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आंगनवाडी सेंटरो पर हुए निरीक्षण शुरू,10 आंगनवाड़ी का मानदेय रोका

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उरई जिले की 2429 आंगनबाड़ी और सहायिका को अब आयुष्मान योजना से 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। देश के किसी भी पंजीकृत प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में इलाज मिलेगा। जिले मे आशा बहू के साथ-साथ आशा संगिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सहायिका का आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है। 2020 में फरवरी माह में जिले से आशा कार्यकर्ताओं एवं आंगनवाड़ी वर्करो की सूची मांगी गई थी।

डीपीओ कार्यालय द्वारा सभी सीडीपीओ को निर्देशित किया गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सहायिका का आयुष्मान कार्ड बनाया जाए। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा कार्यकर्ता एवं आशा संगिनी ही केवल ऐसे कर्मी हैं जिनका आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। अभी तक जिले स्तर पर या ब्लॉक स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के किसी भी कर्मी का आयुष्मान कार्ड जारी नहीं किया गया है।

आशा और आंगनबाड़ी के आयुष्मान कार्ड बनने की प्रक्रिया

आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ आशीष कुमार झा ने बताया कि आयुष्मान एप्लीकेशन के मदद से स्व पंजीकरण करते हुए अपने आधार कार्ड के मदद से ई केवाईसी कर सकते हैं। यदि किसी भी आशा अथवा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को स्व पंजीकरण मे अपना आयुष्मान कार्ड बनाने में कोई असुविधा होती है तो वह किसी भी पंजीकृत चिकित्सालय में आयुष्मान मित्र के माध्यम से अथवा आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सीएचओ के माध्यम से या पंचायत सचिवालय में पंचायत सहायक के माध्यम से अपना आयुष्मान कार्ड जारी करवा सकते हैं।

जिले के डीपीओ इफ्तेखार अहमद ने डकोर ब्लॉक के चकजगदेवपुर, औंता एवं महेवा ब्लाक के नौ आंगनबाड़ी का बुधवार को निरीक्षण किया। इस निरीक्षण मे आंगनवाड़ी केन्द्रो पर 5 आंगनवाडी कार्यकत्रियों एवं 5 सहायिकाओं को अनुपस्थित पाये जाने पर मानदेय रोक दिया है।

इसके साथ साथ क्षेत्र की मुख्य सेविकाओं को केन्द्रों का संचालन नियमानुसार न होने पर और केन्द्रो पर पंजीकृत बच्चों की उपस्थिति पंजिका के सापेक्ष कम मिलने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है। बाल विकास परियोजना अधिकारी को भी कार्य मे लापरवाही बरतने पर चेतावनी दी गई है।

औंता के विद्यालय में विभागीय भवन में संचालित तीन आंगनवाड़ी केन्द्र बंद मिले। इन केन्द्रो पर कार्यरत कार्यकत्री मीरादेवी एवं कुसुम अनुपस्थित पायी गयी। वही ब्लॉक महेवा के भवनों एवं विद्यालय में संचालित 05 आंगनबाड़ी केन्द्रों में सिर्फ कार्यकत्री अर्चना सिंह का आंगनबाड़ी केन्द्र खुला मिला लेकिन इनकी सहायिका अनुपस्थित थी।

बाकी केन्द्रो की आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सहायिका साधना,गीता, मंजू, गुडडी, देववती सरला विनीता रजनी को अनुपस्थित पाये जाने पर मानदेय रोक दिया है। डीपीओ ने कहा कि निरीक्षण में बन्द पाये गये सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं का मानदेय रोककर स्पष्टीकरण मांगा जायेगा अगर स्पष्टीकरण सन्तोषजनक नहीं मिलता है तो सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जायेगी।

डीपीओ द्वारा निरीक्षण मे उपस्थित सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को निर्देशित किया गया है कि आंगनबाड़ी केन्द्र पर विभागीय ड्रेस में उपस्थित होकर नियमानुसार केन्द्र का संचालन करें। नियमानुसार लाभार्थियो को हॉटकुक्ड फूड योजना के तहत गर्म खाना खिलाये।

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