प्री प्राइमरी के अंतर्गत अलग अलग जिलो में हो रहे आंगनवाड़ी के प्रशिक्षण
आंगनवाड़ी प्रशिक्षण
कोरोना महामारी के कम होते ही समग्र शिक्षा अभियान सक्रिय हो गया है इसके लिए विभाग ने प्रशिक्षण से वंचित आंगनवाड़ी वर्करो को तेजी से प्रशिक्षण कार्य शुरू कर दिया है अब उम्मीद है कि राज्य में जल्द आंगनवाड़ी वर्करो के प्रशिक्षण पूर्ण किये जायेंगे और आंगनवाड़ी केंद्रों पर प्री प्राइमरी शिक्षा आरंभ की जायेगी शिक्षण कार्य शुरू किए इसी संबंध में तीन जिलो में ( हरदोई, बाराबंकी,बरेली ) में आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चो के फर्नीचर की वास्तविक जानकारी के आदेश जारी किया गया है
एक नजर इस खबर पर भी ….
जनपद फर्रुखाबाद में फतेहपुर से आई किरन वर्मा नामक महिला स्वयं को आंगनबाड़ी संगठन की प्रदेश उपाध्यक्ष बताकर बकाया मानदेय भुगतान को जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में हंगामा कर दिया । सहकर्मियों की समस्याओं का समाधान न किए जाने का आरोप लगा कर महिला ने जोर-जोर से बोलना शुरू किया। इस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद ने कहा कि आपके पास किसी आंगनबाड़ी विशेष की शिकायत हो तो बताएं। इस पर महिला ने बैठने तक को न कहने की बात कर हंगामा शुरू कर दिया। शमसाबाद व कायमगंज ब्लाक में कार्यकत्रियों से वसूली के आरोप लगाए। किसी ने घटना का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया।
राज्यपाल ने आंगनवाड़ी वर्करो और केंद्रों के बारे क्या कहा
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श्रावस्ती के ब्लाक सभागार में गुरुवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 11 मॉडल आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों वतीन मुख्य सेविकाओंको बच्चों की देखभाल तथा संवेदनशील परवरिश का प्रशिक्षण दिया गया। कोविड-19 के कारण विगत वर्ष से आंगनबाड़ी केंद्र बंद चल रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में छोटे बच्चों के विकास की प्रक्रिया अवरुद्ध हो रही है। इस समस्या के निदान के लिए विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी एवं यूनीसेफ के सहयोग से जनपद में संचालित शाला पूर्व शिक्षा कार्यक्रम के तहत सभी विकास खंडों में स्थित पांच परियोजनाओं में 60 माडल आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों तथा 16 मुख्य सेविकाओं का एक दिवसीय बच्चों की देखभाल एवं संवेदनशील परवरिश पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व मुख्य सेविकाओं का उत्साह वर्धन के साथ गृह आधारित गतिविधियों कि सुनिश्चितता पर जोर दिया गया।
देवरिया में बाल संरक्षण की अहमियत को लेकर शुक्रवार को ब्लॉक संसाधन केन्द्र पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। बाल समिति गठित कर इसकों बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। संरक्षण अधिकारी वजिला बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश तिवारी ने कहा कि मौजूदा समय बाल मजदूरी की समस्या सबसे अहम हो गई है। बाल मजदूरी और बाल विवाह सभ्य समाज के लिए अभिशाप है। ब्लॉक प्रमुख ऊषा पासवान ने कहा कि बाल अपराधों में रहे बढ़ोत्तरी के लिए समाज ही जिम्मेदार है। इससे निजात पाने के लिए ग्रामीण स्तर पर बाल संरक्षण समिति का गठन किया जाएगा। बीडीओ कार्तिकेय मिश्र ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैठक कर इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा। बीईओ जया राय ने कहा कि शोषण के शिकार बच्चों, अनाथ, शिक्षा से वंचित, बाल श्रमिक, शारीरिक एवं मानसिक रूप से दिव्यांग व कुपोषित बच्चों को चिन्हित करके सरकारी योजनाओं से जोड़ करके समाज की मुख्य धारा से में लाना होगा। इस दौरान सीडीपीओ सावित्री सुधा मौर्या, आदि उपस्थित रहे।
तीन जिलो में आंगनवाड़ी केंद्रों पर मांगे गए फर्नीचर के सम्बंध में
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा
एवं
राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय,
समग्र शिक्षा, विद्या भवन, निशातगंज, लखनऊ-226 007
वेब साईट : www.upefa.comई-मेल : upefuspol@gmail.com दूरभाष : 0522-2780995, 0522-2780384
सेवा में,
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,
जनपद-हरदोई, बरेली एवं बाराबंकी, उ0प्र0|
पत्रांक : प्री-प्राइमरी शिक्षा/
२)47 /2021-22 दिनांकः- 30 /जुलाई /2021
विषय : वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2021-22 में प्रस्तुत प्रस्ताव के सापेक्ष कोलोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध करायी जाने संबंधी फर्नीचर/शिशु डेस्क के वास्तवित परिस्थितियों में प्रयोग एवं परीक्षण किये जाने के संबंध में।
महोदय,
कृपया उपर्युक्त विषयक वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2021-22 में प्रस्तुत प्रस्ताव के सापेक्ष कोलोकेटेड आंगनबाडी केन्द्रों में उपलब्ध करायी जाने संबंधी फर्नीचर/शिशु डेस्क के वास्तविक परिस्थितियों में प्रयोग किये जाने संबंधी परीक्षण का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को प्रस्तुत किये गये डिजाइन (संलग्न) के कम में समग्र शिक्षा की निर्माण यूनिट से संबंद्ध अभियंताओं द्वारा प्रस्तावित डिजाइन के सापेक्ष विशिष्टिकरण (Specification) की ब्ल्यू प्रिंट तैयार की गयी है (संलग्न)। उक्त विशिष्टिकरण के अनुसार पी0डब्ल्यूडी0 से दर एवं विशिष्टिकरण का मानकीकरण कराया जाना है। तदकम में डिजाइन (समग्र शिक्षा द्वारा तैयार की गयी) के सापेक्ष सैम्पल स्थानीय स्तर से कय करते हुए वास्तवित परिस्थिति में प्री-प्राइमरी वर्ग के बच्चों (3 से 4, 4 से 5 एवं 5 से 6) के द्वारा प्रयोग किये जाने की स्थिति का अध्ययन एवं परीक्षण किया जाना है। परीक्षण से प्राप्त परिणाम/निष्कर्षों के आधार पर विशिष्टिकरण में आवश्यकतानुसार संशोधित डिजाइन का पी0डब्ल्यू0डी0 के माध्यम से डिजाइन का मानकीकरण एवं दर निर्धारित किया जाना है। जनपद द्वारा निम्नांकित के अनुसार कार्यवाही किया जाना अपेक्षित है उपलब्ध कराये जा रहे विशिष्टिकरण के अनुसार शिशु डेस्क सैम्पल (65) का कय स्थानीय बाजार से किया जाये। जनपद द्वारा सैम्पल कय में किया जाने वाला व्यय डी0पी0ओ0 मैनेजमेंट हेड से किया जायेगा।
वर्तमान में विद्यालय एवं आंगनबाडी केन्द्र बच्चों के लिए बन्द है। अतः समुदाय में संचालित मोहल्ला कक्षाओं के माध्यम से डेस्क का परीक्षण आयुवर्ग 3 से 4, 4 से 5 एवं 5 से 6 के लिए किया जाये एवं निम्नांकित बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए आख्या तैयार की जाये
बच्चों द्वारा डेस्क पर लिखना/पढना सुगमता पूर्वक किया जा रहा है- हाँ अथवा नहीं। नहीं की स्थिति में स्पष्ट कारण एवं आवश्यक सुझाव अंकित किया जाये।
-एक शिशु डेस्क में दो बच्चे सुगमता पूर्वक कार्य कर सकते हैं- हाँ अथवा नहीं।
-उक्त शिशु डेस्क की ऊंचाई पूर्व प्राथमिक से संबंधित आयुवर्ग के लिए उपयुक्त है- हाँ अथवा नहीं। (आयुवर्ग का उल्लेख किया जाये)