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आंगनवाड़ी ,आशा वर्करों को आगामी बजट मे कर्मचारी बनाए जाने का प्रस्ताव

बजट 2025

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 के लिए बजट-पूर्व परामर्श बैठक 6 जनवरी को नई दिल्ली में संपन्न हुईं। इस बैठक मे प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ किसान संघों और कृषि अर्थशास्त्रियों ट्रेड यूनियनों शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल थे।

इस बैठक के दौरान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव और दीपम सचिव श्री तुहिन कांता पांडे, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव श्री अजय सेठ, वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव श्री एम. नागराजू, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंथा नागेश्वरन और वित्त मंत्रालय तथा संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने सभी विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों के बहुमूल्य सुझाव साझा करने के लिए आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया है कि केंद्रीय बजट 2025-26 तैयार करते समय उनके सुझावों की सावधानीपूर्वक जांच की जाएगी और उन पर विचार किया जाएगा।

इस बैठक मे ट्रेड यूनियन को सेंटर (TUCC )के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। TUCC ने भी वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट के निर्माण के लिए वित्त मंत्री को असंगठित क्षेत्र,मानदेय कर्मी और देनिक भोगियों की समस्याओ के सम्बंध मे पत्र द्वारा सुझाव दिया है।

TUCC ने बजट में वित्तीय प्रावधान इस देश के औपचारिक और अनौपचारिक कार्यबल के संघर्ष को कम करने रोजगार सृजन, युवा पीढ़ी में उद्यमिता को बढ़ावा देने और उन्हें टिकाऊ आजीविका की ओर मार्गदर्शन करने के लिए कुछ सुझाव प्रस्तुत किये हैं।

सरकार को बिना किसी और देर के वेजेस कोड और सोशल सिक्योरिटी कोड को तत्काल लागू करना चाहिए।

78 लाख EPS पेंशनरों की पेंशन को तत्काल न्यूनतम ₹5000/- प्रति माह किया जाना चाहिए और इसे VDA से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि समय-समय पर इसका वृद्धि हो सके सके और उनके जीवन को आरामदायक बनाया जा सके।

आशा, आंगनवाड़ी, मिड-डे मील वर्करो को किसी भी श्रेणी के कर्मचारी की मान्यता प्राप्त नहीं हैं ये वर्कर अधिकांश महिलाएँ हैं। इसीलिए इन्हे कर्मचारी की श्रेणी मे लाया जाना चाहिए साथ ही इनको ESIC और EPFO के तहत कवरेज प्रदान किया जाना चाहिए। गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार आंगनवाड़ी वर्करो को वेतन/सैलरी दी जानी चाहिए।

आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर वार्षिक ₹10 लाख किया जाना चाहिए।

EPFO और ESIC की सीमा को 2017 से VDA वृद्धि के अनुपात में बढ़ाकर ₹35000 प्रति माह किया जाना चाहिए, ताकि औद्योगिक और अन्य श्रमिकों को निरंतर सुविधाएँ मिल सकें। साथ ही वन विभाग के विभिन्न विंगों में विभिन्न काडरों में वेतन विसंगतियों को दूर किया जाना चाहिए।

NHM कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किया जाये। और NPS/UPS को समाप्त करके OPS को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए।

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