पोषण ट्रेकर रोकेगा आंगनवाड़ी केंद्रों के पोषाहार की चोरी
आंगनवाड़ी पोषाहार

उत्तरप्रदेश मे बाल विकास विभाग के आंगनवाड़ी केन्द्रो पर मिलने वाले राशन की चोरी रोकने के लिए शासन द्वारा नयी कवायद शुरू की जा रही है अब केंद्रीय बाल विकास विभाग द्वारा चलाये जा रहे पोषण ट्रेकर पोर्टल मे बदलाव किए गए है। इस बदलाव से लाभार्थियो का चेहरा और ओ टी पी के सत्यापन द्वारा राशन दिया जायेगा।
गोरखपुर जिले मे भी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वितरण होने वाले पुष्टाहार की गड़बड़ी रोकने के लिए बाल विकास विभाग के पोर्टल पर लाभार्थी का चेहरा प्रमाणीत होने और पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी के सत्यापन के बाद ही पुष्टाहार दिया जाएगा।
इसके लिए शासन के निर्देश पर जिला स्तरीय अधिकारियों और कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। जिससे परियोजना स्तर और आंगनवाड़ी केन्द्रो के साथ साथ फर्जी लाभार्थियो द्वारा की जारी राशन चोरी पर लगाम लग जायेगी। साथ ही राशन लेने के लिए लाभार्थी के अतिरिक्त किसी अन्य परिवार के सदस्यो को राशन नहीं मिलेगा।
बाल विकास विभाग की पोषण ट्रेकर एप से पहले लाभार्थी का फेस ऑथेंटिकेशन होगा। इसके बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाएगा। चेहरे के मिलन के बाद ही राशन मिलेगा अगर कोई लाभार्थी केंद्र पर आने मे असमर्थ है तो उसके मोबाइल नंबर पर ओटीपी सत्यापन के बाद ही लाभार्थियों को पुष्टाहार मिलेगा।
वर्तमान समय मे जिले के कुल 4244 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 4.18 लाख लाभार्थी पंजीकृत है जिसमे 47 हजार से अधिक गर्भवती महिलाएं, 6 माह से 3 साल उम्र के 1.79 लाख बच्चे और 3 से 6 साल तक के 1.86 लाख बच्चों को पुष्टाहार का वितरण किया जाता है।
बाल विकास विभाग के पोषण ट्रैकर एप पर लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों का शत-प्रतिशत आधार फीडिंग के आदेश दिये गए है। पोषण ट्रैकर एप पर पंजीकृत लाभार्थी के अतिरिक्त किसी अन्य को पोषाहार नहीं दिया जाएगा। आंगनवाड़ी द्वारा पोषाहार वितरण के बाद लाभार्थी के पंजीकृत मोबाइल पर राशन वितरण की सूचना का मैसेज जाएगा। जिससे लाभार्थी के नाम पर फर्जी तरीके से पोषाहार का वितरण के खेल पर रोक लग सकेगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिनव मिश्रा का कहना है कि पुष्टाहार में धांधली की शिकायतों को देखते हुए पोषण ट्रेकर एप के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन और ओटीपी सत्यापन के बाद ही पुष्टाहार का वितरण होगा। शासन के निर्देश के बाद अधिकारियों का प्रशिक्षण हो चुका है।
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