रिटायर हो चुकी आंगनवाड़ी को मिलेगा 30 दिन के अंदर ब्याज सहित ग्रेजुवेटी का लाभ
ग्रेच्युटी का लाभ देने के सम्बंध मे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर आंगनबाड़ी वर्करो को एक बड़ी सफलता मिल रही है। सबसे पहले गुजरात और उसके बाद उत्तरप्रदेश ,बिहार के बाद लगातार अन्य राज्यो की हाईकौर्ट आंगनवाड़ी के पक्ष मे फैसले दे रही है।
त्रिपुरा की हाईकोर्ट ने भी 22 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के पक्ष में फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ग्रेच्युटी लाभ की मांग करते हुए इन वर्करो ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इन वर्करो का कहना था कि आंगनवाड़ी वर्कर ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के तहत इस विशिष्ट लाभ के हकदार है।
त्रिपुरा उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य सरकार को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि राज्य की सभी आंगनवाड़ी वर्कर 30 अप्रैल से ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के दायरे में आएंगी। न्यायमूर्ति एस दत्ता पुरकायस्थ की पीठ द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार बाल विकास विभाग मे कार्यरत सभी आंगनवाड़ी कार्यकत्री और सहायिका और सेवानिवृत्त हो चुकी वर्कर भी ग्रेच्युटी का लाभ लेने की पात्र है।
अवगत हो कि आंगनवाड़ी वर्करो ने सामाजिक कल्याण और सामाजिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 का लाभ लेने का आग्रह किया था, लेकिन विभाग ने उनकी मांगो को ठुकरा दिया था। इसके बाद 22 आंगनवाड़ी याचिकाकर्ताओं के वकील पुरुषुत्तम रॉय बर्मन ने ग्रेच्युटी लाभ की मांग करते हुए हाई कोर्ट मे याचिका दायर कर दी।
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले मे विभाग के उस आदेश को भी रद्द कर दिया है जिसमे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ग्रेच्युटी लाभ देने से वंचित करने का आदेश जारी किया गया था।
आंगनवाड़ी वर्करो के बर्मन ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय ने विशेष रूप से कहा है कि ग्रेच्युटी का लाभ रिटायर होने के 30 दिनों के भीतर भुगतान की जानी चाहिए और यदि भुगतान मे देरी होती है तो ग्रेच्युटी की राशि निश्चित ब्याज दर के साथ मिलेगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता पुरुषुत्तम रॉय बर्मन ने बताया कि उच्च न्यायालय ने गुजरात राज्य से संबंधित इसी तरह के एक मामले पर पहले से ही पारित सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अपना फैसला दिया है। उच्च न्यायालय द्वारा ये फैसला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए बहुत बड़ी जीत है।