आंगनवाडी भर्ती 2025 : नंबरों मे हेराफेरी कर आंगनवाड़ी भर्ती मे हो रही धांधली
आंगनवाड़ी भर्ती

बलरामपुर जिले मे शासन के निर्देश पर अक्टूबर 2024 मे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 625 पदों पर ऑनलाइन आवेदन शुरू किये गए थे जिसकी अंतिम तिथि 4 नवंबर निर्धारित थी। ऑनलाइन आवेदन के बाद आवेदक महिलाओ के अभिलेखो का सत्यापन किया जा रहा है।
लेकिन जिले की आवेदक महिलाओ द्वारा अभिलेखों के सत्यापन में धांधली कर नौकरी देने का आरोप लगाया जा रहा है। जांच कमेटी द्वारा जारी वरीयता सूची में कमियो को देखते हुए आवेदक महिलाए अपने परिजनों के साथ अधिकारियों के यहां शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।
बलरामपुर देहात परियोजना की ग्राम पंचायत शेखरपुर निवासी नैन्सी उपाध्याय का कहना है वो ओबीसी श्रेणी से है लेकिन उनका विवाह सामान्य वर्ग के शेखरपुर प्रेमशंकर उपाध्याय के साथ हुआ था। पति की मृत्यु हो जाने पर उसने विधवा श्रेणी से आवेदन किया है। यहां केंद्र संख्या 94 शेखरपुर प्रथम आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षित है।
नैन्सी ने ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के बाद भी उसका ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र भी जारी नहीं किया गया है। इस संबंध मे लेखपाल का कहना है कि महिला का जाति प्रमाण पत्र पिता के आधार बनाया जाता है चूंकि नैन्सी उपाध्याय अन्य पिछड़ा वर्ग की हैं इसलिए उनका ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है।
वही दूसरा मामला हरैया सतघरवा परियोजना का सामने आया है जिसमे ग्राम पंडितपुरवा निवासी राकेश कुमार ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की है कि उनकी पुत्री स्वाती ने आंगनबाड़ी केंद्र मथुरा-12 से बीपीएल ईडब्ल्यूएस श्रेणी से आवेदन किया था। मार्क शीट मे अच्छे अंक होने के बाद भी उनका नाम वरीयता सूची में नहीं आया है।
बलरामपुर की देहात परियोजना के धनपत लाल वर्मा निवासी ग्राम बेनीजोत ने अपनी दो बेटियों रेनू वर्मा व सीमा वर्मा का आवेदन आंगनबाड़ी केंद्र बेनीजोत से किया था। दोनों के लिए समान आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र भी अपलोड किया गया है।
दोनों बेटी मे बड़ी बेटी रेनू के अंक हाईस्कूल व इंटर में सीमा से अधिक हैं लेकिन फिर भी सीमा का नाम वरीयता सूची में शामिल है जबकि रेनू का नाम सूची मे नहीं है। इससे साफ है कि कंही न कही वरीयता सूची बनाने मे कमियां हो रही हैं।