चेहरे की पहचान करके लगेगी आंगनवाड़ी केंद्रों मे बच्चो की उपस्थिति
आंगनवाड़ी न्यूज
आंगनवाड़ी केन्द्रो मे फर्जी तरीके से पंजीकृत किये गए बच्चो की अब पोल खुलने वाली है। प्रदेश मे अब बाल विकास विभाग मे किसी भी तरीके से फर्जी बच्चो को पंजीकृत नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए शासन द्वारा अलग पहल की जा रही है।
मिर्जापुर जिले मे आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चो की उपस्थिती ‘फेस रिकाग्निशन’ सिस्टम (चेहरे की पहचान प्रणाली) के आधार पर की जायेगी। ऑनलाइन बच्चो की हाजिरी ही इन बच्चो का लाभार्थी बनने का आधार होगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मोबाइल में पोषण ट्रेकर एप से उपस्थिती दर्ज होने वाले बच्चो को आंगनवाड़ी केंद्र की योजनाओ का लाभ मिल सकेगा।
आंकड़ो के मुताबिक वर्तमान समय मे जनपद मे संचालित कुल 2668 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 260861 बच्चे पंजीकृत हैं। लेकिन शिकायतों के आधार पर सभी बच्चो को राशन का लाभ नहीं मिल रहा है। साथ ही केन्द्रो पर पंजीकृत बच्चो की संख्या और निरीक्षण मे पाये गए बच्चो की संख्या मे बड़ा अंतर निकलता है। जिसको देखते हुए बाल पुष्टाहार विभाग ने इस समस्या को खतम करने की की कवायद शुरू कर दी है।
शासन द्वारा शुरू किया जा रहा ‘फेस रिकाग्निशन’ सिस्टम से आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बच्चो की उपस्थिती दर्ज की जायेगी। शासन का मानना है कि ऑनलाइन हाजिरी से केंद्र मे पंजीकृत बच्चों की उपस्थिति ज्यादा बढ़ेगी साथ ही केंद्र के पात्र लाभार्थियों को ही योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। फर्जी लाभार्थियो की पोल खुल जायेगी और राशन की चोरी पर भी लगाम लग सकेगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा का कहना है कि शासन के निर्देश पर जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रो पर फेस रिकाग्निशन सिस्टम लागू होने जा रहा है। जिससे अब पढ़ने वाले बच्चो की हाजिरी और लाभार्थियो की पहचान होगी। इसके लिए सभी सीडीपीओ को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
चेहरे की पहचान क्या है?
किसी व्यक्ति के चेहरे का उपयोग करके उसकी पहचान करने या पुष्टि करने का एक तरीका है। चेहरे की पहचान करने वाली प्रणालियों का उपयोग फ़ोटो, वीडियो या वास्तविक समय में लोगों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है।चेहरे की पहचान बायोमेट्रिक सुरक्षा की एक श्रेणी है।
बायोमेट्रिक सॉफ़्टवेयर के अन्य रूपों में आवाज़ पहचान, फ़िंगरप्रिंट पहचान और आँख की रेटिना या आईरिस पहचान शामिल हैं। इस तकनीक का उपयोग ज़्यादातर सुरक्षा और कानून प्रवर्तन के लिए किया जाता है जिस तरह हम अपने स्मार्टफोन को अनलॉक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले FaceID के ज़रिए चेहरे की पहचान करते हैं।
चेहरे की पहचान किसी व्यक्ति की पहचान निर्धारित करने के लिए फ़ोटो के विशाल डेटाबेस पर निर्भर नहीं करती है । एक व्यक्ति को डिवाइस के एक मात्र ऑनर के रूप में पहचानती है। फ़ोन को अनलॉक करने के अलावा, चेहरे की पहचान विशेष कैमरों के सामने से गुज़रने वाले लोगों के चेहरों को वॉच लिस्ट में शामिल लोगों की फोटो से मिलाकर काम करती है।
अभी कुछ महीने के बाद भर्ती होनी चाहिए थी क्योंकि अभी यह सत्र पांच महीने निकल चुका है