बिना सत्यापन किए डीपीओ पर चयन कराने का आरोप,डीएम ने लगाई फटकार
आंगनवाड़ी भर्ती

उत्तरप्रदेश के बाल विकास विभाग मे चल रही आंगनवाड़ी भर्ती मे धांधली अपनी चरम सीमा पर है जबकि विभागीय अधिकारी सरकार की छवि न बिगड़े इसके लिए मीडिया मे निष्पक्ष भर्ती के सम्बंध मे बयान दे रहे है जबकि प्रदेश मे कोई ऐसा जिला नहीं बचा जहा रिश्वतख़ोरी और सिफ़ारिश के दम पर नौकरी न दी गयी हो।
सीतापुर जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के चयन में फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाने का मामला जगजाहिर होने के बाद जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने जिले की सभी तहसील द्वारा बनाए गए दस्तावेजो की जांच शुरू करवा दी है। जिन महिलाओ का फर्जी प्रमाण पत्रो के सहारे चयन किया गया है उन महिलाओ मे अब नौकरी जाने का डर लगा हुआ है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज राव को अपने जिले के उच्चाधिकारियों से ही आवेदको की शिकायते छिपाने के कारण डीएम द्वारा जमकर फटकार लगाई गयी है । भर्ती मे बड़े स्तर पर गड़बड़ी होने के कारण आवेदको द्वारा शिकायत शासन से करने पर पोल खुल गयी है।
विकास भवन में डीपीओ के कार्यालय मे आंगनवाड़ी भर्ती चयन में धांधली की शिकायत करने के लिए महिलाए दफ्तर पहुंचीं तो डीपीओ अनुपस्थित थे उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया है। इससे परेशान होकर हताश महिलाए डीएम कार्यालय पहुच कर शिकायत दर्ज करा रही है।
गोंदलामऊ ब्लॉक के रलुहापुर गांव में नियुक्त सफाईकर्मी आशीष कुमार ने पत्नी रेनू देवी का फर्जी आय प्रमाण पत्र दिखाकर चयन करा लिया है। शिकायतों के आधार पर डीएम के निर्देश पर गोंदलामऊ डीपीआरओ निरीश चंद्र साहू ने एक सफाईकर्मी को सस्पेंड कर दिया है।
जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि जिन चयनित महिलाओ की सूची जारी हुई है उन महिलाओ को सभी प्रमाणपत्रों का भौतिक सत्यापन के बाद ही नियुक्ति पत्र का वितरण किया जायेगा। जबकि भारतीय किसान संघ अवध के ब्लॉक अध्यक्ष पुष्पेंद्र प्रताप सिंह का आरोप है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी घूस लेकर मेरिट सूची के अभ्यर्थियों का बिना सत्यापन के चयन कर रहे है।