लखनऊ। बाल विकास सेवा एवंपुष्टाहार विभाग में पारदर्शी तरीके सेतबादले के लिए तय मानकों की खुलकर धज्जियां उड़ी हैं। हाल में कई जिला कार्यक्रम अधिकारियों (डीपीओ) के तबादले मानकों के विपरीत किए जाने का मामला सामने आया है। सरकारी नीति के मुताबिक कोई भी डीपीओ एक जिले में अधिकतम तीन साल से अधिक नहीं रह सकता है। इस साल के लिए जारी तबादला नीति में भी यही मानक रखा गया था। साथ ही यह भी प्रावधान है कि अधिकतम 20 प्रतिशत कर्मी का ही तबादला किया जा सकेगा। मगर, ऐसे आधा दर्जन डीपीओ का तबादला नहीं किया गया है, जो पिछले 4 से 10 साल से एक ही जिले या मंडल में जमे हैं।
10 साल से एक ही जिले में जमे डीपीओ
नाम | जिला | वर्ष |
अनुपमा शांडिल्य | मुरादाबाद | 10 |
हेमन्त सिंह | गोरखपुर | 7 |
भरत प्रसाद | फरुर्खाबाद | 6 |
अजित कुमार | सोनभद्र | 5 |
मनोज राव | प्रयागराज | 5 |
अखिलेन्द्र दुबे | लखनऊ | 4 |
मोहम्मद जफर | कानपुर | 5 |
मात्र डेढ़ से दो वर्ष में हुआ इन डीपीओ का ट्रांसफर……
जाने किन किन डीपीओ का तबादला
नाम | वर्तमान तैनाती | तबादला |
वाणी वर्मा | मुजफ्फरनगर | मिर्जापुर |
इफ्तखार अहमद | वाराणसी | जालौन |
शैलेन्द्र कुमार राय | महारजगंज | कुशीनगर |
दुर्गेश प्रताप सिंह | उन्नाव | वाराणसी |
कृष्ण मुरारी | बलरामपुर | बलिया |
दुर्गेश कुमार | मऊ | महारजगंज |
स्थान्तरण किये गए अधिकारियों के बारे में निदेशक महोदया डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि तबादले में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है। चूंकि अधिकतम 20 प्रतिशत कार्मिकों के ही तबादले किए जाने थे। इसलिए समय पूरा होने के बाद भी सभी लोगों का तबादला नहीं किया जा सकता।
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तबादला हुए अधिकारियों के बीच दो ऐसे अधिकारी भी शामिल हैं, जिन पर गंभीर आरोप लगे हैं। लेकिन इनका काफी वर्षों से एक ही जिले में तैनात होने के कारण तबादला नही किया गया है
मनोज राव
इनके खिलाफ प्रयागराज में कुंभ घोटाले के खिलाफ सतर्कता जांच चल रही है। आरोप है कि इन्होंने एक टेंट कंपनी का फर्जी बिल वाउचर लगाकर 35 गंभीर आरोपी लाख रुपये का भुगतान जांच से घिरे होने और सीडीओ की जांच पूरी करा दिया था। गोंडा में तैनाती के दौरान इन पर भी आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण में वित्तीय अनियमितता बरतने के मामले की जांच हो रही है।
मोहम्मद जफर।
ये जुलाई 2016 से कानपुर में तैनात हैं। इन्हें महिला सहकर्मी के साथ अश्लीलता का आरोप लगने के बाद लगभग एक साल से मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। इन पर भी गोंडा में तैनाती के दौरान पोषाहार को हुए नुकसान के मामले में वसूली हो रही है।
आंगनवाड़ी भर्ती में लापरवाही पर सीडीओ ने डीपीओ का वेतन रोका
हरदोई में इन दिनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया चल रही है। निदेशालय से जारी आदेशानुसार भी अभी तक जिले में भर्ती शुरू नही हो सकी है विभाग से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक बीती 16 जुलाई को सीडीओ आकांक्षा राना ने नियुक्ति संबंधी पत्रावली में पदों का आरक्षण निर्धारण करने के निर्देश देते हुए इसकी भी पत्रावली तैयार करने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा से कहा था। प्रेषित की गई पत्रावली को लेकर कुछ और जानकारियां भी मांगी गईं थीं, लेकिन जिला कार्यक्रम अधिकारी 16 जुलाई को ही बिना सूचित किए अवकाश पर चली गईं। सीडीओ आकांक्षा राना ने इस पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा है कि पूर्व में भी इस पत्रावली को तैयार करने में हीलाहवाली की गई। बार-बार निर्देश देने के बाद भी आधी अधूरी पत्रावली प्रस्तुत की गई। सीडीओ ने पूरे प्रकरण के लिए कठोर चेतावनी देते हुए पत्रावली तैयार होने और डीएम से अनुमोदित होने तक जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा का वेतन रोक दिया है।