तलाकशुदा और विधवा महिलाओं की अनदेखी कर अन्य महिलाओं का आंगनवाड़ी मे किया गया चयन
आंगनवाड़ी भर्ती मे धांधली

अमेठी जिले में बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए ऑनलाइन मांगे गए 427 रिक्त पदों के आवेदन के लिए 409 पर नियुक्तियां कर दी गयी है। लेकिन अभी भी 18 पद पर नियुक्ति नहीं की गयी हैं। लेकिन जिन पदों पर नियुक्तियां की गयी है उन पदो पर भी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही हैं।
जिले के कलेक्ट्रेट पर पहुंच कर आवेदन करने वाली महिलाएं भर्ती के दौरान भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत कर रहीं है। इस आंगनबाड़ी भर्ती में बड़े पैमाने पर नियमों को ताक पर रखकर अपात्रों के चयन किया जा रहा है। शिकायत के बाद भी अभी तक विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। शिकायत के आधार पर डीएम निशा अनंत ने डीपीओ संतोष श्रीवास्तव से जवाब मांगा है।
भादर विकास क्षेत्र के घोरहा निवासी शिकायत कर्ता महिला मंजू सिंह ने आरोप लगाया है कि उसने निराश्रित विधवा महिला की श्रेणी से आंगनबाड़ी भर्ती में कार्यकत्री के पद के लिए आवेदन किया था। लेकिन उसका आवेदन पहले पात्र था लेकिन भी प्राप्त लेकिन बाद में उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया। जबकि आंगनवाड़ी भर्ती नियमावली मे विधवा महिलाओं को वरीयता दिया जाना है।
अन्य शिकायतकर्ताओ मे भेटुआ विकास खंड निवासी रेशू कोरी का कहना है कि उसने तलाकशुदा महिला श्रेणी से अपने गांव के लिए आवेदन किया था। लेकिन उसके आवेदन को निरस्त करते हुए दूसरे गाँव की महिला को उसके गाँव मे चयन कर दिया गया है । वही दूसरी और जगदीशपुर की मीरा यादव ने बताया कि उसने पिछूती से विधवा श्रेणी से आवेदन किया था लेकिन अच्छी मेरिट होने के बाद भी उनके स्थान पर दूसरी महिला जिसकी आय भी बहुत ज्यादा थी उसका चयन कर लिया गया है।
शाहगढ़ क्षेत्र की पूरे हीरबल उलरा निवासी साधना पांडे का कहना है कि उनके फार्म में सिर्फ पूर्णांक की गलती हो जाने से उनका चयन रोक दिया गया। जबकि वेरिफिकेशन में सब कुछ ठीक था। संग्रामपुर के इटौरी निवासी श्वेता शुक्ला ने बताया कि उनके गांव से पंचायत सहायक के पद पर काम करने वाली शिखा शुक्ला का चयन कर लिया गया है उसके द्वारा लगाए गए आवेदन मे आय प्रमाण पत्र मे फर्जी आय दर्शाई गयी है।
डीएम निशा अनन्त ने कहा कि आंगनबाड़ी भर्ती के सम्बंध मे ज्यादातर शिकायतें आय और निवास प्रमाण पत्र से संबंधित प्राप्त हुई हैं। उसमे सभी आवेदको के प्रमाण पत्रों का तहसीलों से सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन के बाद ही फर्जी नियुक्तियां की जानकारी मिलेगी। साथ ही डीपीओ कार्यालय में सभी आवेदको की शिकायतें दर्ज करने के लिए रजिस्टर बनवाया गया है। की जा रही हैं। यदि जांच में कहीं से भी गड़बड़ी सामने आती है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।