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सड़क पर मिले पुष्टाहार के खाली पैकेटो को जलाने का वीडियो हुआ वायरल

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लखीमपुर जिले मे मितौली क्षेत्र की तेंदुआ रोड पर आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वितरण होने वाले सरकारी पोषाहार के खाली पैकेट मिले है लेकिन जैसे ही इन पैकेट की सूचना विभागीय कार्यालय को दी गयी तो वंहा पर पहुंची सीडीपीओ की मौजूदगी में पैकेटों मे आग लगा कर सब जला दिया गया । जनपद मे इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

जनपद के मितौली क्षेत्र में काफी लंबे समय से आंगनवाड़ी केन्द्रो पर पोषाहार वितरण न होने की शिकायतें आ रही थी । इस मामले को लेकर क्षेत्र के लोगों ने दो दिन पहले सीडीपीओ सुशीला देवी से पोषाहार वितरित न होने की शिकायत की थी। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत होने के बाद विभागीय अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है । लेकिन अब जब ग्रामीण फिर से शिकायत करने पहुंचे तो सीडीपीओ को ग्रामीणो पर गुस्सा आ गया ।

इसी दौरान क्षेत्र के गंगारामपुर गांव के पास ही तेंदुआ रोड पर सरकारी पोषाहार के सैकड़ों खाली पैकेट पाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो में सीडीपीओ सुशीला की मौजूदगी में पैकेटों का जलाया जाना स्पष्ट दिख रहा है। जब इस मामले में सीडीपीओ सुशीला से बात की गई तो वह सटीक जवाब नहीं दे सकी। ये खाली पैकेट चने की दाल के है। जो आंगनवाड़ी केन्द्रो के लाभार्थी को वितरित की जाती है

वायरल वीडियो देखे

अब इतनी बड़ी संख्या मे इन खाली पैकेट को देखकर सवाल उठ रहे है कि आखिरकार इतने पैकेट कहां से आए है ? इस मामले को लेकर क्षेत्रीय एसडीएम विनीत उपाध्याय ने कहा है कि इस मामले की जांच कर कार्यवाही की जाएगी । अवगत हो कि बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रो पर सरकारी पोषाहार के रूप मे यह पैकेट प्रतिमाह धात्री व गर्भवती महिलाओं और बच्चो को दाल ,दलिया और चने की दाल का वितरण किया जाता है ।

कुपोषित बच्चों को गोद लेने के नाम पर औपचारिकता

बहराइच प्रदेश की योगी सरकार ने सभी जिलो मे अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चो को गोद लिए जाने संबंधी आदेश जारी किए थे लेकिन अधिकारी सिर्फ गोद लेने की सिर्फ औपचारिकता निभा रहे है जिससे इन कुपोषित बच्चो की संख्या मे कोई बदलाव नहीं हो रहा है इसको लेकर जनपद बहराईच के जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिये है

डीएम मोनिका रानी ने जिला पोषण समिति की बैठक में अधिकारियों को कुपोषित बच्चों को गोद लेने के नाम पर औपचारिकता न निभाने को कहा है उन्होने कहा है कि अधिकारी गोद लिए गए बच्चे के अभिभावक की तरह उनके घर जाएं। और उनके परिजनों से मिलकर सैम व मैम (कुपोषित ,अति कुपोषित ) बच्चों को स्वस्थ बनाने में अपने दायित्वों का निर्वहन करें। डीएम ने अधिकारियों को पोषण वाटिका व रेन हार्वेस्टिंग कार्यों की नियमित समीक्षा करते रहने क निर्देश भी दिए है।

डीएम मोनिका रानी ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रो पर पंजीकृत सैम व मैम बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उसमे उन्हें व सीडीओ को भी जोड़े। साथ ही गांव का भ्रमण कर सैम व मैम बच्चों के परिवारों से भेंट कर बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रेरित करें। इस कार्य को मात्र सरकारी दायित्व ही न समझें बल्कि जिम्मेदार अधिकारी होने के नाते आपका नैतिक व मानवीय कर्तव्य भी माने ।

आंगनबाड़ी केन्द्रों के चिन्हित सैम मैम बच्चों का सत्यापन अवश्य करें। साथ ही एनआरसी व मुख्यमंत्री सुपोषण घर में भर्ती बच्चों का फालोअप मानक के अनुसार करते रहे ।

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