बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के संविदा कर्मियों को किया जा सकता है नियमित
आंगनवाडी न्यूज़
फर्रुखाबाद प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद ने शहर के विभिन्न वैक्सीनेशन बूथों का निरीक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों से भी रिपोर्ट के आधार पर जिसमे आंगनबाड़ी वर्करो और सहायिकाओं के अलावा कई अन्य अधिकारियों भी निरीक्षण के दौरान गैरहाजिर मिले है
जिला कार्यक्रम अधिकारी भरत प्रसाद ने बताया कि मोहम्मदाबाद के पखनाकी आंगनबाड़ी कार्यकत्री रचना चौहान, गीता देवी, मिथलेश, ललिता देवी, अर्जुनपुर में भावना, सुषमा, मदनपुर सुमन देवी, मदायन में शशिप्रभा, खिमसेपुर में नीलम दीक्षित, किरन कुमारी, संगीता मिश्रा, कमलेश कुमारी, नवाबगंज के शिवरई मठमें कुंतीदेवी, बढपुर में धर्मपुर कटरी में विजय लक्ष्मी, कटरी गंगपुर में ऊषा देवी, कुटरा में पुष्पादेवी, रेखा, बुढ़नामऊ में अनीता, कायमगंज के कुबेरपुर में शिप्रा, नरैनामऊ में अनीता, धनदेवी, प्रेमनगर में संतोष, अनीता गौतम, रुदायन में रजनी यादव, कमलाईपुर में कीर्ति, सुनीता, कुंअरपुर खास में रेखा, अनीता अधिकारियों के निरीक्षण में गैरहाजिर पाई गईं। अनुपस्थित आंगनवाडी कार्यकत्रियो और सहायिकाओं का मानदेय रोक दिया गया है और सेवा समाप्ति की कार्रवाई भी की जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने सख्त निर्देश दिए है कि वैक्सीनेशन कैंप में सभी आंगनवाडी कार्यकत्री और सहायिकाओं को उपस्थित रहे लेकिन इसके बाद भी वैक्सीनेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में आंगनवाडी कार्यकत्री और सहायिकाओं ने रविवार को घोर शिथिलता बरती है । उन्होंने बताया कि शमसाबाद के भकुसा में मंगेश कुमारी, दुबरी मे सुमनलता, खिनमिनी में रतन कुमारी, वनीता मिश्रा शकुंतला, बलीपुर भगवंत में सुमनलता, कंचन, नवाबगंज के सलेमपुर दूंदेम्रइ में मृदुला देवी सेेटर पर गैरहाजिर पाई गई। शहर परियोजना में पुष्पा भारद्वाज, सुनीता शर्मा, शिल्पी मिश्रा, सरिता यादव सेंटर पर गैर हाजिर पाई गईं। कायमगंज परियोजना में शिप्रा, सविता शाक्य, सुनीता, रीता, ओमप्यारी, सतोष कुमारी, मंजू, अनुपम और मोहम्मदाबाद परियोजना में कुसमा, निर्मला, सुनीता, राजकुमारी, कुसुमलता यादव, गुड्डी देवी, उमादेवी सेंटर पर गैरहाजिर पाई गई।
टीकाकरण में सहयोग न करने पर आंगनवाडी वर्करो को नोटिस जारी
कन्नोज के गुरसहायगंज में गांव-गांव लग रहे कोरोना टीकाकरण कैंप में लापरवाही बरतने पर दो आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नोटिस दे स्पष्टीकरण मांगा गया है। सीडीपीओ तालग्राम पूजा सिंह ने बताया कि ग्रामीण इलाकों गांव-गांव लगने वाले टीकाकरण कैंप में आंगनबाड़ी वर्करों को बतौर सहयोग लगाया गया है। कुछ टीकाकरण कैंपों में आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहयोग नही कर रही है जिलाधिकारी के आदेश पर कोरोना टीका करण में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। 14 जनवरी को ग्राम रसूलाबाद की आंगनबाड़ी उमा देवी व सलेमपुर की आंगनवाड़ी वर्कर शोभारानी टीकाकरण कैंप से अनुपस्थित थी। इन दोनों वर्करों नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा गया है।
दिव्यांग और गर्भवती महिलाओ को चुनावी ड्यूटी में राहत
लखनऊ आगामी विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग के सॉफ्टवेयर में 50 हजार कर्मचारियों का ब्योरा दर्ज किया गया है जिसमे चुनाव ड्यूटी में लगाए गए छूट के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को राहत मिल सकती है । इनमें गर्भवती महिलाओं, दिव्यांग और 30 नवम्बर तक रिटायर हो रहे कर्मचारियों का नाम हटाया जाएगा। लेकिन दिव्यांगों में सभी का नाम नहीं हटाया जायेगा जिसमे कुछ को दिव्यांग स्पेशल बूथ के लिए ड्यूटी करनी होगी।
चुनावी ड्यूटी में नाम कटने वाले कर्मचारियों संख्या लगभग 10 हजार है।जिनकी दोहरी ड्यूटी लग गई है उन्हें प्राथमिकता के तौर पर पहले हटाया जायेगा । इनमें सुपर जोनल मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट, बीएलओ यानी बूथ लेवल ऑफिसर, उड़न दस्ता, वीडियो सर्विलांस, स्टेटिक सर्विलांस में लगे कर्मचारी हैं। एडीएम वित्त एवं राजस्व और चुनाव प्रबंधन के कार्मिक प्रभारी बिपिन मिश्रा ने बताया कि शनिवार से छंटाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बाद बचे 40 हजार कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। 1250 से अधिक मतदाताओं पर बूथ बढ़ाए जाने हैं। बूथ बढ़ने से कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ेगी। ऐसे में अनुमानित 4126 बूथों के लिए कुल 16 हजार 504 कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। कुल 130कर्मचारियों की ड्यूटी लगनी है इस लिहाज से 21 हजार 455 कर्मचारी विभागों से तैनात किए जाएंगे।
आगामी पोलियो कार्यक्रम पर कोरोना का पडा असर ,करना पडा रद्द
देश और प्रदेश में तेजी के साथ बढ़ रहे कोरोना संक्रमण का अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम में पर असर पड़ता दिख रहा है। संक्रमण के चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाएं व कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहे है। जिसमें मुख्य तौर पर शामिल पोलियो कार्यक्रम भी अब प्रभावित हो रहा है। सरकार द्वारा अग्रिम आदेशों तक पोलियो कार्यक्रम को भी रदद कर दिया है। 23 जनवरी को पोलिया कार्यक्रम का आयोजन होना था। जिसके तहत नवजात से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों को दो बूंद पोलियो ड्रॉप पिलाई जानी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते अब यह कार्यक्रम नहीं होगा। जिसके चलते अब बच्चों को पोलिया ड्रॉप की खुराक के लिए इंतजार करना होगा। कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने के बाद ही यह कार्यक्रम शुरु होंगे और तब ही बच्चों को पोलियो ड्रॉप की खुराक मिल सकेगी। जिसके तहत अब नवजात से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों को पिलाई जाने वाली पोलियो ड्रॉप का बच्चों को इंतजार करना होगा। इससे पहले बीते साल जनवरी महीने में बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई थी।
बीते साल 31 जनवरी को पल्स पोलियो कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें प्रदेश की आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीमों द्वारा बूथ आयोजित कर व घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई थी।
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के संविदा कर्मियों को नियमित करने पर दिशा निर्देश
लखनऊ। उत्तरप्रदेश शासन ने 15 वर्ष से अधिक समय से कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग पर संबंधित विभागों को इस पर नियमानुसार निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।
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मुख्य सचिव द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये है अवगत हो कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों की ओर से कई वर्षो से 15 वर्ष से अधिक समय संविदा कर्मियों को नियमित से डीए पाने वाले संविदा करने की मांग की जा रही है जो 15 वर्ष से अधिक समय से कर्मियों का मामला नियुक्त हैं और महंगाई भत्ता पा रहे हैं। जिसमे सबसे ज्यादा मांग मुख्य रूप से बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग व समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों द्वारा उठाई जा रही थी
पिछले महीने मुख्य सचिव के समक्ष इन मांगों को संविदा कर्मियों द्वारा फिर उठाया गया था। मुख्य सचिव ने इन विभागों के अधिकारियों को विनियमितीकरण नियमावली के प्रावधानों के तहत मांग का परीक्षण कर नियमानुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था। निर्देश के आधार पर अपर मुख्य सचिव कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने अब कार्यवाही संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने बाल विकास एवं पुष्टाहार तथा समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से कहा है कि शासन ने 16 दिसंबर 2021 की अधिसूचना के जरिए विनियमितीकरण के संबंध में पूर्व से निर्धारित कट ऑफ डेट 30 जून 1998 के स्थान पर 31 दिसंबर 2021 कर दिया है। इस अधिसूचना के हिसाब से मांग पर विचार करें।