पोषाहार न आने से आंगनवाड़ी केंद्र हुए वीरान, शिक्षण कार्य हुए बंद
आंगनवाड़ी राशन

बाल विकास निदेशालय के आदेश के बाद भी आंगनवाड़ी केन्द्रो पर राशन की आपूर्ति नहीं हो सकी है जिसके कारण आंगनवाड़ी केन्द्र वीरान पड़े है। शीतकालीन अवकाश के कारण आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बच्चो की शिक्षा का कार्य भी बंद पड़ा है।
इटावा जिले के 1390 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पिछले चार माह से पोषाहार का वितरण नहीं किया गया है। शासन के आदेश के अनुसार जनवरी माह मे राशन की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी थी लेकिन अब ये माह भी खत्म होने वाला है लेकिन अभी भी बच्चो और महिलाओ को पोषाहार की व्यवस्था नहीं की गयी है।
वर्तमान समय मे जिले में 1564 आंगनबाड़ी केन्द्रो का संचालन किया जा रहा है जिसमे 1390 केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में और174 केंद्र शहरी क्षेत्र संचालित किये जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रो के सभी 1390 केंद्रों में पिछले तीन माह से पोषाहार का वितरण नहीं हुआ है। जबकि शहरी क्षेत्रों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार का वितरण कर दिया गया है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार की आपूर्ति लखनऊ से नेफेड द्वारा की जाती हैं। पोषाहार की गुणवत्ता को लेकर कोर्ट मे याचिका दायर होने कारण पोषाहार की आपूर्ति पर रोक लगा दी गयी थी। लेकिन अब शासन ने नेफेड को राशन वितरण के आदेश दे दिये है लेकिन अभी भी केन्द्रो पर राशन का वितरण नहीं हो सका है।
जिले के कुल 1564 आंगनबाड़ी केन्द्रो मे 0 से पांच साल तक के 1,12,307 बच्चे पंजीकृत हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों पर अक्तूबर, नवंबर व दिसंबर का पोषाहार वितरण नहीं हुआ है। अगर यही हाल रहा तो कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ने की आशंका बन जायेगी।
इस समय आंगनवाड़ी केन्द्रो पर शीतकालीन अवकाश चल रहा है लेकिन जल्द ही आंगनवाड़ी केंद्र भी खुलने से बच्चो का आना शुरू हो जायेगा उस समय बच्चो को राशन न मिलने से स्थिति खराब होना शुरू हो जायेगी। इन आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को दाल, रिफाइंड, दलिया, गेहूं व चावल दिया जाता है ।
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