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Anganwadi news: नई सरकार बनने पर आंगनवाडी को क्या है उम्मीदे ,मिशन इन्द्रधनुष में रविवार को भी लगेंगे टीके

आंगनवाडी न्यूज़

मिशन इन्द्रधनुष के तहत छूटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा। राज्य से लेकर जिला स्तर तक कार्यक्रम के शिड्यूल बना दिए गए हैं। यह अभियान 18 फरवरी से शुरू होगा। क्योंकि कोविड की तीसरी लहर और चुनावी कार्यक्रमों के कारण नियमित टीकाकरण पीछे रह गया है।

प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सीएमओ को पत्र भेजकर इस संबंध में निर्देश दिए हैं। टीकाकरण सभी कार्य दिवसों में किया जाएगा। इसमें रविवार भी शामिल है। अभियान के तहत जन्म से दो वर्ष तक के छूटे हुए बच्चों को और डीटी टीकों से वंचित गर्भवती महिलाओं को टीकाकृत किया जाना है। जिले के 6 ब्लाकों के 7 सीएचसी और शहरी आबादी वाले यूपीएचसी पर टीके लगाए जाएंगे। इनके अलावा सभी उपकेंद्र और छोटे केंद्रों पर भी टीके लगाने की सुविधा दी जाएगी। सीएमओ डा. दिनेश कुमार ने बताया कि शासन के शिड्यूल के मुताबिक छूटे बच्चे और गर्भवती का टीकाकरण किया जाएगा।

चार अप्रैल तक छूटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लगेगी वैक्सीन

पहला चरण 07 मार्च से शुरू   

दूसरा चरण 04 अप्रैल से शुरू होगा

तीसरा चरण 02 मई से शुरू होगा

बिना खिड़की और दरवाजो का आंगनवाडी केंद्र

कौशाम्बी जनपदमें कड़ा क्षेत्र के कमालपुर गांव का आंगनबाड़ी केन्द्र में कुल 20 बच्चे पंजीकृत हैं। लेकिन यह केंद्र खंडहर में तब्दील हो चुका है। बिल्डिंग कब ढह जाए, कोई भरोसा नहीं बचा है। फिलहाल तो महामारी के कारण बच्चों को नहीं बुलाया जा रहा है। लेकिन आंगनवाडी केन्द्र खुलने के बाद बच्चों की मौजूदगी में कभी भवन ढहने पर बड़ी घटना हो सकती है।

आंगनवाडी कार्यकत्री मनीषा श्रीवास्तव का कहना है कि भवन का जीर्णोद्धार कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है। खिड़की दरवाजों का नामोंनिशान तक मिटने की वजह से आंगनवाडी कार्यकत्री को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वह बच्चों को वितरित करने के लिए आने वाला पोषाहार मजबूरन घर पर रख रही है। क्योंकि केन्द्र के किचेन में दरवाजा ही नहीं है।

सीडीपीओ ज्ञानमती ने बताया है कि केन्द्र के भवन की मरम्मत कराने के लिए शासन स्तर पर पत्राचार किया जा चुका है। और केंद्र के शौचालय की मरम्मत का बजट आ चुका है, चूँकि विधानसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता के कारण मरम्मत नहीं कराई जा सकी है ।इसीलिए शासन से धन अवमुक्त होते ही केन्द्र की व्यवस्थाएं दुरुस्त करा दी जाएंगी।

जेल में बंद महिलाओ की होगी मोनिटरिंग

गाजीपुर में बाल विकास पुष्टाहार विभाग की तरफ से जिला जेल में बंद धात्री महिलाओं व बच्चों को भी अब पुष्टाहार देने की तैयारी पूरी हो चुकी है। बाल विकास विभाग ने इस कार्य को पूर्ण करने के लिए डीपीओ एक सीडीपीओ समेत कर्मचारी की तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है।

यह कमेटी जेल अधीक्षक से मिलकर कुल महिलाओं व बच्चे की संख्या की जानकारी प्राप्त करेगी। शिशु और बच्चों के विकास के लिए पोषण आहार पोषक तत्वों से मिलता है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से जेल में रहने वाले बच्चों के स्वास्थ्य विकास को लेकर पहल की गई है। जेल में रहने वाले बच्चों को भी पुष्टाहार मुहैया कराया जाएगा और उनकी ग्रोथ मॉनिटरिंग की जाएगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि जिला कारागार में भी पुष्टाहार वितरण की शुरुआत की जाएगी।

नई सरकार बनने पर आंगनवाडी को क्या है उम्मीदे

अम्बेडकरनगर में विधानसभा चुनाव आगामी तीन मार्च को होगा। प्रदेश की आंगनबाड़ी वर्कर भी नयी सरकार से उम्मीद लगाये हुए है क्योंकि 2017 में बीजेपी की योगी सरकार बनाने में भी आंगनवाडी वर्करो ने एकतरफा वोटिंग करके मतदान किया था लेकिन योगी सरकार ने आंगनवाडी वर्करो की किसी भी समस्याओ का निवारण नही किया अपितु काम का बोझ बढ़ा दिया लेकिन मानदेय में कोई बढ़ोत्तरी का भी कोई खास लाभ नही दिया जिससे आंगनवाडी वर्करो की एक बड़ी संख्या योगी सरकार से नाराज है

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में कार्यरत महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य पोषण के लिए कार्य करने वाली आंगनबाड़ी वर्करो का कहना है कि विभाग की प्रमुख योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए प्रयासरत रहती हैं। कोरोना काल में भी महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य पोषण के लिए तत्पर रही हैं। वे बच्चों का पोषण ग्रेड की जांच करने के लिए वे डोर टू डोर भ्रमण करती है। गर्भवती व प्रसूताओं के स्वास्थ्य की जांच भी कराती रहती हैं। और इतना काम करते हुए उन्हें अल्प मानदेय में संतोष करना पड़ रहा है। महिलओं व बच्चों के स्वास्थ्य पोषण के लिए तत्पर ये आंगनवाडी अल्प मानदेय से अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पाती हैं। इसीलिए अब हमे भी नयी सरकार से ढेरों उम्मीदें हैं कि उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा प्रदान किया जाए या उनका मानदेय 15 हजार रुपए मासिक किया जाए। ताकि वे अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।

जिले के अकबरपुर विकास खंड के बेवाना क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री भी नयी सरकार से ढेर सारी उम्मीदें लगाये बैठी हैं। वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि को जो मानदेय मिल रहा है उससे परिवार का भरण पोषण कर पाना मुश्किल है। हमें ऐसी सरकार चाहिए जो कार्यकर्त्रियों का मानदेय बढ़ाए। जाड़ा गर्मी व बरसात हर मौसम में महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य पोषण के लिए तत्पर रहने पर महज पांच हजार मानदेय मिल रहा है इससे परिवार चला पाना कठिन है। इतना ही नहीं सरकार के अन्य कार्यों में कार्यकर्त्रियों को ड्यूटी करनी पड़ती है। मतदाता सूची के पुनरीक्षण में उन्हें बीएलओ का कार्य देखना पड़ता है। आंगनवाडी कार्यकत्रियो की मांग है कि हमे भी राज्यकर्मचारी का दर्जा दिए जाने के साथ साथ शासन से राज्यकर्मचारियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए क्योकि हमे राज्य सरकार के सभी सरकारी कार्यो को करना पड़ता है। तभी हम आंगनवाडी वर्करो की समस्याओं का समाधान हो सकता है ।

मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का कहना है कि हमे मात्र 3500 रुपए मानदेय मिलता है। अब इस बढ़ती महंगाई में इतने अल्प मानदेय कैसे परिवार चलाया जा सकता है । इसीलिए ऐसी नई सरकार बने जो आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को 15 हजार रुपए मानदेय मुहैया कराए जिससे वे अपना व अपने परिवार का भरण पोषण आसानी से कर सकें।शासन या विभाग की तरफ से चलाये जाने वाली अधिकतर योजनाएं में उनके क्रियान्वयन में वे हमेशा तत्पर रहती हैं लेकिन उन्हें शासकीय कर्मचारियों जैसी सुविधा पाने के लिए तरसना पड़ता है। जबकि हमे भी समान काम के लिए समान वेतन दिया जाना चाहिए। पिछली बार की तरह हर वर्ष मानदेय में वृद्धि की घोषणा न हो प्रोत्साहन राशि की शर्तें समाप्त कर एक नियमित मानदेय में वृद्धि का शानादेश जारी होना चाहिए

Aanganwadi Uttarpradesh

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