डीपीओ कार्यालय से रिश्वत मांगकर नियुक्ति देने के लिए महिलाओ को किया जा रहा कॉल
आंगनवाड़ी भर्ती

सीतापुर जिले मे महिला अभ्यर्थियों ने विकास भवन में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के चयन में धांधली का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने जिला कार्यक्रम अधिकारी पर धक्का देने का भी आरोप लगाया है। महिलाओ का कहना है कि जिले के हर ब्लॉक मे हाल आंगनवाड़ी भर्ती चयन में धांधली की जा रही है।
इन महिलाओ का कहना है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में आंगनवाड़ी चयन प्रक्रिया को पारदर्शी करने और मेरिट लिस्ट दिखाने की बात कही गयी तो वहां डीपीओ द्वारा महिलाओं के साथ धक्का मुक्की कर कार्यालय से बाहर भगा दिया गया।इसके बाद महिला अभ्यर्थियों ने धक्का मुक्की का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
इस सम्बंध मे डीपीओ मनोज कुमार का कहना है कि जिले मे नियमों को ध्यान में रखते हुए चयन प्रक्रिया पूरी की गई है। जिन महिलाओ द्वारा कार्यालय में आकर अभद्रता की गई है उनका सीसीटीवी में रिकॉर्ड फुटेज के आधार पर थाने में तहरीर देकर मु़कदमा दर्ज कराया जाएगा।
विकास भवन में हँगामा करने वाली महिलाओ ने चयन में धांधली का आरोप लगाते हुए बताया कि उनका चयन पहले सूची में किया गया था। इसके बाद विभाग से फोन करके दस्तावेजो के सत्यापन के लिए बुलाया भी गया। लेकिन फाइनल सूची में उनका नाम हटाकर किसी अन्य अभ्यर्थी से पैसे लेकर चयन कर दिया। गलत तरीके से चयन करने मे किसी महिला को तलाकशुदा दिखाकर और किसी महिला को बीपीएल श्रेणी का लाभ देते हुए चयन किया गया है।
जिले के धौली क्षेत्र की महिला ने आंगनवाड़ी भर्ती मे सीडीपीओ कार्यालय के बाबू द्वारा रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पोर्टल पर आनलाइन शिकायत की है। महिला का कहना है कि उसे नियुक्ति देने के लिए सीडीपीओ कार्यालय में तैनात बाबू द्वारा पैसा मांगा गया। महिला ने उस लिपिक की कॉल रिकॉर्डिंग करके सोशल मीडिया पर वायरल कर दी है।
शीला देवी निवासी थाना अटरिया के अंबरपुर के ग्राम उमापुर ने मुख्यमंत्री को आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत भेजी है। महिला द्वारा की गयी शिकायत मे बताया गया कि उसने अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत आंगनवाड़ी पद के लिए आवेदन किया था लेकिन उसका रिश्वत न देने पर चयन रोक दिया गया।
पीड़िता का कहना है कि 21 फरवरी 2025 को उन्हें सिधौली बाल विकास परियोजना कार्यालय में लिपिक द्वारा फोन कर बुलाया गया था। वहां उनके सभी प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया गया। उसके बाद नियुक्ति देने के लिए तीन लाख रुपये की मांग की गई। जब उसने रिश्वत देने से मना किया तो उसकी जगह किसी अन्य महिला को चयनित कर लिया है।