आगरा बाल विभाग के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रो मे पोषाहार वितरण में गड़बड़ी रोकने के लिए सख्ती बरती जा रही है। अब राशन वितरण मे गड़बड़ी होने पर आंगनबाड़ी वर्करो के साथ साथ सुपरवाइजर से लेकर सीडीपीओ भी जिम्मेदार होंगे। इसके लिए राशन के वितरण के बाद समीक्षा भी कराई जायेगी।
अवगत हो कि जिले मे 27 सितंबर को रिफाइंड और चने की दाल की गड़बड़ी के बाद जांच शुरू की गयी थी जिसमे तत्कालीन डीपीओ, सीडीपीओ, मुख्य सेविका के अलावा 15 आंगनबाड़ी वर्करो को निलंबित कर दिया था।
इस घटना के बाद अब जिले मे डीपीओ का प्रभार संभाल रहे हरीश मौर्या ने सभी सीडीपीओ को राशन वितरण और अन्य रजिस्टरों की समय पर जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा गया है कि राशन वितरण की शिकायतों को गंभीरता से न लेने पर सीडीपीओ के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी।
इस मामले की खबर मुख्यमंत्री कार्यालय भी पहुच गयी थी जिसके कारण सीएम योगी के सख्त आदेश पर जिले के हर आंगनबाड़ी केंद्र के आस पास में रहने वाले लोगों के नंबर लिये जा रहे हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रो के लाभार्थियो को रेंडम कॉल कर राशन वितरण के बारे मे पूछा जायेगा। साथ ही इन लोगो को रेंडम कॉल करके राशन वितरण का सत्यापन किया जायेगा।
जिले में संचालित कुल 2982 आंगनबाड़ी केन्द्रो मे 508 आंगनबाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्र में संचालित हैं। शासन के निर्देश पर जिले के सभी केंद्रों में पंजीकृत प्रत्येक लाभार्थी की जांच हो रही है। डीएम के निर्देश पर जिले मे स्थानीय स्तर पर गठित टीमें जांच कर रही हैं।
पोषण ट्रैकर एप पर भी आंगनबाड़ी केंद्रों का ऑनलाइन रिकॉर्ड रहता है। केंद्र सरकार द्वारा चलायी गयी इस एप पर लाभार्थियों का पंजीकरण, टीकाकरण, टीएचआर, वजन और केंद्र पर होने वाली गतिविधियों का डाटा ऑनलाइन रहता है। इस एप पर रिकॉर्ड को अपडेट करने का कार्य आंगनवाड़ी कार्यकत्री द्वारा किया जाता हैं।
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