डिप्टी सीएम द्वारा वितरित नियुक्ति पत्र वाली आंगनवाड़ी महिलाओ के प्रमाण पत्र निकले फर्जी
आंगनवाड़ी भर्ती

वाराणसी जिले मे आंगनवाड़ी भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद चयनित महिलाओ को डिप्टी सीएम द्वारा नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया था लेकिन जिले के विभागीय अधिकारियों ने जिन महिलाओ का चयन किया उन महिलाओ के दस्तावेज़ फर्जी पाये गए है।
जिले मे शासन के आदेश पर सितंबर 2024 मे आंगनबाड़ी कार्यकत्री के 199 रिक्त पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। जिसमे मात्र 199 पदो के लिए 10 हजार 689 महिलाओं ने आवेदन किए थे। भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 26 मार्च को आयोजित समारोह में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने चयनित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नियुक्ति प्रमाण पत्र का वितरण किया था।
जिला | वाराणसी |
टोटल पदो की संख्या | 199 |
आवेदन की अंतिम तिथि | 25/10/2024 |
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लेकिन इन चयनित महिलाओ मे पाँच आंगनवाड़ी के खिलाफ डीपीओ कार्यालय मे शिकायत की गयी कि इन महिलाओ ने नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेजो को जमा किया है। जब इनके दस्तावेजो की जांच हुई तो इन महिलाओं के आय और निवास प्रमाण पत्र फर्जी पाये गए।
जिसमें सदर तहसील से 3 और पिंडरा तहसील से दो आंगनवाड़ी कार्यकत्री का नियुक्ति पत्र निरस्त किया गया है। जिले मे सदर तहसील से अलईपुर नक्खी घाट की नीतू विश्वकर्मा का निवास प्रमाण पत्र, कमौली चिरईगांव की श्वेता सिंह का आय प्रमाण पत्र, उदयपुर हरहुआ की सुमन चौबे का निवास प्रमाण, पिंडरा तहसील से नथईपुर बड़ागांव की स्नेहा वर्मा और मझगवांकला बड़ागांव की सीमा सिंह का आय प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है।
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डीएम सत्येंद्र कुमार ने तहसील की मिलीभगत से बनाए गए फर्जी प्रमाण पत्रो के आधार पर चयनित पाँच आंगनबाड़ी कार्यकत्री की शिकायत के बाद जांच में मामला सही पाए जाने पर उनकी सेवा समाप्त कर दी है। फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में लेखपाल पंकज गौतम को निलंबित और पहले से निलंबित चल रहे शिवप्रताप को आरोप पत्र दिया गया है।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री भर्ती के चयन में बीपीएल कार्डधारक महिलाओ को प्रथम वरीयता दी गई थी। जिसमे शासनादेश के अनुसार शहरी क्षेत्र में बीपीएल कार्डधारक की वार्षिक आय 56 हजार रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में 46 हजार रुपए निर्धारित थी।
इस मामले मे जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह का कहना है कि सदर तहसील से जुड़ी 07 और पिंडरा तहसील से जुड़ी 02 महिलाओं की नियुक्ति को लेकर आईजीआरएस और दफ्तर में लिखित शिकायतें आई थी।
इन 9 चयनित महिलाओ के खिलाफ शिकायतकर्ताओं का कहना था कि फर्जी आय, निवास प्रमाण पत्र के आधार पर महिलाओं ने नौकरी पाई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आय, जाति, निवास प्रमाण पत्रों के लिए जांच टीम बनाई गई। जांच पूरी होने तक सभी की ज्वाइनिंग भी रोक दी गई है।