आंगनवाड़ी केंद्रों मे गर्म भोजन देने के लिए बर्तनों की समस्या खत्म, हर केंद्र के लिए 10 हजार जारी
हॉट कुक्ड योजना
प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में हाट कुक्ड फूड योजना के तहत गर्म भोजन देने की कवायद अब दुबारा शुरू हो गयी है। शासन द्वारा बच्चो को गर्म भोजन देने मे नॉन को लोकेटेड आंगनवाड़ी केन्द्रो पर सबसे बड़ी समस्या बर्तनो की आ रही थी इसको लेकर अब विभाग ने जिलो मे बजट भेजना शुरू कर दिया है।
सुलतानपुर जिले मे शासन ने जिले के बाल विकास सेवा विभाग को आंगनवाड़ी केन्द्रो मे पंजीकृत बच्चों को भोजन खिलाने व बनाने मे बर्तनों की खरीद के लिए से 250 करोड़ का बजट जारी किया हैं। जिले के 250 आंगनवाड़ी केन्द्रो मे प्रत्येक केंद्र को दस हजार रुपये के हिसाब से ये राशि दी जायेगी।
जिले मे कुल 2511 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है जिनमे 298 आंगनवाड़ी केंद्र नॉन को लोकेटेड की श्रेणी मे है। जिनमे 250 केन्द्रो के लिए बजट जारी किया गया है बाकी शेष 48 केन्द्रो मे सहायिका की नियुक्ति न होने से बजट जारी नहीं किया गया है।
बाल विकास विभाग की हाट कुक्ड फूड योजना की नियमावली के अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्रो मे गर्म भोजन बनाने, बच्चो को बुलाने और परोसने की ज़िम्मेदारी सहायिका को दी गयी है। चूंकि जिले मे 48 आंगनवाड़ी केन्द्रो मे सहायिका नियुक्त नहीं है ऐसी स्थिति मे इन केन्द्रो मे भोजन बनाने मे समस्या आने के कारण इन केन्द्रो मे बजट जारी नहीं किया गया है। इन केन्द्रो पर पर पंजीकृत बच्चों को भोजन खाने के लिए सहायिका की नियुक्ति होने तक प्रतीक्षा करनी होगी।
फिलहाल इन केन्द्रो पर बच्चों को दाल ,दलिया और तेल का वितरण कराया जा रहा है। जिन केन्द्रो पर सहायिकाओं की नियुक्ति है उन आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिड डे मील की तरह हाट कुक्ड फूड योजना के अंतर्गत तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को गर्म भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि जो आंगनवाड़ी केंद्र स्कूल परिसर मे संचालित है या जो आंगनबाड़ी केंद्र स्कूलों के दो सौ मीटर दूरी की सीमा में हैं उन को-लोकेटेड केन्द्रो के बच्चो को उन स्कूली बच्चों के साथ एमडीएम का लाभ दिया जा रहा है।
शासन द्वारा हर केंद्र मे भोजन बनाने के लिए गैस कनेक्शन के साथ रेगुलेटर, सिलेंडर व चूल्हा, बड़ा भगोना, कड़ाही, बाल्टी, थाली, गिलास, चम्मच, कटोरी, बाल्टी, जग, कल्छी, चौका, बेलन, छलनी, चाकू आदि के लिए 10 हजार रुपये का बजट दिया जा रहा है जिसमे गैस कनेक्शन को लेकर बड़ी समस्या आ रही हैं। वैसे भी जिला स्तरीय अधिकारियों को इतनी महंगाई के कारण दिये जा रहे बजट में भोजन बनाने की व्यवस्था करना बहुत मुश्किल लग रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद कुमार त्रिपाठी का कहना है कि जिले के को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों के अतिरिक्त 250 केन्द्रो मे बर्तनो और सहायिका न होने के कारण हाट कुक्ड फूड योजना का संचालन नहीं हो रहा है। शासन से बर्तनों आदि के लिए बजट जारी होने के बाद सभी सामाग्री की खरीद के लिए सीडीपीओ को निर्देश जारी किए जा रहे हैं।