बेटी पैदा होने पर छोड़ना पड़ा घर, वही आंगनवाड़ी की बेटी बनी पीसीएस अधिकारी
आंगनवाड़ी न्यूज
असम लोक सेवा आयोग (APSC) द्वारा पिछले हफ्ते ही राज्य सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों की घोषणा की गई थी। इस परीक्षा में बाल विकास विभाग मे कार्य करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकत्री की बेटी दीक्षा ने आठवां स्थान हासिल किया है।दीक्षा की इस कामयाबी से आंगनवाड़ी परिवार को भी बड़ा गर्व महसूस हो रहा है।
पीसीएस बनी दीक्षा को कामयाबी मिलने की भी बड़ी दर्दनाक कहानी है दीक्षा को अपने जीवन में कई बार कठिन परिस्थियों से गुजरना पड़ा है। परिवारजनों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार माँ आंगनवाड़ी का कार्य करती है जिसका मानदेय बहुत ही कम मिलता है इसीलिए घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब थी जिसके कारण दीक्षा की मां उनको उच्च शिक्षा के लिए राज्य से बाहर नहीं भेज पाई थीं। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने शानदर सफलता हासिल की है।
दीक्षा की माँ बेबी सरकार एक आंगनवाड़ी कार्यकत्री है जब बेबी सरकार के ससुराल वालों को पता चला कि बेटी दीक्षा का जन्म पास के अस्पताल में हुआ है तो उन्होंने नवजात बच्ची को देखने से मना कर दिया। क्योंकि बेबी सरकार के ससुराल वालों समेत उनके पति भी चाहते थे कि बेबी एक लड़के को जन्म दे जिससे उनका वंश आगे बढ़े।
चूंकि अब बेटी दीक्षा का जन्म हुआ तो घर मे झगड़े बढ्ने लगे। घर मे बढ़ते विवाद के चलते बेबी सरकार अपनी एक महीने की बेटी के साथ अपने पति और उसके परिवार को छोड़कर बांग्लादेश सीमा के पास श्रीभूमि में डाकबंगला रोड पर एक मामूली दो कमरों के किराये के मकान में आकार रहने लगीं।
उसके बाद दीक्षा की माँ आंगनवाड़ी कार्यकत्री बेबी सरकार ने अपने कम मानदेय वाली नौकरी को करते हुए बेटी का पालन पोषण और शिक्षा की ज़िम्मेदारी उठाई। और आज बेटी दीक्षा ने अपनी मेहनत के दम पर एक शानदार उपलब्धि हासिल की है।
दीक्षा की माँ बेबी सरकार का कहना है कि मुझे अपनी बेटी की अविश्वसनीय उपलब्धि पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। साथ ही उसकी इस कड़ी मेहनत और समर्पण से हमारे श्रीभूमि जिले को भी बहुत खुशी और गौरव से मान बढ़ाया है।