चने,दाल और दलिया के बड़ी संख्या में खाली पैकेट मिलने पर हडकंप ,डीपीओ खुद कर रहे जांच
आंगनवाडी न्यूज़
बदायूं जनपद में बाल विकास में भ्रष्टाचार हमेशा चरम सीमा पर रहता है यंहा आये दिन बाल विकास में कोई न कोई विवाद सुर्खियों में रहता है अब शहर में लाभार्थियों को दिए जाने वाले चना दाल एवं दलिया के पैकेट में सामग्री निकालने के बाद एक बड़ी ढ़ी संख्या में पॉलीथिन पड़ी मिली हैं। सुचना मिलते ही प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी ने इस प्रकरण पर संज्ञान लेते हुये स्वयं जांच शुरू कर दी है।
शहरके शहबाजपुर क्षेत्र में बाल विकास विभाग द्वारा वितरित की गयी चना, दलिया के पैकेट से खाद्य सामग्री को निकालने के बाद घूर पर फेंकी गयी पॉलीथिन मिली हैं। इन पोलीथिन के पैकेट में शासन द्वारा बच्चों एवं धात्रियों को आंगनवाडी केन्द्रों पर दलिया एवं चना दाल मुफ्त में दी जाती है। इतनी बड़ी संख्या में राशन की पॉलीथिन मिलने की सुचना मिलते ही प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी तरुण कुमार मौके पर पहुंचे और प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी ने पॉलीथिन के फोटो लिये और वीडियो ग्राफी करके इस प्रकरण की स्वयं जांच शुरू कर दी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी तरुण कुमार ने बताया कि घूर पर चना, दलिया निकालकर पॉलीथिन फेंकी गयी हैं। चूँकि यह मामला बहुत गंभीर हैइसीलिए वो खुद इस प्रकरण की जांच कर रहे हैं। पोलीथिन मिलने वाले उस क्षेत्र के तहत आने वाली 12 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को जांच में शामिल किया जायेगा। इस क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दी गयी खाद्य सामग्री की जांच करके देखा जायेगा कि जो सामग्री आंगनवाडी को मिली है उसे कितने लाभार्थियों को वितरित किया गया है।
आंगनवाडी केन्द्रों में चाइल्ड वजन मशीन लगायी जाएंगी
गाजीपुर जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि कुपोषित बच्चे, उनकी मां ,गर्भवती, धात्री ,किशोरी की उनके गांव के पास के ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन करने के लिए 150 किलोग्राम तक वजन की मदर कम चाइल्ड वजन मशीन शासन की ओर से आपूर्ति की जा रही है। जिसे आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध करा दिया जाएगा।
दिलीप कुमार पांडे ने बताया किइससे पहले भी जिले के 655 आगनबाड़ी केंद्रों पर वजन मशीन उपलब्ध करायी गयी थी। और अब 3472 वजन मशीन आपूर्ति होते ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचा दी जाएंगी । जिन बच्चों, महिलाओं ,गर्भवती , धात्री व किशोरियों का मानक से कम वजन मिलेगा उनकी देखभाल के लिए आशा एवं आंगनबाड़ी के द्वारा गृह भ्रमण करते हुए प्रबंधन एवं उनके माता-पिता को जागृत करने एवं नियमित रूप से चिकित्सा परामर्श देने के लिए घर पहुंचेंगी। वर्करो द्वारा जांच में कम वजन की किशोरी एवं महिलाओं के मिलने पर एनीमिया की जांच, खान पान पर विशेष ध्यान देने के लिए जागरूक किया जाएगा।