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कार्यकत्रियों की कमी से सहायिकाओं पर केंद्रों की जिम्मेदारी

आंगनवाडी न्यूज़

अमेठी के भेटुआ विकासखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति अत्यंत खराब है। इन केन्द्रों के भवन ही ठीक नहीं हैं और पदों के रिक्त होने के कारण आंगनवाडी कार्यकत्री भी नहीं है। अधिकतर आंगनवाडी केन्द्रों पर काफी सहायिका ही केन्द्र का संचालन कर रही हैं।

जनपद के भेटुआ विकासखंड में 17 मिनी तथा 107 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन केंद्रों में अधिकांश जगहों की हालत ठीक नहीं है। विकासखंड के 73 केंद्रों का संचालन सहायिका कर रही हैं। और यही सहायिका बच्चो को शिक्षा दे रही है और साथ में पुष्टाहार का वितरण कर रही हैं। जबकि 34 आंगनबाड़ी केंद्रों पर सहायिका भी नहीं हैं। इन सहायिका का काम भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां ही कर रही हैं। विकासखंड के 95 आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन नहीं है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को पढ़ाती हैं। और जो 29 केंद्र बने हुए हैं उनमें भी कई भवनों की हालत ठीक नहीं है। और न ही पेयजल की व्यवस्था भी केन्द्रों पर नहीं है।

अवगत हो कि शासन द्वारा जनवरी 2021 में आंगनवाडी कार्यकत्री व् सहायिका के पदों पर पुरे प्रदेश में भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया था लेकिन ये भर्ती आर्थिक आरक्षण में फंस गयी कोर्ट द्वारा भर्ती में संशोधन करते हुए आदेश दे दिए गये है चूँकि विधानसभा चुनाव 2022 के कारण आचार संहिता लगी हुई है इसीलिए भर्ती प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है

सीडीपीओ पुष्पा मिश्रा ने बताया कि केंद्रों पर पुष्टाहार का वितरण आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां कर रही हैं। और जहां आंगनबाड़ी कार्यकत्री नहीं हैं, वहां सहायिका काम कर रही हैं। सहायता समूह की महिलाओ द्वारा पुष्टाहार वितरण में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां सहयोग करते हुए दलिया का वितरण कराती हैं।

अधूरे आंगनबाड़ी भवन के निर्माण के लिए बीडीओ को दिया पत्र

महराजगंज कटहरी। निचलौल विकास खण्ड के ग्राम सभा कमता में आधे-अधूरे आंगनबाड़ी केंद्र को पूरा कराने के लिये ग्राम प्रधान ने बीडीओ को पत्रक देकर मांग की है।ग्राम प्रधान सलेहा बेगम द्वारा बीडीओ निचलौल को दिए गए पत्र में बताया है कि ग्राम सभा के प्राथमिक विद्यालय परिसर में वर्ष 1916-17 में आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिये धन अवमुक्त किया गया। इसके लिए जिम्मेदार लोगों द्वारा भवन का निर्माण पूरा नहीं किया गया। भवन आधा-अधूरा ही बन पाया है।

आंगनबाड़ी कार्यकत्री अब गांवों में दिव्यांग बच्चों की पहचान करेंगी

सिद्धार्थनगर जिले में 3140 आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्री अब गांवों में दिव्यांग बच्चों की पहचान करेंगीजिसमे छह साल से कम उम्र के बच्चों में दिव्यांगता की पहचान कर डीपीओ व बीएसए कार्यालय के अधिकारियों को अवगत करायी जाएगी ताकि बच्चों में दिव्यांगता का प्रतिशत बढ़ने से पहले ही उपचार मिल जाए।

जनपद में बच्चों की दिव्यांगता पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। जिससे कि हल्का सा लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार मिले और ताकि बच्चा दिव्यांग होने से बच सकें। शासन के आदेश पर अब गांवों में छह वर्ष से कम उम्र के दिव्यांग बच्चों की पहचान होगी। बच्चो की पहचान की जिम्मेदारी जनपद की आंगनबाडी वर्करो को दी गयी है। इस सम्बन्ध में ब्लाक स्तरीय ट्रेनर को प्रशिक्षण भी किया जा चुका है। और अब जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। जिला समन्वयक विनोद कुमार मिश्र ने बताया अभियान के लिए डिस्ट्रिक्ट कोऑडिनेटर समेकित शिक्षा प्रशिक्षण ले चुके हैं। बजट भी शासन से आ गया है। जिले में जल्द ही काम शुरू होगा।

बाल विकास मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति के बीच टकराव जारी

बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर और बाल विकास मंत्री स्वाति के बीच लव मेरिज हुई थी लेकिन अब इनके बीच रिश्ते लंबे समय से खराब चल रहे हैं। साल 2008 में स्वाति ने पति दयाशंकर के खिलाफ मारपीट की एफआईआर भी दर्ज कराई थी। हालांकि, दोनों ने कभी इस झगड़े को सार्वजनिक मंच पर सामने नहीं आने दिया। इससे पहले स्वाति सिंह पर भाभी के साथ मारपीट करने, बिना तलाक लिए भाई की दूसरी शादी कराने और भाभी को घर से निकालने का आरोप लगा था। स्वाति के खिलाफ मुकदमा उनके अपने सगे भाई की पत्नी आशा सिंह ने दर्ज कराया था। ये मामला करीब 11 साल पुराना है।

स्वाति सिंह इस ऑडियो में कहती हैं, ”आप मुझे वह पेपर वगैरा सब दे दीजिएऔर दयशंकर जी को पता ना चले कि मेरे से आपकी बात हुई है। क्योंकि ये दयाशंकर जी धर्मेंद्र जी सब… क्या बोलूं। मैं तो भगवान से कहती हूं कि मेरे साथ बहुत गलत हो गया, ऐसे व्यक्ति से मेरी शादी हुई है, जिसकी भरपाई तो मैं कर ही नहीं सकती हूं। यह दयाशंकर सिंह और उनके भाई को ना पता लगे।”

दरअसल मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह के बीच लखनऊ की सरोजिनी नगर विधानसभा सीट के लिए भी जंग छिड़ी हुई है। यहां से योगी सरकार की मंत्री स्वाति सिंह टिकट की दावेदार हैं तो उनके पति और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह भी अपना दावा पेश कर रहे हैं। इस समय पत्नी स्वाति सिंह इस सीट से विधायक हैं और योगी सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं।

बाल विकास मंत्री स्वाति का वायरल ……..ऑडियो सुने ..

अवगत हो कि दयाशंकर सिंह ने 2017 विधानसभा चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद बसपा कार्यकर्ताओं ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी की नेतृत्व में लखनऊ में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान बसपा कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह और बेटी पर आपत्तिजनक नारे लगाए थे। इसके जवाब में स्वाति मैदान में आईं और महिला सम्मान के नाम पर मायावती सहित बसपा के 4 बड़े नेताओं के खिलाफ हजरतगंज थाने में केस दर्ज कराया। मायावती के खिलाफ जिस तरह से स्वाति हमलावर हुईं, उससे भाजपा को एक नया जनादेश मिला जिसके कारण जिस सीट पर बसपा की जीत पक्की मानी जा रही थी वहां स्वाति ने बाजी पलटी और जीत हासिल की। इसके बाद भाजपा ने स्वाति को मंत्री पद का तोहफा दिया।


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