिन जुलाई 2019 बीतने तक मात्र 6 जिलो द्वारा ही आंगनवाड़ी वर्करो के आंकड़े प्रस्तुत किये गए बाकी जिलो की स्थिति बेहद निराशाजनक रही इससे खिन्न होकर निदेशक शत्रुघ्न सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए 5 अगस्त तक का समय देते आदेश जारी किया कि सभी डीपीओ मेरे ऑफिस में आकर आंकड़े प्रस्तुत करे अगर तीन दिन तक आंगनवाड़ी वर्करो का डाटा नही दिया जाता है तो सभी डीपीओ के विरुद्ध आरोप पत्र जारी किए जायेंगे इसके बाद आंगनवाड़ी वर्करो का डाटा निदेशालय में तेजी से भेजा जाना शुरू हुआ लेकिन अभी अंतिम मंजूरी सरकार को थी क्योकि सरकार भी जानती है कौन सी योजना का लाभ कब लेना है इसीलिए प्रमोशन प्रक्रिया ठंडे बिस्तर में चली गयी

25 जुलाई 2019 का आदेश देखे

इसके बाद निदेशक शत्रुघ्न सिंह के स्थान पर नयी निदेशक महोदया सारिका मोहन की नियुक्ति की जाती है और उनके द्वारा 12 नवंबर 2021 को प्रमोशन के विषय मे आदेश जारी किया जाता है लेकिन यह आदेश भी ठंडे बिस्तर में चला गया और प्रमोशन प्रक्रिया की स्थिति जस की तस बन की रह गयी

नयी निदेशक महोदया के आदेश को संज्ञान में लेते हुए लखनऊ के जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रमोशन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए 16 नवम्बर को आदेश जारी किया जाता है 2018 से आंगनवाडी वर्करो का डाटा का मिलान न होने के कारण आदेश पर आदेश जारी होते रहे समय बीतता रहा लेकिन प्रमोशन न हो सका

सुपरवाइजर के पदों पर प्रमोशन का खेल

उत्तप्रदेश में रिक्त सुपरवाइजर के पदों की संख्या बहुत कम थी और उसमे भी मात्र 50% ही कार्यकत्रियों का सुपरवाइजर के पदों पर चयन किया जाना था इसीलिए आंगनवाडी कार्यकत्रियों की मेरिट में उछाल स्वाभाविक था इसीलिए आंगनवाड़ी वर्करो का सेवाकाल ,उसकी शैक्षणिक योग्यता को ध्यान में रखते हुए नम्बर दिए जाने थे
लेकिन सिर्फ पात्रता के आधार पर चयन होना बहुत मुश्किल है इसमें आपका सेवा काल और शैक्षणिक योग्यता भी महत्वपूर्ण है इसीलिए मेरिट में हाईस्कूल से लेकर ग्रैजुएशन तक के अंक निर्धारित किये गए और 10 वर्ष से ज्यादा सेवाकाल का अंक भी जोड़ा जाना था इसीलिए जिन आंगनवाड़ी का सेवाकाल ज्यादा होगा उनका अंक उतना ही ज्यादा होगा और उन्हें ही वरीयता दी जायेगी

लगभग चार वर्ष बीतने के बाद इतना तय है कि चयनित आंगनवाडी कार्यकत्री मुख्य सेविका के पद पर ज्यादा वर्षो तक कार्य नही कर सकेंगी क्योकि अधिकांश कार्यकत्रियों का चयन 45 से 50 वर्ष के बीच का है और सरकारी नियावली के अनुसार 60 वर्ष पर रिटायर होने का प्रावधान है इसीलिए मात्र 10 से 15 वर्षों की नॉकरी ही कर सकेंगी जितना प्रमोशन प्रक्रिया में विलम्ब होगा उतना ही सरकार को फायदा होगा और जो पात्र आंगनवाडी 60 वर्ष के नजदीक है वो उतना ही जल्दी रिटायर हो जाएंगी

कार्यकत्री से सुपरवाइजर बनने की प्रक्रिया

आंगनवाड़ी वर्करो के बढ़ते कार्यो को देखते हुए इनकी विसंगतियों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई खामियों को दूर किया गया जिसमे क्षेत्रो व जनसंख्या के आधार पर मिनी कार्यकत्री जैसे पदों का सृजन हुआ,आंगनवाड़ी सहायिका का कार्यकत्रियों के पदों पर व कार्यकत्रियों का मुख्य सेविका के पदों पर प्रमोशन समय समय पर इनके कोटे में बढ़ोत्तरी की गई वर्तमान समय मे कार्यकत्रियों का मुख्य सेविका ( सुपरवाइजर) के पद पर 50% कोटा निर्धारित है जिसमे प्रदेश में कुल रिक्त पदों की संख्या के आधार पर कार्यकत्रियों को 50% नियुक्ति देना होगा बाकी बचे पदों पर सीधी भर्ती के आधार पर नियुक्ति की जायेगी

जिन आंगनवाड़ी की नियुक्ति 1995 से 2007 के बीच हुई थी उनका प्रमोशन लिस्ट में नाम न आने से आंगनवाड़ी मायूस है और अधिकतर यही आंगनवाड़ी सबसे ज्यादा उम्मीद लगाए हुए थी क्योकि इनका मानना था कि ये ग्रैजुएट भी थी और उनका सेवा अवधि 10 वर्ष पूर्ण हो चुकी थी लेकिन सेवा अवधि के नम्बरो के खेल में पिछड़ गई क्योकि जिनका सेवा काल15 वर्ष से ज्यादा था उनको मेरिट में नम्बर भी ज्यादा प्राप्त हुए और जिनकी सेवा अवधि कम थी उनके नम्बर कम मिले

प्रभारी निदेशक का प्रमोशन को लेकर आदेश

विशेष सचिव द्वारा सभी विभागों में पदोन्नति के सम्बन्ध में जारी आदेश

पदोन्नति की समस्या सिर्फ बाल विकास विभाग ही नही प्रदेश के सभी विभागों की है जिसकी पीड़ा हर कर्मचारी झेल रहा है बरसो से उठाई जा रही मांगो को लेकर ज्ञापन दिए जाते है मंत्रियो से लेकर अधिकारियो तक वार्ता की जाती है लेकिन कोई सुनवाई नही होती लेकिन शायद अब सरकार को वर्करो की मांग सरकार तक पहुच चुकी है इसको लेकर विशेष सचिव द्वारा पदोन्नति को लेकर प्रदेश के सभी विभागों को आदेश जारी किया गया है

इस आदेश के अनुसार प्रदेश के सभी अपर मुख्य सचिव ,मुख्य सचिव और सचिव को निर्देश दिए गये है जिसमे उन्होंने 15 अक्टूबर तक पदोन्नति के कार्य को पूर्ण के लिए कहा गया था लेकिन अभी तक पदोन्नति का कार्य विलम्ब से चल रहा है चूँकि सरकार द्वारा नयी भर्ती के लिए पदों की संख्या का विवरण नहीं मिल रहा है इसीलिए पहले पदोन्नति का कार्य पूर्ण किया जाए

ये आदेश भी कोर्ट के आदेश पर याचिका कर्ता विकास सिंह द्वारा डाले गये केस के नतीजे पर दिए गये थे जिसमे उन्होंने उत्तरप्रदेश राज्य व अन्य को कौर्ट में पदोन्नति को लेकर केस दायर किया था

पदोन्नति को लेकर दायर केस के सम्बन्ध में जारी आदेश देखने के लिए क्लिक करे ….

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