लोकसभा मे सांसद ने पूछा कि क्या सूखे राशन के बदले लाभार्थियो को नक़द पैसे देने की योजना है ?
आंगनवाड़ी न्यूज

लोकसभा मे तमिलनाडू से सांसद श्री ईश्वरस्वामी के ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से पूछा है कि क्या आईसीडीएस के अंतर्गत बच्चो को मिलने वाले सूखे राशन के बदले लाभार्थियो को नक़द पैसे देने की कोई योजना है अगर हां, तो इसका ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
साथ ही सांसद ने पूछा कि देश के सभी राज्यो मे पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों का आधार पंजीकरण का ब्यौरा क्या है साथ ही बाल विकास मंत्रालय द्वारा बच्चों को योजना मे अधिक संख्या मे सम्मिलित करने, चोरी को रोकने तथा इसकी वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
राशन की चोरी को रोकने तथा इसकी वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के सवालो का जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने बताया कि मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 का उद्देश्य पोषण सामग्री के वितरण से बाल कुपोषण तथा मातृ कुपोषण की समस्या का समाधान किया जाता है। इस मिशन के तहत 6 माह से 6 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए पूरक पोषण प्रदान किया जाता है।
बाल विकास मंत्रालय द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस, बैठकों और ऑनलाइन पोषण ट्रैकर प्रणाली के माध्यम से राज्यो के साथ निरंतर संपर्क कर मिशन 2.0 के कार्यान्वयन की निरंतर निगरानी की जाती है। बाल विकास मंत्रालय ने 13.01.2021 को सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जिसमे पूरक पोषण के वितरण में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही के लिए “पोषण ट्रैकर” के माध्यम से गुणवत्ता और जिम्मेदारियां, खरीद की प्रक्रिया,आंकड़ा प्रबंधन तथा निगरानी को एकीकृत करने जैसे कई पहलुओं को कारगर बनाया जा सके।
पोषण ट्रैकर के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
पोषण ट्रैकर में पंजीकृत सभी लाभार्थियों को आधार सत्यापन के माध्यम से प्रमाणित किया जाता है।
पोषण ट्रैकर में पंजीकरण के बाद सभी लाभार्थियों को एसएमएस के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रो मे मिलने वाली सेवाओ के बारे में सूचित किया जाता है।
टीएचआर के वितरण के संबंध में, लाभार्थियों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर पोषण हेल्पलाइन विवरण के साथ एसएमएस अलर्ट भेजे जा रहे हैं। यदि लाभार्थी को टीएचआर नहीं मिलता है, तो वह पोषण हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर सकता है।
पोषण ट्रैकर में विकास निगरानी के वास्तविक रिकॉर्ड को ऑटो जनरेटेड मासिक रिपोर्ट द्वारा बदल दिया गया है। इन रिपोर्टों को डाउनलोड किया जा सकता है और पर्यवेक्षकों द्वारा समीक्षा बैठक में इनका उपयोग किया जा सकता है।
आंगनवाड़ी द्वारा गृह भ्रमण अब पोषण ट्रैकर में स्वचालित रूप से निर्धारित किए जाते हैं, जिसके लिए उन्हें रिमांडर भी मिलते हैं। गृह भ्रमण की पूर्ण और लंबित रिपोर्ट पोषण ट्रैकर में उपलब्ध है।
पोषण ट्रैकर” पर कुपोषण के नोटिफिकेशन का आंकड़ा हर माह उपलब्ध है। एनएफएचएस की तुलना में, पोषण ट्रैकर लगातार प्रत्येक माह लगभग 7-8 करोड़ बच्चों को मापता है, जिससे लाभार्थियों की पोषण स्थिति का पता चलता है।
पोषण ट्रैकर में विकास निगरानी, घरों का दौरा करने और आंगनवाड़ी केंद्रों के खुलने के आधार पर प्रोत्साहनों के लिए पात्रता की स्वतः गणना की व्यवस्था है।
पोषण ट्रैकर में फैक्ट शीट के रूप में एक नई रिपोर्ट जोड़ी गई है। पोषण ट्रैकर विकास निगरानी, आंगनवाड़ी केंद्रों के खुलने, प्रत्येक दिन बच्चों की उपस्थिति, आंगनवाड़ी केंद्रों में बुनियादी ढांचे का विवरण इत्यादि जैसी विभिन्न रिपोर्ट तैयार करता है। ये रिपोर्ट पर्यवेक्षकों, सीडीपीओ और डीपीओ सहित सभी स्तरों पर उपलब्ध हैं।
मिशन पोषण 2.0 के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियां को कुशल निगरानी और सेवा प्रदायगी के लिए स्मार्टफोन देकर उन्हें तकनीकी रूप से सशक्त बनाया गया है। मोबाइल एप्लिकेशन पोषण ट्रैकर ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले फिजीकल रजिस्टरों को डिजिटल कर दिया है।
बच्चो को मिलने वाले सूखे राशन के बदले लाभार्थियो को नक़द पैसे देने के सम्बंध मे केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने कहा कि अभी बाल विकास मंत्रालय का ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

