करोड़ों की जमीन वाली बीपीएल श्रेणी की महिला बनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री
आंगनवाड़ी भर्ती न्यूज

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में हर जिले से धांधली की खबरे आ रही है शासन द्वारा बनाए गए भर्ती के सभी मानको को अनदेखा किया जा रहा है जिससे पात्र आवेदक महिलाए आंगनवाड़ी बनने से वंचित हो रही है।
बस्ती जिले मे रुधौली क्षेत्र के ग्राम पंचायत बखरिया में महिला आवेदकों ने चयनित हुई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के चयन में धांधली का आरोप लगाया है। अब इस शिकायत के आधार पर उप जिलाधिकारी शाहिद अहमद ने टीम गठित कर मामले की जांच करनी शुरू कर दी है।
आवेदक महिलाए जिनमे ज्योति पांडेय, प्रीति पांडेय, प्रमिला पांडेय और शबनम खातून निवासी बखरिया ने डीएम रवीश गुप्ता सहित, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम रुधौली शाहिद अहमद, डीडीओ और बाल विकास परियोजना अधिकारी को चयन प्रक्रिया की धांधली का शिकायत पत्र दिया है।
इन महिलाओ का कहना है कि बाल विकास के कार्यालय पर 6 फरवरी 2025 को मेरिट सूची चस्पा की गई थी। इस मेरिट सूची में ग्राम की प्रिंसी शुक्ला पत्नी अरविंद पांडेय का आंगनबाड़ी कार्यकत्री के रूप में चयन किया गया था। चयनित अभ्यर्थी प्रिंसी शुक्ल ने गलत तरीके से कम आय का प्रमाणपत्र बनवाकर बीपीएल सूची में नाम डलवाया गया है। जबकि प्रिंसी शुक्ला और उनके पति के नाम पर गांव में काफी जमीन हैं। साथ ही उनके पति अरविंद पांडेय एक निजी कंपनी में बड़े पद पर कार्यरत हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में भ्रष्टाचार हर जिले हर परियोजना मे हो रहा है इसका खुलासा खुद विभागीय मंत्री ने भी किया है। विभागीय मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भर्ती के लिए अधिकारियों और कर्मचारियो द्वारा पैसे मांगने और मनमानी करने आरोप लगाते हुए निदेशक आईसीडीएस को पत्र लिखा है।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने निदेशक आईसीडीएस को पत्र लिखकर भर्तियों को रद्द कर प्रदेश स्तर पर कराने की मांग की है। भर्ती में पात्रता के लिए आय की सीमा तय होने के बाद क्षेत्र के तमाम रसूखदार, अधिकारी, नेता, स्थानीय जनप्रतिनिधि अपने-अपने लोगों को भर्ती कराने के लिए तहसील कर्मियों से मिलकर आय प्रमाणपत्र बनवाने में गड़बड़ी कर रहे हैं।
मंत्री ने पोल खोलते हुए लिखा है कि डीपीओ दफ्तर के बाबू आवेदक अभ्यर्थियों से सीधे संपर्क कर उनसे दो-दो लाख रुपये मांग रहे हैं। सपा के विधायक मनोज पांडेय ने भी रायबरेली में हुई भर्ती में गड़बड़ी का हवाला देते हुए कई जिलों में अनियमितता का मामला विधानसभा में उठाया था।
अब तक कई जिलों के डीएम ने भी शासन को आंगनवाड़ी भर्ती के मानको में भ्रामक बिंदुओं को शामिल करने को लेकर पत्र लिखा था लेकिन बाल विकास विभाग ने चुप्पी साध रखी है। भर्ती की तमाम शिकायतें शासन और आईसीडीएस निदेशालय मे पहुंच रही हैं, लेकिन निदेशालय स्तर पर शिकायतों को दबाया जा रहा है।