आंगनवाड़ी केंद्रों मे 3 से 6 वर्ष के बच्चो की होगी इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई
आंगनवाड़ी न्यूज़
केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश देने पर रोक लगा दी गयी है। इसीलिए आंगनवाड़ी केन्द्रो पर नर्सरी से कक्षा 1 तक प्री प्राईमरी की पढ़ाई शुरू की जा रही है इसके लिए शिक्षा विभाग ने आंगनवाड़ी केन्द्रो की पढ़ाई को मान्यता प्रदान कर दी है। बाल विकास विभाग के को लोकेटेडट आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चो को प्रारम्भिक पढ़ाई शुरू हो चुकी है।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में संचालित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रो पर बच्चो को सिर्फ पोषाहार नहीं मिलेगा इन केन्द्रो पर प्ले-वे स्कूल की तरह पढ़ाई भी कराई जायेगी। इन केन्द्रो पर तीन से छह वर्ष तक के बच्चो को कक्षा 1 के बाद प्राथमिक स्कूल की पढ़ाई के लिए तैयार किया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने आंगनवाड़ी केन्द्रो पर बच्चो को पढ़ाने के लिए आंगनवाड़ी वर्करो की मदद के लिए एजुकेटर नियुक्त करने का निर्णय लिया है। एजुकेटर पद के लिए विभाग ने शेक्षिक योग्यता और मानदेय भी तय किया है। इस भर्ती के लिए जिला स्तर से कमेटी का गठन हो चुका है।
रामपुर जिले के आगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पढ़ाने के लिए 96 एजुकेटर के पदो पर नियुक्ति की जा रही है। गठित समिति जेम पोर्टल से एजेंसी का चयन करेगी इसके लिए विज्ञप्ति जारी की गयी है। चयनित एजेंसी द्वारा आवेदको का मेरिट द्वारा चयन किया जाएगा।
को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रो पर एजुकेटर पद के लिए गृह विज्ञान से ग्रेजुएशन में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले आवेदक का चयन किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा एजुकेटर का चयन 11 महीने के लिए किया जाएगा। जिले के 96 आंगनबाड़ी केंद्रों पर एजुकेटर के चयन के लिए प्रकिया चल रही है।
इन को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रो पर बच्चों को प्री-प्राइमरी शिक्षा देने के लिए टीचर्स लर्निंग किट उपलब्ध कराई गयी है। इसके लिए लगभग 8 हजार का बजट दिया गया है। इन एजुकेटर द्वारा बच्चों को सिखाते हुए पढ़ाई कराई जायेगी जिसमे बच्चों के विकास के लिए रंग, आकार, ध्वनि आदि से संबंधित गतिविधिया कराई जाएंगी।
वर्तमान समय मे जिले मे 1596 परिषदीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। जिसमे कई स्कूलों में को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र का भी संचालन हो रहा है। अब इन केन्द्रो पर अंग्रेजी माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों में कक्षाएं चलेंगी को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र का नाम दिया गया है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी नियमावली के अनुसार पहले चरण में आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों की देखभाल के लिए आउटसोर्सिंग से एजुकेटर रखे जाने हैं। इसके बाद सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्पेशल एजुकेटर रखे जाएंगे।
लेकिन बाल विभाग की आंगनवाड़ी वर्करो ने इस भर्ती का विरोध करना शुरू कर दिया है। आंगनवाड़ी का कहना है कि वो खुद ग्रेजुवेट है साथ ही वो काफी समय से इन बच्चो को प्री प्राईमरी के तहत शिक्षा दे रही है इसीलिए एजुकेटर भर्ती के लिए शिक्षको को अलग से लेने के बजाय आंगनवाड़ी वर्करो का चयन किया जाना चाहिए।