पुष्टाहार ढुलाई के लिए परिवाहन भत्ता हुआ तय, बेवर में राशन वितरण की जांच शुरू
आंगनवाड़ी न्यूज़
आंगनबाडी कार्यकत्रियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोला सुपरवाइजर के खिलाफ अवैध वसूली के आरोप
जनपद कौशांबी में महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की बैठक गुरुवार को मंझनपुर ब्लाक परिसर में हुई। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सरसवां ब्लाक परियोजना कार्यालय में तैनात मुख्य सेविका पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष व डीएम को संबोधित ज्ञापन देकर समस्याओं के निराकरण कराए जाने की मांग की है।
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष माया सिंह ने कहा कि सरसवां मुख्य सेविका आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से वूसली में लिप्त हैं। राशन उठान के दौरान प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पांच हजार और एमआरपी रिपोर्ट के नाम पर एक हजार की वसूली होती है। विरोध करने पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री को परेशान किया जाता है।
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सरसवां परियोजना में कार्यरत मुख्य सेविका की मनमानी से खफा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का गुस्सा गुरुवार को फूट पड़ा। नाराज कार्यकत्रियों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन सौंपा। डीएम सुजीत कुमार ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है मुख्य सेविका पर कार्रवाई नहीं होने पर बेमियादी आंदोलन की चेतावनी दी। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष माया सिंह ने कहा कि सरसवां परियोजना की मुख्य सेविका दादागीरी की सभी हदें पार किए हुए हैं। वह गर्भवती महिलाओं व अति कुपोषित बच्चों के लिए आने वाले ड्राई फ्रूट आधा बांटकर बाकी उठा ले जाती हैं। कार्यकत्रियों से सात हजार रुपया रिश्वत की मांग करती हैं। नहीं देने पर सेवा समाप्ति की धमकी देती हैं। कार्यकत्रियों ने मुख्य सेविका पर कार्रवाई की मांग की है। माया सिंह ने बताया कि सरकार ने मानदेय वृद्धि की घोषणा की थी, लेकिन अब तक आंगनबाड़ी कार्यत्री को 5500, मिनी कार्यकर्ता को 4200 व सहायिका को 2750 रुपये दिया जा रहा है।
मैनपुरी के बेवर क्षेत्र में राशन वितरण की जांच शुरू
मैनपुरी के बेवर में पिछले 30 वर्षों से आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा पुष्टाहार वितरित न करने के मामले में डीपीओ के निर्देश पर टीम ने गांव पहुंचकर जांच की। टीम ने ग्रामीणों के बयान भी दर्ज किए।पुष्टाहार वितरण न होने पर तीन दिन पूर्व ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था। विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुड़ई के ग्राम कल्याणपुर में ग्रामीणों को पिछले 30 वर्षों से आंगनबाड़ी द्वारा पुष्टाहार वितरित न करने के मामले में जिलाकार्यक्रम अधिकारी ज्योति शाक्य के निर्देश पर टीम गांव पहुंची।
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टीम में शामिल सीडीपीओ बरनाहल राजवीर वर्मा ने ग्रामीणों से मिलकर उनके बयान दर्ज किए। इस दौरान ग्रामीणों ने टीम को बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा पिछले 30 वर्षों से गांव में पुष्टाहार का वितरण नहीं किया जा रहा है। मामले की एसडीएम से भी शिकायत की गई थी। लेकिन उसके बाद भी नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। नोटिस का जवाब न मिलने पर कार्यकत्री के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस राशन वितरण के खेल में कुछ अधिकारियो व स्थानीय नेताओ की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर पुष्टाहार में गबन का खेल चल रहा है लेकिन इसमें जांच सिर्फ आंगनवाडी को नोटिस देकर ही सिमट कर रह जाएगी इसकी जांच बड़े स्तर से होनी चाहिए
दीवार गिरने से आंगनवाडी हुई घायल
फर्रुखाबाद में शहर के मोहल्ला गंगानगर में बांके बिहारी मंदिर के पास मुख्यगली की जर्जर दीवार अचानक भरभराकर गिर पड़ी। इससे इधर से निकल रहीं आंगनबाड़ी कार्यकत्री ममता कुशवाहा उसमें दब गई। आसपास के लोगों ने मलबे से आंगनबाड़ी कार्यकत्री को निकाला और अस्पताल के लिए भिजवाया। जहां से घायल आंगनबाड़ी कर्मी को कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया है। गंगानगर के बांकेबिहारी मंदिर के पास प्रजापति का मकान है। गली की तरफ पीछे की दीवार काफी समय से जर्जर थी। इस बीच भवन स्वामी ने अंदर से निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया था। लेकिन दीवार को पूरी तौर परधराशायी नहीं किया था। दीवार पहले से ही काफी जर्जर थी। जो कि दोपहर बाद इधर से गुजर रही आंगनबाड़ी कार्यकत्री ममता कुशवाहा के ऊपर गिर पड़ी। पक्की दीवार के गिरने से आस पास के लोगों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में मलबे में दबी आंगनवाडी कार्यकत्री को स्थानीय लोगों की मदद से निकाला गया। महिला कई जगह लहुलुहान हो चुकी थी। आनन फानन में यहां से महिला को मसेनी रोड के एक अस्पताल में ले जाया गया। यहां से हालत गंभीर होने के बाद रेफरकिया गया।स्थानीय लोगों ने बताया कि दीवार को हटाने क लिए कई बार भवन स्वामी से कहा गया था मगर अंदर ही अंदर भवन स्वामी काम करवाते रहे और दीवार को नही हटाया गया।
पोषाहार ढुलाई के लिए भत्ता हुआ तय
स्वय सहायता समूह द्वारा राशन उठान में लापरवाही या पोषाहार का उठान नहीं किया तो इसकी शिकायत मुख्य विकास अधिकारी से की जाएगी। जिलों में एसएचजी से संबंधित इस तरह की शिकायतों का हल अब सीडीओ करेंगे। वहीं एसएचजी को खाद्य सामग्रियों की उठान के लिए परिवहन का पैसा भी दिया जाएगा
अलग अलग श्रेणियों में 1.59 करोड़ लाभार्थियों को पोषाहार के रूप में सूखा राशन दिया जा रहा है। दरअसल पुष्टाहार वितरण में बाल विकास व पुष्टाहार विभाग के अलावा खाद्य व रसद विभाग, राज्य ग्रामीण आजविका मिशन, नैफेड आदि की भी भूमिका है। लिहाजा अब नए सिरे से अन्तरविभागीय समन्वय के साथ एसओपी जारी की गई है। पोषाहार वितरण का काम एसएचजी को सौंपा गया था लेकिन कई जिलों से शिकायत आ रही है कि वहां से दाल या गेहूं । दलिया, तेल, दाल की उठान नहीं हो रही है। अब सभी विभागों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। यदि नैफेड की आपूर्ति के एक हफ्ते के अंदर एसएचजी ने उठान नहीं की तो इसकी सूचना मुख्य विकास अधिकारी से की जाएगी। यूपी एस आर एल एम हर महीने जिलेवार रिपोर्ट आईसीडीएस को भेजेंगे
वहीं एसएचजी नैफेड द्वारा उपलब्ध कराए गए गेहूं, तेल वदाल की पैकिंग कर आंगनबाड़ी केन्द्रों तक पहुंचाते हैं लेकिन इसके लिए अभी तक उन्हें कोई भी पैसा नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में एसएचजी भी इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे थे क्योंकि बड़ी मात्रा में पैकेट लेकर जाने में उन्हें अपनी तरफ से किराया देना पड़ रहा था।
अब बाल विकास व पुष्टाहार विभाग इन्हें परिवहन का पैसा भी देगा। इसका पैसा लाभार्थीवार तय किया गया है।
ढुलाई मद में समूह को हर माह दिए जाने वाले प्रति लाभार्थियों का ब्यौरा
लाभार्थी की श्रेणी | 0 किमी से ऊपर | 25 किमी के अंदर | 25 से 50 किमी |
3 माह से 3 वर्ष के बच्चे | 18.75 | 11.25 | 15.00 |
3 से 6 वर्ष के बच्चे | 7.00 | 6.00 | 6.50 |
गर्भवती व धात्री महिलाएं | 20.00 | 15.00 | 17.50 |
अति कुपोषित बच्चे | 25.00 | 20.00 | 22.50 |
किशोरी बालिकाएं | 20.00 | 15.00 | 17.50 |