आंगनवाड़ी सुपरवाइजर भर्ती पर खुलासा,योग्यता व नियुक्ति की सम्पूर्ण जानकारी
सुपरवाइजर न्यूज़
उत्तरप्रदेश में आंगनवाड़ी सुपरवाइजर की भर्ती की चर्चा सभी वेबसाइट ,यूट्यूब चैनल पर जोर शोर से चल रही है जिसके सम्बंध में आंगनवाड़ी कार्यकत्री,महिला आवेदक भी इस सूचना को लेकर भ्रम की स्थिति में है चूंकि कुछ फर्जी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के माध्यम से सुपरवाइजर के पदों पर भर्ती की सूचना को जोर शोर से प्रदर्शित किया जा रहा है इसीलिए भ्रामक प्रचार प्रसार करने वाली वेबसाइट और यूट्यूब चैनल को नजरअंदाज करते हुए राज्य सरकार की अधिसूचना का इंतजार करे
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आंगनवाड़ी सुपरवाइजर की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा गठित भर्ती आयोग द्वारा की जाती है जिसके लिए सीधी भर्ती द्वारा आवेदन लिए जाते है। लेकिन वर्तमान समय मे कुछ फर्जी यूट्यूब चैनल व वेबसाइट द्वारा भ्रामक सूचनाएं पोस्ट की जा रही है इन न्यूज़ पर ध्यान न दे और राज्य सरकार के भर्ती आयोग द्वारा जारी अधिसूचना को ध्यानपूर्वक पढ़े क्योकि आम राज्य सरकार की भर्ती की तरह सुपरवाइजर के पदों पर भर्ती के लिए भी एक सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जायेगा लेकिन अभी तक उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा कोई नोटिफिकेशन जारी नही किया गया है लेकिन कुछ फर्जी वेबसाइट और यूट्यूब चैनलों ने अपनी आय बढ़ाने व निजी स्वार्थ के लिए भ्रामक शब्दो का प्रयोग करते हुए सूचनाये डालकर भर्मित करने का कार्य किया है
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अवगत हो कि आंगनवाड़ी सुपरवाइजर के पदों पर सीधी भर्ती की जाती है लेकिन 12 सितंबर 2018 में तत्कालीन बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सुपरवाइजर के कुल रिक्त पदों पर 50% आंगनवाड़ी कार्यकत्री के लिए आरक्षित कर दिया था अगर किसी जिले में सुपरवाइजर के कुल 50 पद रिक्त है तो उसमें सिर्फ 25 पदों के लिए ही सीधी भर्ती होगी और बाकी 25 पद के लिए स्थानीय योग्य आंगनवाड़ी कार्यकत्री का प्रमोशन करते हुए सुपरवाइजर के पद पर नियुक्त कर दिया जायेगा आंगनवाड़ी कार्यकत्री से सुपरवाइजर के पदों पर प्रमोशन की प्रक्रिया 2018 से शुरू की गई थी लेकिन वर्तमान समय 2022 तक भी यह प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है
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आंगनवाड़ी का नियुक्ति से प्रमोशन तक का इतिहास
आम तौर पर कुछ न्यूज़ चैनल के माध्यम से सुपरवाइजर के पदों पर भर्ती की योग्यता में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी गयी है सुपरवाइजर के पदों पर विशेष विषयो में ग्रैजुएशन की योग्यता निर्धारित की गई है सुपरवाइजर का पद एक चतुर्थ श्रेणी के राज्य कर्मचारी का दर्जा प्राप्त होता है चूंकि सुपरवाइजर का पद एक राज्य कर्मी का होता है जिसे राज्य कर्मचारी की सभी चिकित्सा, फंड बोनस,आदि सुविधाएं मिलती है सुपरवाइजर का वेतनमान लगभग 26500 से लेकर 56700 तक मिलता है
बाल विकास मे सुपरवाइजर का पद बना मलाईदार
चूंकि बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार से हमेशा नाता जुड़ा रहा है जिसमे अधिकारियों के भ्रष्टाचार की खबरे समाचार पत्र व न्यूज़ चैनल के माध्यम से प्रसारित होती रही है इसीलिए सुपरवाइजर पर भी आंगनवाड़ी वर्करो के शोषण के आरोप लगते रहते है जिसके कारण बहुत सी सुपरवाइजर को अपनी नॉकरी से हाथ धोना पड़ा है और एक बड़ी संख्या में सुपरवाइजर पर केस चल रहे है जिन कार्यो के करने की सैलरी सरकार देती है उन्ही कार्यो को करने की एवज में सुपरवाइजर द्वारा आंगनवाड़ी वर्करो से अवैध वसूली की जाती है आंगनवाड़ी भवनों के किराए में अवैध वसूली,एम पी आर की रिपोर्ट लेने पर हर माह एक निश्चित शुल्क लिया जाता है कई जगहों पर आंगनवाड़ी को मिलने वाले मामूली मानदेय में भी सुपरवाइजर अपना हिस्सा मांगती है लाभार्थियों को दिए जाने वाले पोषाहार में भी सुपरवाइजर का एक बड़ा हिस्सा तय होता है जबकि इस सम्बंध में सुपरवाइजर का का कहना है कि उन्हें भी अपने उच्च अधिकारियों को देना होता है आंगनवाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों की फीडिंग हो या अन्य कोई गतिविधि सभी मे इनका एक तय राशि का हिस्सा होता है
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आंगनवाड़ी वर्करो से कैसे होती है अवैध वसूली
जिले की प्रत्येक परियोजना में 25 से 40 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के लिए एक आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक नियुक्त होती है जिसे सुपरवाइजर भी कहा जाता है चूंकि उत्तरप्रदेश में एक लंबे अरसे से सुपरवाइजर के पदों पर भर्ती नही की गई है जिससे पदों की रिक्तियों की संख्या बढ़ गयी है कई जिलों में आंगनवाड़ी कार्यकत्री भी सुपरवाइजर का चार्ज संभाल रही है जिससे आंगनवाड़ी वर्करो पर दोहरी जिम्मेदारी का भार हो गया है
बाल विकास मंत्री भी रही आरोपो के घेरे में
सुपरवाइजर के कार्यों की बात की जाए तो इनका कार्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को कार्य के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करना है। सुपरवाइजर द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों पर किये जाने वाले कार्यो की देखभाल का जिम्मा होता है आंगनवाड़ी केंद्रों पर मूलभूत सेवाएं उपलब्ध कराना ,आंगनवाड़ी कार्यकत्री के अभिलेखों की जांच करना ,केंद्रों को समय से खुलने जैसे कार्य भी सुपरवाइजर की देखरेख में किये जाते है
सुपरवाइजर की कमी से चल रहा बाल विकास विभाग न भर्ती हुई न ही सरकार ने की पदोन्नति
सुपरवाइजर द्वारा प्रति माह आंगनवाड़ी केंद्रों पर लाभवन्तित होने वाले बच्चो का ब्यौरा आंगनवाड़ी वर्करो से लिया जाता है और इसे एम पी आर ( मासिक प्रगति रिपोर्ट ) भी कहा जाता है इस रिपोर्ट को सुपरवाइजर अपने उच्च अधिकारियों द्वारा प्रेषित किया जाता है किराये के भवनों में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों की सूची तैयार करना ,आंगनवाड़ी वर्करो की समय समय पर मीटिंग आयोजित कर उनको शासन की योजनाओं से अवगत कराना,आंगनवाड़ी वर्करो की समस्याओ का निस्तारण करना भी सुपरवाइजर के कार्य क्षेत्र होते है
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