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सुपरवाइजर भर्ती में कोर्ट ने राज्य से माँगा जवाब ,नियमित करने से कितना वित्तीय बोझ पड़ेगा,

आंगनवाड़ी न्यूज़

लखनऊ परिषदीय स्कूलों, संविलियन और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के बच्चो में पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए 1 नवंबर से 45 दिन का अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान में बाल वाटिका से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चो को शामिल किया जाएगा। इसके लिए राज्य परियोजना महानिदेशक कार्यालय की ओर से हर हफ्ते सभी जिलों में इंफोग्राफिक्स, अभिभावक कैलेंडर व अन्य सामग्री भेजी जाएगी।

राज्य स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि बहुत बच्चे साधारण वाक्यों को नहीं पढ़ पाते हैं। उनमें पढ़ने की आदत डालने के लिए 45 दिवसीय ‘रीडिंग कैंपेन’ शुरू किया जा रहा है। इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए बालवाटिका से कक्षा-8 तक के विद्यार्थियों के लिए प्रति सप्ताह निर्धारित गतिविधियां कराई जाएंगी। इस अभियान में जिला, ब्लॉक व पंचायत स्तर पर कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं से भी अपेक्षित सहयोग लिया जाएगा। प्रेरणा साथी से इस अभियान में बच्चों को घर पर ही पठन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए सहयोग लेने को कहा गया है।

इन गतिविधि को किया जायेगा शामिल

  • आकर्षक चित्रों वाली सरल और मनमोहक कहानी की किताबों की उपलब्धता और उनकी बच्चों तक पहुंच सुनिश्चित करना।
  • स्कूलों में पढ़ने के लिए बच्चों को नियमित आधार पर समय और सहज वातावरण उपलब्ध कराना।
  • कक्षा में जोर-जोर और साथ-साथ पढ़ना, पढ़ी पुस्तकों पर चर्चा करना, भूमिका निभाना और शब्द खेल जैसी गतिविधियां कराई जाएंगी।

सुपरवाइजर भर्ती में कोर्ट ने राज्य से माँगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्य सेविकाओं की भर्ती मामले में राज्य सरकार से जवाब माँगा है। सुपरवाइजर भर्ती मामले में कोर्ट ने कहा कि संयुक्त सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार के स्तर के अधिकारी का जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाए। और पहले से कार्यरत मुख्य सेविकाओं के नियमित करने से राज्य पर कितना वित्तीय बोझ पड़ेगा, इसकी भी जानकारी देनी होगी।

2018 में नियमितीकरण के लिए किया था प्रत्यावेदन

न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने अनीता सिंह व 75 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए 16 दिसंबर की तारीख तय करने का आदेश दिया है। याचियों का कहना था कि वे 2003 से बतौर मुख्य सेविका (सुपरवाइजर) का काम कर रही हैं। उन्होंने 2018 में नियमितीकरण के लिए निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार के समक्ष प्रत्यावेदन किया था। इस सम्बंद में निदेशक ने उसे शासन के समक्ष भेज दिया था लेकिन, शासन ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। शासन ने मुख्य सेविकाओं के 2693 पदों पर नई भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला है। इसमें 126 पदों पर बतौर मुख्य सेविका ( सुपरवाइजर) काम कर रहीं याचियों के पद भी शामिल हैं।

याचियों की नियमितीकरण की मांग खारिज

अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि याचियों की नियमितीकरण की मांग खारिज कर दी गई है क्योंकि, वे नियमितिकरण नियमावली – 2016 के मानदंडों को पूरा नहीं कर रही हैं। इस संबंध में याचियों को सूचित भी कर दिया गया था। अपर महाधिवक्ता ने कहा कि याचियों की ओर से भर्ती प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी गई है, केवल अपने नियमितीकरण की मांग की गई है।

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