लेखपालों के फर्जी आय प्रमाण पत्रो ने अपात्र महिलाओ को बनाया आंगनवाड़ी, डीएम ने एडीएम व एसडीएम को सौपी जांच
आंगनवाड़ी भर्ती

फतेहपुर जिले मे आय प्रमाण पत्र में लेखपालों के फर्जी आय प्रमाण पत्रो की वजह से अपात्र महिलाओ को आंगनवाड़ी बना दिया है। जिन महिलाओ के पास करोड़ो की संपत्ति है उन महिला अभ्यर्थी ने कम आय का प्रमाण पत्र बनवाकर पात्र महिला अभ्यर्थियों को मेरिट से बाहर जाने को मजबूर कर दिया है।
जिला | फ़तेहपुर |
टोटल पदो की संख्या | 353 |
आवेदन की अंतिम तिथि | 04/04/2024 |
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जिले में शासन के आदेश पर पिछले वर्ष आंगनबाड़ी कार्यकत्री के 353 रिक्त पदों पर आवेदन मांगे गए थे जिसके लिए लगभग 12 हजार महिला अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। कुल आए आवेदनो मे 753 पात्र आवेदनो का सत्यापन किया गया था। इन आवेदनो मे मेरिट लिस्ट जारी करते हुए 276 महिला आवेदको को नियुक्ति पत्र दिये जा चुके है। जिसमे जिले के विजयीपुर व धाता ब्लॉक की मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गयी है।
जिन महिलाओ का आवेदन निरस्त या मेरिट लिस्ट से बाहर किया गया है उसमे सबसे ज्यादा फर्जी आय प्रमाण पत्र की शिकायते मिल रही है। खागा के विजयीपुर ब्लॉक के टेसाही बुजूर्ग गांव निवासी सूर्यपाल सिंह ने डीएम को दिए गए शिकायती पत्र मे कहा है कि उनके गाँव मे जिस विधवा महिला का चयन किया है उसके पास अपार संपत्ति है
जिसमे गेस्ट हाउस, 11 दुकान, कानपुर में मकान, खेती, मृतक आश्रित में पुत्र की लेखपाल सरकारी नौकरी है साथ ही एक पुत्र उर्सला में संविदा कर्मी, एक पुत्र हैलट में लैब टेक्नीशियन है। चयनित महिला के मृतक पति शिक्षा विभाग मे अनुदेशक के पद पर थे।
चूंकि उनका बेटा लेखपाल है इसीलिए उसके पुत्र को करीब 36 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है। इतनी बड़ी संपत्ति होने के बावजूद तहसील से मात्र 41 हजार का आय प्रमाण पत्र बनाया गया है जबकि फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी लेने के कारण पात्र महिला अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो रहा है।
लिखित शिकायत मिलने पर डीएम ने इस मामले की जांच एडीएम, एसडीएम को सौंपी है। इस मामले की पूरी जानकारी नायब तहसीलदार रजनीश श्रीवास्तव के संज्ञान में भी है। जबकि डीपीओ साहब यादव ने बताया कि उन्हे किसी मामले की जानकारी नहीं है।