ओटीपी पूछना आंगनवाड़ी के लिए बना मुसीबत,सत्यापन न होने से 36 का मानदेय कटा
आंगनवाड़ी न्यूज

बाल विकास विभाग मे कार्यरत आंगनवाड़ी वर्करो द्वारा पोषण ट्रेकर एप पर आंगनवाड़ी केंद्र मे पंजीकृत लाभार्थियो का डाटा फीड किया जाता है। इस एप पर फीड किए गए आंकड़ो के अनुसार शासन पर रिकॉर्ड भेजा जाता है। केंद्र के हर लाभार्थी का डाटा फीड करते समय उसका मोबाइल नंबर द्वारा सत्यापित भी किया जाता है।
सत्यापन करते समय मोबाइल नंबर डालते हुए लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर विभाग द्वारा एक ओटीपी भेजा जाता है। लेकिन लाभार्थी साइबर अपराध के डर से ओटीपी नहीं बताते है जिसके कारण पोषण ट्रेकर पर लाभार्थी का सत्यापन नहीं होता है इसका खामियाजा आंगनवाड़ी वर्कर को मानदेय मे कटोती करके भरना पड़ रहा है।
मथुरा जिले के डीपीओ ने बुधवार को बाल विकास परियोजना फरह के ब्लॉक सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक की। जिसमे पोषण ट्रेकर एप पर बच्चों के वजन और लंबाई के साथ साथ लाभार्थियो के मोबाइल नंबर का सत्यापन रिकॉर्ड देखा जिसमे बहुत सी आंगनवाड़ी वर्करो का लाभार्थियो का सत्यापन नहीं हुआ था।
डीपीओ के अनुसार बैठक में अनुपस्थित 15 कार्यकत्रियों का एक दिन का मानदेय काटा गया है जबकि 11 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा मोबाइल सत्यापन का कार्य शुरू नहीं किया गया है। 10 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा अब तक एप पर लाभार्थियो कि फीडिंग नहीं करने पर 15 दिन का मानदेय काटने का आदेश दिए हैं।
कार्य मे लापरवाही को देखते हुए डीपीओ ने कुल 36 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय में कटौती करने के निर्देश जारी किए है। साथ ही लापरवाह आंगनवाड़ी वर्करो को भविष्य मे ऐसी दुबारा गलती न करने की चेतावनी भी दी है।
इस सम्बंध मे आंगनवाड़ी वर्करो का कहना है कि लाभार्थी को लगता है कि फ्रॉड कॉल द्वारा बैंक से पैसा काट लिया जाएगा इसी सायबर अपराध के कारण लाभार्थी आंगनवाड़ी को ओटीपी नहीं बता रहे हैं। ओटीपी न बताने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां राशन वितरण कर पोषण ट्रैकर एप पर डाटा फीडिंग नहीं कर रहीं है।
डीपीओ ने आंगनवाड़ी वर्करो से लाभार्थी को सही से समझाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लाभार्थी को सत्यापन न होने पर अगले माह से राशन नहीं मिलने की चेतावनी भी दी है। जबकि आंगनवाड़ी की माने तो लाभार्थी सिर्फ राशन लेने मे रुचि दिखाते है जब सत्यापन या हस्ताक्षर की बात आती है तो अलग अलग बहाने बनाने लगते है।