
भारत सरकार द्वारा मिशन पोषण 2.0 के तहत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की ऑनलाइन उपस्थिती और कार्यो को स्मार्टफोन देकर तकनीकी रूप से सशक्त बनाया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा मोबाइल पर पोषण ट्रैकर का एप्लिकेशन उपयोग किए जाने से रजिस्टरों का काम बंद करते हुए डिजिटल किया गया है जिससे आंगनवाड़ी के कार्यो की गुणवत्ता में सुधार के साथ साथ केन्द्रो में चल रही सभी गतिविधियों की निगरानी करने में भी सुविधा होती है।
वर्तमान समय मे देश भर में कुल 12.56 लाख स्मार्टफोन आंगनवाड़ी वर्करो को उपलब्ध कराये गए हैं। ये स्मार्टफोन आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के अतिरिक्त मुख्य सेविका और ब्लॉक समन्वयकों को भी वितरित किये गए हैं। सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, पर्यवेक्षकों और ब्लॉक समन्वयकों को स्मार्टफोन के डेटा रिचार्ज की सहायता भी प्रदान की जाती है।
विभाग का मानना है कि कुपोषित बच्चों की पहचान करने और समय पर कार्रवाई करने के लिए लंबाई और वजन के मापदंडों की नियमित निगरानी आवश्यक है। इसलिए आंगनवाड़ी केंद्रों मे इन्फैंटोमीटर, स्टेडियोमीटर, बच्चे के वजन मापने वाला स्केल, माता और बच्चे का वजन मापने वाला स्केल जैसे ग्रोथ मॉनिटरिंग उपकरणों को उपलब्ध कराये गए है।
केन्द्रीय बाल विकास विभाग ने आंगनवाड़ी केन्द्रो और वर्करो को डिजिटल बनाने के लिए देश के आंगनवाड़ी केंद्रों में ग्रोथ मॉनिटरिंग उपकरणों के कुल 13.85 लाख सेट उपलब्ध कराये हैं। जिससे आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं और राशन जैसे कार्यो को आधुनिक कर दिया है।
उपकरणो के साथ साथ पोषण ट्रेकर पोर्टल से राशन वितरण,बच्चो और वर्करो की ऑनलाइन उपस्थिती,लंबाई ,वजन गर्भवती ,धात्री महिलाओ का डाटा समय पूर्व नोटिफिकेशन जैसी जानकारी मिलती है। जिससे बाल विकास विभाग और इसमे कार्य करने वाले कर्मचारी आधुनिक हो गए है।