आंगनवाड़ी वर्करों को भी मिलेगा विभागीय मोबाइल नंबर
आंगनवाड़ी न्यूज
राज्य मे आंगनवाड़ी केन्द्रो पर कार्य कर रही 1 लाख एक हजार 191 आंगनवाड़ी कार्यकत्री और मुख्य सेविका को शासन द्वारा मोबाइल सिम देने का फैसला लिया गया है। ये मोबाइल नंबर जिस केंद्र के लिए आवंटित होगा उसी केंद्र की कार्यकत्री के पास हमेशा काम करेगा।
मध्यप्रदेश बाल विकास विभाग द्वारा चलाये जा रहे 97 हजार आंगनवाड़ी केन्द्रो पर कार्यरत कार्यकत्री को मोबाइल सिम दिया जायेगा। आंगनवाड़ी कार्यकत्री के साथ साथ मुख्य सेविका को भी विभागीय सिम दी जाएगी।
अगर किसी केंद्र से आंगनवाड़ी कार्यकत्री रिटायर होती है या त्यागपत्र देती है तो ये मोबाइल सिम उस कार्यकत्री से लेकर नयी नियुक्त होने वाली आंगनवाड़ी को दे दिया जायेगा। यही स्थिति समायोजन पर भी लागू होगी। एक केंद्र पर एक ही मोबाइल नंबर कार्य करेगा। किसी भी परिस्थिति भी मोबाइल नंबर न बदलेगा और न ही बंद होगा।
सरकार द्वारा आंगनवाड़ी वर्करो को चार साल पूर्व स्मार्ट फोन दिये गए थे लेकिन उन मोबाइल फोन मे अब तक आंगनवाड़ी वर्कर अपना निजी सिम चला रही है। लेकिन अब इन मोबाइल में सरकार द्वारा वितरण की जानी वाली सिम का ही उपयोग होगा।
अक्सर देखा जाता है कि किसी केंद्र की आंगनवाड़ी के मृत होने या रिटायर होने या नौकरी छोड़ने के कारण उस आंगनवाड़ी केंद्र का नंबर बदल जाता है। जिससे केंद्र पर अंकित कार्यकत्री का मोबाइल नंबर भी बदलना पड़ता है साथ ही लाभार्थी को अपने क्षेत्र की आंगनवाड़ी की पूर्ण जानकारी हो इसके लिए शासन द्वारा यह व्यवस्था लागू की जा रही है इससे हर आंगनबाड़ी केंद्र का स्थायी नंबर रहेगा।
प्रदेश में मौजूदा मोबाइल नेटवर्किंग सिस्टम को ध्यान में रखते हुए बाल विकास विभाग ने प्रदेश के सभी चारों मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को ऑफर दिया है कि जिस क्षेत्र मे जिस कंपनी का नेटवर्क बेहतर होगा उसी कंपनी का सिम उस क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रो के लिया जायेगा। शासन ने सभी चारो कंपनी को 21 अगस्त तक का ऑफर दिया जिसे अब बढ़ाकर 30 अगस्त तक कर दिया है।
ऐसा इसीलिए भी किया जा रहा है जिससे की किसी विशेष कंपनी का प्रचार भी न हो और आंगनवाड़ी वर्करो को कॉल के समय नेटवर्क की कोई समस्या न हो साथ ही मोबाइल पर कार्य करते समय इंटरनेट की वजह से कोई अड़चन न आए। जिस क्षेत्र मे जिस कंपनी का नेटवर्क बेहतर होगा उसी कंपनी का सिम खरीदा जायेगा।
सरकार की तरफ से आंगनवाड़ी के निजी सिम को रिचार्ज करने के लिए वार्षिक 2 हजार रुपए मिलते है। सरकार सिर्फ दस माह के लिए सिम को रिचार्ज करने का पैसा देती है। अब सिम बदलने के बाद सरकार क्या कदम उठाएगी इसका फैसला शासन स्तर पर किया जाएगा।
अगर अन्य केंद्रीय या राज्य कर्मियों की बात करे तो कई विभागो मे सरकार पहले ही ये कदम उठा चुकी है सरकार द्वारा एक स्थायी नंबर दिया जाता है जो कर्मी के पास हमेशा उपलब्ध होता है। ये नंबर हमेशा चालू स्थिति मे होने के सख्त आदेश है। इन नंबरो को सरकार द्वारा ही रिचार्ज किया जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार चार साल पहले दिए गए मोबाइल भी बदलने का काम भी केंद्र सरकारी द्वारा किया जायेगा। अधिकांश आंगनवाड़ी वर्करो को दिये गए स्मार्ट फोन खराब हो चुके है। इसीलिए इन मोबाइल फोन को भी धीरे-धीरे बदलने की शुरुवात की जायेगी।