आंगनवाड़ी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार नहीं मानती कोर्ट के आदेश
आंगनवाड़ी न्यूज
गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तरप्रदेश की आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय और नियमितीकरण को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्य की आंगनवाड़ी वर्कर भी इसी पशोपेश में है कि क्या उनका भी मानदेय बढ़ेगा और उनकी सरकार भी आंगनवाड़ी को सरकारी कर्मी का दर्जा देने के लिए विवश होंगी।
उत्तरप्रदेश की आंगनवाड़ी अगर गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश पर खुश हो रही है कि अगर उस राज्य में मानदेय बढ़ाया जाता है या उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा दिया है तो ये स्थिति बिल्कुल विपरीत है। इसके बहुत से कारण है जिसका आज खुलासा किया जा रहा है।
दो दिन पूर्व गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 6 माह के अंदर आंगनवाड़ी सेवा के लिए नीति बनाने को कहा है साथ ही जब तक नीति निर्धारण नहीं किया जाता तब तक आंगनवाड़ी वर्करों को चतुर्थ श्रेणी के समान वेतन दिए जाने के निर्देश दिए है।अब कोर्ट के फैसले पर राज्य सरकार क्या निर्णय लेती है ये आने वाले समय में ही पता चलेगा।
लेकिन इस आदेश पर देश की सभी राज्यों की आंगनवाड़ी भी अपनी खुशी जाहिर कर रही है। क्योंकि इस आदेश का केंद्र और राज्य सरकार पर एक बड़ा असर पड़ सकता है।गुजरात की आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा डाली गई इस याचिका को देखा जाए तो इन वर्करों की याचिका 10 साल से भी ज्यादा पुरानी है जिसका फैसला एक बड़े समय बाद आया है। इन वर्करों द्वारा 2015 से पूर्व केस दायर किया था जिसका निर्णय 2024 में दिया गया है।
उत्तरप्रदेश मे भी आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय और नियमितीकरण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा चुकी है। जिसका फैसला अभी आना बाकी है । इससे पहले भी यूपी में आंगनवाड़ी वर्करों को ग्रेजुवेटी देने और अन्य विभागीय कार्यों मे न लिए जाने के संबंध में याचिका दायर की गई थी जिसका फैसला आंगनवाड़ी के पक्ष में आया था । लेकिन इन आंगनवाड़ी वर्करों की किस्मत इतनी खराब है कि प्रदेश की योगी सरकार हाईकोर्ट के आदेश मानने को तैयार नहीं है।
सबसे पहले आंगनवाड़ी को अन्य विभागीय कार्य में न लिए जाने के सम्बंध में याचिका दायर की गई थी जिसको कोर्ट ने भी माना था कि आंगनवाड़ी को अन्य विभागीय कार्यों मे न लिया जाए। इससे पहले भी केंद्र और यूपी के बाल विकास विभाग मंत्रालय द्वारा इस सम्बंध में आदेश जारी हो चुके है लेकिन जिला स्तरीय अधिकारी इन आदेश को मानने के लिए तैयार नहीं है।
इसके बाद उत्तरप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा आंगनवाड़ी को ग्रेजुवेटी देने का आदेश जारी किया जा चुका है लेकिन कोर्ट के आदेश जारी होने के 6 माह बाद योगी सरकार डबल बैंच चली गई जिस पर ये याचिका लंबित है। प्रदेश की आंगनवाड़ी आज भी ग्रेजुवेटी का लाभ लेने का इंतजार कर रही है।